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पायलट के पास बचे थे कुछ ही सेकेंड, कूदते ही औंधे मुंह गिरा MIG-27

उत्तरलाई स्थित वायुसेना के एअरबेस से नियमित उड़ान पर निकले मिग-27 के पायलट को कुछ देर की उड़ान के बाद इंजन में तकनीकी समस्या के संकेत मिले.

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Published : Mar 31, 2019, 3:14 PM IST

Updated : Mar 31, 2019, 11:49 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

जोधपुर. कारगिल के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा देने वाले सोवियत युग के मिग-27 के लगातार हादसों का शिकार बनते जा रहे हैं. रविवार सुबह जोधपुर से करीब 120 किमी दूर सिरोही जिले में 11.45 बजे के करीब एक मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

इस विमान में एक पायलट था, उसने दुर्घटना को भांपते हुए इग्जिट कर लिया. विमान सिरोही जिले के शिवगंज क्षेत्र में गोडाणा बांध क्षेत्र में दुर्घटना ग्रस्त हो गया. इसके कुछ देर बाद ही वायुसेना और सेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लडाकू विमान के मलबे को कब्जे में ले लिया. साथ ही पायलट को उपचार के लिए जोधपुर भेजा.

mig 27 crashed of IAF in sirohi
क्रैश मिग-27 का मलबा

वायु सेना ने इस मामले की कोर्ट ऑफ इन्कवारी के आदेश दिए हैं. उत्तरलाई स्थित वायुसेना के एअरबेस से नियमित उड़ान पर निकले मिग-27 के पायलट को कुछ देर की उड़ान के बाद इंजन में तकनीकी समस्या के संकेत मिले. तुरंत पायलट ने खुला मैदानी इलाका देख इग्जिट कर लिया. क्योंकि आस पास गांव और ढाणियां थी इससे कोई जनहानि नहीं हो. पायलट के इग्जिट होने के एक मिनट के अंदर ही यह विमान जमीन पर औंधे मुंह जा गिरा.

विमान में आग लग गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक विमान से कुछ दूर पर ही पॉयलट पैराशूट से निकल गया था. घटना स्थल से करीब दो किमी दूर पायलट जमीन पर उतरा. सेना ने विमान के मलबे के आस पास का क्षेत्र अपने कब्जे में ले लिया है. वायुसेना के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. साथ ही उनकी टीम ने आस पास विमान के बिखरे कलपुर्जे जुटाने शुरू कर दिए. इससे पहले सिरोही जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए.

mig 27 crashed of IAF in sirohi
खुले क्षेत्र में बिखरे मिग-27 के बिखरे कलपुर्जे

अब केवल जोधपुर में ही बचे है मिग-27
भारतीय वायुसेना में मिग श्रेणी के मिग-21 को जोधपुर एअरबेस से करीब डेढ़ साल पहले अलविदा कर दिया था. अब करीब तीन दर्जन मिग-27 यहां बचे हैं जो वायु सैनिकों के नियमित उड़ान (अभ्यास) में काम आते हैं. इसके अलावा जोधपुर में सुखोई लडाकू विमान की स्क्वाड्रन है. मिग श्रेणी के लडाकू विमानों में तकनीकी खामियां के चलते इनके दुर्घटनाग्रस्त होने का क्रम लगातार चलता रहता है.

इससे पहले 4 सितंबर 2018 को जोधपुर के समीप बनाड गांव व 2016 में जोधपुर के सघन रिहायशी इलाके में मिग-27 का इंजन फैल हुआ था, लेकिन पॉयलट ने सूझबूझ से खाली प्लॉट के पास विमान को क्रेश करवाया था. वहीं हाल ही में पोकरण में भी 12 फरवरी को वायु सेना के युद्याभ्यास के दौरान एक मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.

सिरोही में क्रैश हुए मिग-27 का वीडियो

1980 में शामिल हुआ था मिग-27 वायुसेना के बेड़े में
मिग-27 फाइटर जेट सोवियत युग के विमान हैं. जिन्हें साल 1980 में भारतीय वायुसेना द्वारा अपने बेड़े में शामिल किया गया था. जब पाकिस्तान के साथ भारतीय सेना का 1999 के कारगिल युद्ध हुआ था तब भारतीय वायुसेना ने इन्हीं मिग विमानों की मदद से युद्द लड़ा था और पाकिस्तान को धूल चटाई थी. हालांकि तकनीक के हिसाब से अब ये विमान काफी पुराने हो चुके हैं यही वजह है कि लगातार मिग-27 विमान के क्रैश होने की खबरें आती रहती हैं.

जोधपुर. कारगिल के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा देने वाले सोवियत युग के मिग-27 के लगातार हादसों का शिकार बनते जा रहे हैं. रविवार सुबह जोधपुर से करीब 120 किमी दूर सिरोही जिले में 11.45 बजे के करीब एक मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

इस विमान में एक पायलट था, उसने दुर्घटना को भांपते हुए इग्जिट कर लिया. विमान सिरोही जिले के शिवगंज क्षेत्र में गोडाणा बांध क्षेत्र में दुर्घटना ग्रस्त हो गया. इसके कुछ देर बाद ही वायुसेना और सेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लडाकू विमान के मलबे को कब्जे में ले लिया. साथ ही पायलट को उपचार के लिए जोधपुर भेजा.

mig 27 crashed of IAF in sirohi
क्रैश मिग-27 का मलबा

वायु सेना ने इस मामले की कोर्ट ऑफ इन्कवारी के आदेश दिए हैं. उत्तरलाई स्थित वायुसेना के एअरबेस से नियमित उड़ान पर निकले मिग-27 के पायलट को कुछ देर की उड़ान के बाद इंजन में तकनीकी समस्या के संकेत मिले. तुरंत पायलट ने खुला मैदानी इलाका देख इग्जिट कर लिया. क्योंकि आस पास गांव और ढाणियां थी इससे कोई जनहानि नहीं हो. पायलट के इग्जिट होने के एक मिनट के अंदर ही यह विमान जमीन पर औंधे मुंह जा गिरा.

विमान में आग लग गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक विमान से कुछ दूर पर ही पॉयलट पैराशूट से निकल गया था. घटना स्थल से करीब दो किमी दूर पायलट जमीन पर उतरा. सेना ने विमान के मलबे के आस पास का क्षेत्र अपने कब्जे में ले लिया है. वायुसेना के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. साथ ही उनकी टीम ने आस पास विमान के बिखरे कलपुर्जे जुटाने शुरू कर दिए. इससे पहले सिरोही जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए.

mig 27 crashed of IAF in sirohi
खुले क्षेत्र में बिखरे मिग-27 के बिखरे कलपुर्जे

अब केवल जोधपुर में ही बचे है मिग-27
भारतीय वायुसेना में मिग श्रेणी के मिग-21 को जोधपुर एअरबेस से करीब डेढ़ साल पहले अलविदा कर दिया था. अब करीब तीन दर्जन मिग-27 यहां बचे हैं जो वायु सैनिकों के नियमित उड़ान (अभ्यास) में काम आते हैं. इसके अलावा जोधपुर में सुखोई लडाकू विमान की स्क्वाड्रन है. मिग श्रेणी के लडाकू विमानों में तकनीकी खामियां के चलते इनके दुर्घटनाग्रस्त होने का क्रम लगातार चलता रहता है.

इससे पहले 4 सितंबर 2018 को जोधपुर के समीप बनाड गांव व 2016 में जोधपुर के सघन रिहायशी इलाके में मिग-27 का इंजन फैल हुआ था, लेकिन पॉयलट ने सूझबूझ से खाली प्लॉट के पास विमान को क्रेश करवाया था. वहीं हाल ही में पोकरण में भी 12 फरवरी को वायु सेना के युद्याभ्यास के दौरान एक मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.

सिरोही में क्रैश हुए मिग-27 का वीडियो

1980 में शामिल हुआ था मिग-27 वायुसेना के बेड़े में
मिग-27 फाइटर जेट सोवियत युग के विमान हैं. जिन्हें साल 1980 में भारतीय वायुसेना द्वारा अपने बेड़े में शामिल किया गया था. जब पाकिस्तान के साथ भारतीय सेना का 1999 के कारगिल युद्ध हुआ था तब भारतीय वायुसेना ने इन्हीं मिग विमानों की मदद से युद्द लड़ा था और पाकिस्तान को धूल चटाई थी. हालांकि तकनीक के हिसाब से अब ये विमान काफी पुराने हो चुके हैं यही वजह है कि लगातार मिग-27 विमान के क्रैश होने की खबरें आती रहती हैं.

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पायलट के पास बचे थे कुछ ही सैकंड़, कूदते ही औंधे मुंह गिरा MIG-27

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जोधपुर. कारगिल के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा देने वाले सोवियत युग के मिग-27 के लगातार हादसों का शिकार बनते जा रहे हैं. रविवार सुबह जोधपुर से करीब 120 किमी दूर सिरोही जिले में 11.45 बजे के करीब एक मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

इस विमान में एक पायलट था, उसने दुर्घटना को भांपते हुए इग्जिट कर लिया. विमान सिरोही जिले के शिवगंज क्षेत्र में गोडाणा बांध क्षेत्र में दुर्घटना ग्रस्त हो गया. इसके कुछ देर बाद ही वायुसेना और सेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लडाकू विमान के मलबे को कब्जे में ले लिया. साथ ही पायलट को उपचार के लिए जोधपुर भेजा.

वायु सेना ने इस मामले की कोर्ट ऑफ इन्कवारी के आदेश दिए हैं. उत्तरलाई स्थित वायुसेना के एअरबेस से नियमित उड़ान पर निकले मिग-27 के पायलट को कुछ देर की उड़ान के बाद इंजन में तकनीकी समस्या के संकेत मिले. तुरंत पायलट ने खुला मैदानी इलाका देख इग्जिट कर लिया. क्योंकि आस पास गांव और ढाणियां थी इससे कोई जनहानि नहीं हो. पायलट के इग्जिट होने के एक मिनट के अंदर ही यह विमान जमीन पर औंधे मुंह जा गिरा.

विमान में आग लग गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक विमान से कुछ दूर पर ही पॉयलट पैराशूट से निकल गया था. घटना स्थल से करीब दो किमी दूर पायलट जमीन पर उतरा. सेना ने विमान के मलबे के आस पास का क्षेत्र अपने कब्जे में ले लिया है. वायुसेना के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. साथ ही उनकी टीम ने आस पास विमान के बिखरे कलपुर्जे जुटाने शुरू कर दिए. इससे पहले सिरोही जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए.



अब केवल जोधपुर में ही बचे है मिग-27

भारतीय वायुसेना में मिग श्रेणी के मिग-21 को जोधपुर एअरबेस से करीब डेढ़ साल पहले अलविदा कर दिया था. अब करीब तीन दर्जन मिग-27 यहां बचे हैं जो वायु सैनिकों के नियमित उड़ान (अभ्यास) में काम आते हैं. इसके अलावा जोधपुर में सुखोई लडाकू विमान की स्क्वाड्रन है. मिग श्रेणी के लडाकू विमानों में तकनीकी खामियां के चलते इनके दुर्घटनाग्रस्त होने का क्रम लगातार चलता रहता है.

इससे पहले 4 सितंबर 2018 को जोधपुर के समीप बनाड गांव व 2016 में जोधपुर के सघन रिहायशी इलाके में मिग-27 का इंजन फैल हुआ था, लेकिन पॉयलट ने सूझबूझ से खाली प्लॉट के पास विमान को क्रेश करवाया था. वहीं हाल ही में पोकरण में भी 12 फरवरी को वायु सेना के युद्याभ्यास के दौरान एक मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.



1980 में शामिल हुआ था मिग-27 वायुसेना के बेड़े में

मिग-27 फाइटर जेट सोवियत युग के विमान हैं. जिन्हें साल 1980 में भारतीय वायुसेना द्वारा अपने बेड़े में शामिल किया गया था. जब पाकिस्तान के साथ भारतीय सेना का 1999 के कारगिल युद्ध हुआ था तब भारतीय वायुसेना ने इन्हीं मिग विमानों की मदद से युद्द लड़ा था और पाकिस्तान को धूल चटाई थी. हालांकि तकनीक के हिसाब से अब ये विमान काफी पुराने हो चुके हैं यही वजह है कि लगातार मिग-27 विमान के क्रैश होने की खबरें आती रहती हैं.




Conclusion:
Last Updated : Mar 31, 2019, 11:49 PM IST
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