जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष जोधपुर में केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित विभिन्न अधिकरणों की चल पीठ जोधपुर में स्थापित करने की मांग पर भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आर डी रस्तोगी ने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार के मंत्रियों से विचार विमर्श चल रहा है. वे इस सम्बंध में तीन सप्ताह में सरकार से निर्देश लेकर कार्रवाई से कोर्ट को अवगत कराएंगे. इस पर कोर्ट ने आगामी सुनवाई 16 फरवरी को मुकरर्र की है.
न्यायाधीश विजय बिश्नोई और न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास की खंडपीठ में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नाथू सिंह राठौड़ की ओर से अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ होने से यह राज्य की न्यायिक राजधानी है. केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित 16 अधिकरण में से जोधपुर में सिर्फ 4 ही अधिकरण की चल पीठ अनियमित रूप से चल रही है. लेकिन अन्य अधिकरण को जोधपुर में स्थापित करने को लेकर भारत सरकार द्वारा गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि पूर्व में जोधपुर में राष्ट्रीय हरित अधिकरण की चल पीठ स्थापित की गई थी, लेकिन कई सालों से उसे बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जोधपुर में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग की चल पीठ गठित करने की अधिसूचना 31 अगस्त, 2004 को जारी होने के बावजूद भी पिछले 18 वर्षों में एक बार भी आयोग की चल पीठ ने जोधपुर में कार्य नहीं किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय अधिसूचित अधिकरण स्थापित होने से जोधपुर क्षेत्राधिकार के 16 जिलों के नागरिकों को त्वरित और सुलभ न्याय प्राप्त हो सकेगा.
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भारत सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आर डी रस्तोगी ने इस पर कहा कि उनका इस बाबत विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों से विचार विमर्श चल रहा है. वे सरकार से निर्देश लेकर कार्रवाई से तीन सप्ताह में अवगत कराएंगे. राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह और अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल ने पैरवी की.