जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निलम्बित एएसपी दिव्या मित्तल को होटल में मिली अवैध शराब मामले में राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिए हैं. अवकाशकालीन एकलपीठ की जस्टिस डॉ नुपूर भाटी ने मामले में सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अनुसंधान में सहयोग के लिए निर्देश दिए हैं.
याचिकाकर्ता एएसपी मित्तल की ओर से अधिवक्ता नमन मोहनोत ने पैरवी करते हुए बताया कि उदयपुर के अम्बामाता थाने में आबकारी एक्ट में मामला दर्ज हुआ था. जिसमें बताया गया कि पुलिस उदयपुर के पास चिकलवास स्थित नेचर हिल्स रिसोर्ट में गई, तो वहां पर 67 अवैध शराब की बोतल मिली. वहां पर पूछताछ के दौरान कार्य करने वाले सुरेन्द्रसिंह ने कहा कि यह रिसोर्ट एएसपी दिव्या मित्तल का है.
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इस पर पुलिस ने अम्बामाता थाने में आबकारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया और अब उसकी गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है. अधिवक्ता मोहनोत ने आबकारी एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर को निरस्त करने एवं गिरफ्तारी पर रोक लगाने की पैरवी की. कोर्ट ने सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए निलम्बित एएसपी मित्तल को अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिए हैं.
क्या था पूरा मामलाः एसीबी जयपुर की टीम ने 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में अजमेर में एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को इस साल 16 जनवरी को हिरासत में लेकर जयपुर गई. वहां पर बाद में उनको गिरफ्तार भी किया गया. मादक पदार्थ तस्करी के मामले में हरिद्वार की फार्मा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार के माध्यम से यह घूस दिव्या मित्तल ने बतौर एएसपी मांगी थी. अजमेर के रामगंज थाने में दो और अलवर गेट थाने में एक यानी कुल 3 एफआईआर नशीली दवाओं की तस्करी मामले में दर्ज की गई थीं.
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तीनों मामलों में देहरादून स्थित दवा कंपनी हिमालय मेडिटेक के डायरेक्टर सुनील नंदवानी को आरोपी बनाया था. एएसपी मित्तल ने नंदवानी को अलवर गेट थाने में दर्ज मामले में कमजोर धाराओं में गिरफ्तार किया था. एएसपी मित्तल को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया. वहीं इस दौरान ही उदयपुर के पास स्थित चिकलवास में नेचर हिल्स रिसोर्ट पर बुलडोजर चला दिया गया. इसके अलावा आबकारी एक्ट में भी मुकदमा दर्ज किया गया था.