जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामले में एसओजी की ओर से दर्ज मुकदमे में याचिकाकर्ता अशोक राठौड़ सहित अन्य को राहत दे दी है. कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश कुलदीप माथुर की एकलपीठ के समक्ष इंदु डाकलिया,अशोक राठौड सहित आठ लोगों के मामले में याचिका पेश की गई.
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेन्द्रसिंह राठौड़ और उनके सहयोगी सुनील जोशी एवं प्रियंका बोराणा ने पैरवी करते हुए बताया कि एसओजी संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी घोटाले के मामले में जयपुर एसओजी में एक प्राथमिकी संख्या 32/2019 दर्ज की है. इसमें याचिकाकर्ताओं को डर है उनको गिरफ्तार किया जा सकता है.
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एसओजी के एडिशनल एसपी मनोज चौधरी सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता कम राजकीय अधिवक्ता अनिल जोशी के साथ मौजूद रहे. उन्होने कोर्ट को बताया कि फिलहाल अभियुक्त याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार करने का कोई इरादा नहीं है. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए 25 जनवरी को सुनवाई मुकरर्र की है.
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यह है पूरा मामला: संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 शाखाओं सहित भारत के कई अन्य राज्यों में भी अपनी शाखाएं खोली. जिससे करीब 1 लाख 46 हजार 993 निवेशकों से 953 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निवेश करा ठगी की गई. ठगी के मामले में सर्वप्रथम मुख्य रूप से सीईओ नरेश सोनी, कार्यकारी अधिकारी किशन सिंह चोली, भूतपूर्व अध्यक्ष देवी सिंह शैतान सिंह और मुख्य सूत्रधार विक्रम सिंह इंद्रोई को गिरफ्तार किया गया. राजस्थान एसओजी ने करोड़ों रुपए के घोटाले में साल 2019 में 32 नंबर की एक FIR दर्ज की. जिसमें आरोप लगाए गए थे कि शिकायतकर्ता की तरफ से लाखों रुपए सोसायटी में लगाए गए और यह पैसा कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व उनके परिवार जनों की कंपनियों में लगाया गया. इसके साथ ही पीड़ितों द्वारा निवेश किया गया पैसा गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके साथियों के अकाउंट में जमा होना बताया गया.