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जोधपुर के कई स्कूलों में 60 बच्चों के बैठने की जगह वाला स्कूल बना 200 बच्चों का परीक्षा केन्द्र... - परीक्षा केन्द्र

जोधपुर में गुरुवार से 5वीं कक्षा के बच्चों की बोर्ड पैटर्न पर परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में एक ऐसा स्कूल जहां 60 बच्चों के बैठने की क्षमता है और 200 बच्चों का परीक्षा केन्द्र उस स्कूल को बनाया गया है.

60 बच्चों की क्षमता वाला स्कूल 200 बच्चों का बना परीक्षा केन्द्र
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Published : Apr 4, 2019, 10:05 PM IST

जोधपुर. शिक्षा विभाग द्वारा 5वीं कक्षा के छात्रों के लिए बोर्ड पैटर्न पर परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं. लेकिन परीक्षा केंद्र के इंतजाम पूरी तरह से पस्त हैं.

गुरुवार (4 अप्रैल) से शुरू हुई इन परीक्षाओं के लिए से सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों के लिए उनकी स्कूल से इतर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए. जहां उनके बैठने तक के इंतजाम नहीं हुए. इसका कारण यह है कि जिन स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. वहां क्षमता से अधिक छात्रों को परीक्षा के बुलाया गया है.

60 बच्चों के बैठने की जगह वाला स्कूल, 200 का परीक्षा केन्द्र बनाया गया

शहर के पावटा स्थित सरकारी प्रथमिक विद्यालय की यही हालत है. यहां 60 बच्चों के बैठने की जगह है, लेकिन 198 को केंद्र आवंटित किया गया है. आलम यह है कि निजी स्कूलों के बच्चे जो अपनी स्कूल में शायद ही कभी दरी पर बैठे हों उन्हें सरकारी स्कूलों के परीक्षा केंद्रो पर जमीन पर दरी बिछा कर परीक्षा देनी पड़ रही है.

स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि क्षमता से अधिक बच्चों की परीक्षा लेनी है. इसके लिए निजी स्कूलों को सूचित कर दिया था. स्कूल में टेबल और स्टूल नहीं होने की स्थिति में बच्चों के परीक्षा देने में असुविधा ना हो, इसके लिए तख्ती उपलब्ध करवाई गई है.

जोधपुर. शिक्षा विभाग द्वारा 5वीं कक्षा के छात्रों के लिए बोर्ड पैटर्न पर परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं. लेकिन परीक्षा केंद्र के इंतजाम पूरी तरह से पस्त हैं.

गुरुवार (4 अप्रैल) से शुरू हुई इन परीक्षाओं के लिए से सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों के लिए उनकी स्कूल से इतर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए. जहां उनके बैठने तक के इंतजाम नहीं हुए. इसका कारण यह है कि जिन स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. वहां क्षमता से अधिक छात्रों को परीक्षा के बुलाया गया है.

60 बच्चों के बैठने की जगह वाला स्कूल, 200 का परीक्षा केन्द्र बनाया गया

शहर के पावटा स्थित सरकारी प्रथमिक विद्यालय की यही हालत है. यहां 60 बच्चों के बैठने की जगह है, लेकिन 198 को केंद्र आवंटित किया गया है. आलम यह है कि निजी स्कूलों के बच्चे जो अपनी स्कूल में शायद ही कभी दरी पर बैठे हों उन्हें सरकारी स्कूलों के परीक्षा केंद्रो पर जमीन पर दरी बिछा कर परीक्षा देनी पड़ रही है.

स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि क्षमता से अधिक बच्चों की परीक्षा लेनी है. इसके लिए निजी स्कूलों को सूचित कर दिया था. स्कूल में टेबल और स्टूल नहीं होने की स्थिति में बच्चों के परीक्षा देने में असुविधा ना हो, इसके लिए तख्ती उपलब्ध करवाई गई है.

Intro:जोधपुर शिक्षा विभाग द्वारा पांचवी कक्षा के छात्रों के लिए बोर्ड पैटर्न पर परीक्षाएं आयोजित की जा रही है, लेकिन परीक्षा केंद्र के इंतजाम पूरी तरह से पस्त है। गुरुवार से शुरू हुई इन परीक्षाओं के लिए से सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों के लिए उनकी स्कूल से इतर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए। जहां उनके बैठने तक के इंतजाम नही हुए। इसका कारण यह है कि जिन स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए है वहां क्षमता से अधिक छात्रों को परीक्षा के बुलाया गया है। शहर के पावटा स्थित सरकारी प्रथमिक विद्यालय की यही हालत है यहां 60 बच्चों के बैठने की जगह है लेकि 198 को केंद्र आवंटित किया गया है।
आलम यह है कि निजी स्कूलों के बच्चे जो अपनी स्कूल में शायद ही कभी दरी पर बैठे हो उन्हें सरकारी स्कूलों के परीक्षा केंद्रो पर जमीन पर दरी बिछा कर परीक्षा देनी पड़ रही है।


Body:स्कूल के प्रधानाध्यापक बताते है कि हमे सहमत से अधिक बच्चों की परीक्षा लेनी है, इसके लिए निजी स्कूलों को सूचित कर दिया था। टेबल स्टूल नही होने की स्थिति में बच्चों के परीक्षा देने में असुविधा नही ही इसके लिए तख्ती उपलब्ध करवाई गई है।



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