नवलगढ़ (झुंझुनू). कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में एक ओर जहां लोगों में संक्रमण का डर है, वहीं दूसरी ओर इतिहास में पहली बार प्राचीन मंदिरों के पट भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद हैं. चैत्र नवरात्र होते हुए भी श्रद्धालुओं को विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां शाकंभरी के दर्शनों से वंचित रहना पड़ा. लॉकडाउन की वजह से 20 मार्च से ही मां शाकंभरी के मंदिर में कपाट बंद हो गए थे.
हर साल यहां पूरे नवरात्र में लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं. लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते पूरे देश में लाॅकडाउन हो गया और शाकंभरी माता के दरबार में भी दर्शनों का सिलसिला थम गया. पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था भी यहां चाक-चौबंद हैं. ताकि किसी प्रकार से भी संक्रमण की रोकथाम हो सके.
पुलिस चौकी इंचार्ज पवन कुमार ने बताया कि स्थानीय श्रद्धालु भी यदि दर्शन करने पहुंचते हैं. उन्हें बाहर से ही वापस भेजा जाता है. वहींं ग्रामीण दिनेश शर्मा ने बताया कि यूं तो पूरे साल श्रद्धालुओं का आना बरकरार रहता है, लेकिन नवरात्रों में तो यहां पैर रखने को भी जगह नहीं मिलती थी. लेकिन इस बार लाॅकडाउन के चलते सबकुछ सुनसान है.
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बता दें कि मंदिर में जाने के लिए चार प्रमुख दरवाजे हैं. चारों दरवाजों को बंद किया गया है. पूरे नवरात्र यहां श्रद्धालुओं का आगमन बंद रहा. शाकंभरी माता मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं के लिए गेस्ट हाउस और धर्मशलाएं बनी हुई हैं. हर बार यहां आने वाले एडवांस बुकिंग करते थे. जबकि इस बार सबकुछ पूरी तरह बंद है.