बीकानेर. नोखा विधानसभा क्षेत्र के केड़ली गांव की सरकारी स्कूल में तीन बच्चियों की कुंड में गिरकर हुई मौत के मामले में तीन दिन बाद भी धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच अबतक सुलह नहीं हो पाई है. गुरुवार दिनभर कई दौर के वार्ता के बावजूद भी कोई नतीजा नहीं निकलने पर देर शाम को प्रदर्शनकारी पैदल ही बीकानेर के लिए कूच कर गए. दरअसल, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार को बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर घेराव का अल्टीमेटम दिया हुआ है. ऐसे में गुरुवार को वार्ता विफल होने के बाद अब शुक्रवार को घेराव के लिए प्रदर्शनकारी नोखा से पैदल ही बीकानेर के लिए रवाना हो गए हैं.
विधानसभा में भी उठा मामला : उधर इस मामले में सरकार की लचर व्यवस्था और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से हादसा होने को लेकर विधानसभा में भी मामला उठा. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और नोखा विधायक सुशीला रामेश्वर डूडी ने इस मामले को विधानसभा में उठाया. इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मांग की और सरकार से मुआवजे के साथ ही पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने की मांग की.
प्रशासन के साथ वार्ता : उधर इस मामले में शिक्षा विभाग का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर स्कूल में नियुक्त शिक्षकों की इस मामले में लापरवाही नजर आई. जिला शिक्षा अधिकारी रामगोपाल शर्मा का कहना है कि स्कूल में कुंड जर्जर अवस्था में था. ऐसे में बच्चों को उस कुंड से दूर रखना चाहिए था और इस मामले में जिन शिक्षकों की लापरवाही प्रारंभिक जांच में सामने आई हैं, उन्हें निलंबित किया गया है. वहीं, अब कानून-व्यवस्था के मद्देनजर प्रशासन की वार्ता ग्रामीणों के साथ हो रही है. प्रशासन के स्तर पर जिस तरह के निर्देश विभाग को प्राप्त होंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
हनुमान बेनीवाल की नेतृत्व में आंदोलन : उधर शुक्रवार को बीकानेर जिला कलेक्टर पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के घेराव करने की उम्मीद है. बुधवार को ही हनुमान बेनीवाल ने इसको लेकर अल्टीमेटम दिया था और बीकानेर जिला कलेक्टर पर घेराव की बात कही थी. हालांकि, गुरुवार को हनुमान बेनीवाल नोखा में धरने में नहीं थे और वे शुक्रवार को सीधे नागौर से बीकानेर घेराव में पहुंचेंगे.
यह है मांग : प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच के नाम पर जिन दो शिक्षकों को निलंबित किया गया है, उसके अलावा स्कूल के पीईईओ, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और पंचायत राज के बीडीओ के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि स्कूल के कुंड की हालत को लेकर पहले ही जानकारी दी गई थी. पंचायत राज के अधीन होने के बावजूद भी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और विकास अधिकारी ने इसको लेकर कुछ भी नहीं किया. साथ ही जिन लोगों की इस मामले में लापरवाही है, उन लोगों को गिरफ्तार किया जाए.
दरअसल, इस मामले में पुलिस की ओर से तत्कालीन सरपंच, ग्राम पंचायत के कनिष्ठ अभियंता और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. वहीं, परिजनों की ओर से स्कूल शिक्षक, पीईईओ, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है और उनकी मांग है कि इन सबको पहले गिरफ्तार किया जाए.
नहीं हुआ पोस्टमार्टम : उधर 3 दिन से नोखा की मोर्चरी में तीनों बच्चियों के शव रखे हुए हैं. परिजनों के साथ सहमति नहीं होने के चलते अभी तक पोस्टमार्टम की कार्रवाई नहीं हुई है.