अलवर. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से 3 मई तक लागू किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर विद्यार्थी अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं. लॉकडाउन के चलते जहां एक ओर स्कूल कॉलेज बंद हो गए. वहीं कोचिंग संस्थान भी पूरी तरह बंद है. अब स्कूल और कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों के समक्ष खाने पीने की समस्या पैदा हो गई है, क्योंकि बाजार पूरी तरह बंद है.
मालाखेड़ा निवासी किशन मीणा ने बताया कि वह अलवर में रहकर पढ़ाई कर रहा था. लॉकडाउन के कारण अब स्कूल कॉलेज और कोचिंग पूरी तरह बंद हो गए हैं. यहां खाने पीने की काफी समस्या है, इसलिए उन्हें अपने घर जाना पड़ रहा है, जब कोचिंग और कॉलेज खुलेंगे तभी अलवर आ कर रहेंगे. क्योंकि अलवर में रहकर रूम का किराया देना भी भारी पड़ रहा है.
इधर झुंझुनू निवासी सोनू ने बताया कि लॉकडाउन के चलते कोचिंग बंद है. इसलिए घर जाने का निर्णय लिया गया है. जब स्कूल, कॉलेज और कोचिंग बंद है, तो रूम का किराया क्यों दिया जाए. क्योंकि पिछले कोरोना काल मे भी मकान मालिकों की ओर से किराया नहीं छोड़ा गया था, यहां पर खाने-पीने की भी समस्या पैदा हो गई है. खाने पीने की बाहर की दुकान सब बंद हैं. ऐसे में उनके समक्ष भी अब खाने-पीने की समस्या सामने आ गई है. इसलिए घर जाने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि जब तक पूरी तरह कॉलेज और कोचिंग का संचालन नहीं होगा, तब तक वह अब अपने घर रहकर ही पढ़ाई करेंगे. इसके अलावा भी अलवर में रहकर कोचिंग संस्थानों में पढ़ रही छात्राओं के समक्ष भी यही परेशानी है. वह भी अपने घरों की ओर लौटने लगी है. पिछले साल जो स्थिति कोरोना काल में हुई थी वही स्थिति अब पैदा हो गई है.
जिला परिषद के सीओ ने ली बैठक
अलवर के नीमराणा में कोरोना के बढ़े मामलों को देखते हुए जिला परिषद के सीओ जसमीत सिंह संधू ने उपखंड स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक ली. बैठक में सीओ सन्धु ने बहरोड़ और नीमराणा के सभी उपखंड स्तरीय अधिकारियों को दूसरे राज्यों से आने वाले वाहन चालकों को कोरोना नेगेटिव जांच रिपोर्ट देखकर ही प्रवेश करने, होम क्वॉरेटाइन वाले मरीजों की ट्रेसिंग, लोगों को भीड़ भाड़ नहीं करने, अधिक से अधिक सैम्पल लेने के साथ ही अधिक से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए.