जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 32 उप-धारा (2) के खंड (बी) की न्यायिक व्याख्या करते हुए सरपंच के रिक्त पद पर उपसरपंच को कार्यभार सौंपने का आदेश दिया है. जस्टिस दिनेश मेहता की एकलपीठ के समक्ष ग्राम पंचायत लोहारकी की उपसरपंच कसुम्बी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मानवेन्द्रसिंह राठौड़ व अनिता राजपुरोहित ने याचिका में बताया कि लोहारकी ग्राम पंचायत की निर्वाचत सरपंच किशन कंवर की मृत्यु के उपरान्त पद रिक्त हो गया. नियमानुसार रिक्त पद पर उपसरपंच को कार्यभार सौंपा जाना चाहिए था, लेकिन जिला कलेक्टर जैसलमेर की ओर से ऐसा नहीं किया गया. याचिका में कहा गया कि सरपंच किशन कंवर की मृत्यु के उपरान्त धारा 32 (2)(बी) रिक्त शब्द के अनुसार उपसरपंच ही सरपंच का कार्यभार ग्रहण कर सकती है.
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उन्होंने यह भी कहा कि सरपंच जो निर्वाचित हुई थी, वह सामान्य महिला सीट पर हुई थी और उपसरपंच भी सामान्य महिला सीट पर निर्वाचित हुई थी. राज्य सरकार एवं निजी प्रतिवादी की ओर से धारा 32 (2)(बी) का विरोध किया गया. हाईकोर्ट ने न्यायिक व्याख्या करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय दिया जिसमें धारा 32 (2)(बी) में रिक्त शब्द को मृत्यु के पश्चात रिक्त पद कहा है. कोर्ट ने रिक्त शब्द व्याख्या करते हुए उपसरपंच को सरपंच पद का दावेदार मानते हुए सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी कार्य करे और सरपंच के कर्तव्यों का निर्वहन अवश्य करे. कोर्ट ने जिला कलेक्टर जैसलमेर को निर्देश दिए हैं कि लोहारकी ग्राम पंचायत के सरपंच पद का कार्यभार याचिकाकर्ता को 7 दिन के अन्दर सौंपा जाए.