जोधपुर. शेरगढ़ के भूंगरा में शादी वाले घऱ में सिलेंडर फटने (Jodhpur Cylinder Blast Case) से गुरुवार को जो हादसा हुआ वह इस परिवार को जिंदगी भर का दुख दे गया. हादसे की चपेट में आकर झुलसे तमाम लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और कई जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. हादसे की चपेट में सगत सिंह का पूरा परिवार आ गया. बेटे सुरेंद्र के विवाह में शामिल होने आई बहू, बेटियां, बच्चे हादसे में झुलसने के कारण असहनीय दर्द झेल रहे हैं. खुद सगतसिंह भी पत्नी सहित अस्पताल में भर्ती हैं.
शुक्रवार को सगत सिंह के बेटे सुरेंद्र की बारात वापस बहू ओम कंवर के साथ लौटनी थी. आज इसका उत्सव होता लेकिन आज शुक्रवार इस हादसे में मौत का शिकार हुए 5 लोगों का अंतिम संस्कार गांव में किए जा रहे हैं. अस्पताल में सगतसिंह के भाई का बेटा रविंद्र सिंह परिवार जनों की सेवा में लगा है. उसने बताया कि गुरुवार को सुरेंद्र की मां धापूकंवर गुरुवार को परिवार की महिलाओं के साथ बेटे की बारात विदा करने की तैयारी में थी, लेकिन एक धमाके ने सबकी उम्मीदों और सपनों को तोड़ दिया.
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गैस सिलेंडर लीकेज से ऐसा हादसा हुआ कि परिवार सहित 52 लोग आग की चपेट में आ (Jodhpur Cylinder Blast injured admit in Hospital) गए. गुरुवार दोपहर बारात जाने के लिए तैयार खड़ी गाड़ियों में परिवार के झुलसे लोगों को लेकर अस्पताल लाया गया. घर का पूरा सामान जल कर राख हो गया. परिवार की बेटियों और बहुओं के जेवरात भी जल गए. सगत सिंह के दो साल के पौत्र रतन सिंह की तो उपचार से पहले ही मौत हो गई. एमजीएच के सर्जिकल वार्ड और बर्न यूनिट में बाकी 47 घायलों का उपचार चल रहा है.
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रात को बेटे के साथ ली थी फोटो, तीनों अस्पताल में
बुधवार रात को सगत सिंह के घर पर उल्लास का माहौल था. बच्चे ढोल पर नाच रहे थे. सगत सिंह और धापूकंवर ने दूल्हा बने सुरेंद्र सिंह का मुंह मीठा करवाया था. इसका फोटो भी लिया गया. आज तीनों अस्पताल में हैं. सुरेंद्र गुजरात के मोरबी में काम करता है. वह शादी के लिए आया था. उनका भाई सांग सिंह जयपुर में रहता है. वह भी परिवार के साथ शादी में आया था. उसकी पत्नी पूनम कंवर और बेटा आईपाल सिंह अस्पताल में भर्ती है. जबकि एक बेटे रतन सिंह की मौत हो गई. सुरेंद्र की बहन रसाल कंवर और भांजा महेश पाल भी झूलसने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं.
अंदर नहीं घुस सका कोई भी
रविंद्र सिंह ने बताया कि बारात रवाना होने से पहले बारातियों के लिए चाय बनाई जा रही थी. इस दौरान ही सिलेंडर लीक होने पर आग फैल गई. सिलेंडर उछल कर दूल्हे के चारों ओर खड़ी महिलाओं पर गिरा और आग का गोला बन गया. इस दौरान सभी तेज लपटों की चपेट में आ गए. अंदर आग में बहनें, बेटियां और बच्चे बुरी तरह से घिर चुके थे. कोई अंदर नहीं जा पा रहा था. तुरंत ही टैंकर से पानी डालना शुरू किया गया. जलते हुए लोग बाहर आए तो उनके कपडे़ शरीर पर चिपक गए थे. बारात के लिए तैयार गाडियों से सबको अस्पताल लेकर जाया गया.