अमरावती: इटली से घूमने आया एक युवक महाराष्ट्र के अमरावती जिले में स्थित गाविलगढ़ किला में भटक गया. विदेशी पर्यटक के किले से बाहर नहीं आने की जानकारी मिलने पर स्वराज्य सेवा प्रतिष्ठान के छह कार्यकर्ता किले में घुसे. किले में दिल्ली दरवाजा के सामने छोटी मस्जिद वाले इलाके में इतालवी पर्यटक सुरक्षित मिला. कार्यकर्ताओं ने उसे किले से बाहर निकाला.
इतालवी नागरिक एंजेलियो ने बताया कि वह किले में डरावने अनुभव करने के लिए रुका हुआ था, लेकिन अंधेरा होने के कारण वह भटक गया. बता दें, घने जंगल से घिरा यह इलाका बेहद खतरनाक माना जाता है, क्योंकि यहां जंगली जानवर पाए जाते हैं.
इतालवी नागरिक एंजेलियो रविवार सुबह 10 बजे चिखलदरा पहुंचा. सुबह 11.30 बजे उसने गाविलगढ़ किला देखने के लिए टिकट खरीदा. टिकट काउंटर पर अपना बैग रखकर वह किले में दाखिल हुआ. शाम 4.30 बजे वह किले से बाहर आया. उसने पानी की दो बोतलें लीं और टिकट काउंटर पर वापस किले में जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह किले के कुछ हिस्सों की तस्वीरें लेना चाहता है. इसके बाद वह 5 बजे फिर किले में दाखिल हुआ.
छह बजे किला बंद हो जाता है. किले के अंदर मौजूद सभी पर्यटक बाहर आ गए, लेकिन एंजेलियो किले से बाहर नहीं आया. किले के टिकट काउंटर पर मौजूद गोपाल और राकेश दोनों को उसकी चिंता होने लगी. उन्होंने सेवा स्वराज्य प्रतिष्ठान के सदस्य राकेश महल्ले को इसकी जानकारी दी.
राकेश महल्ले ने अपने पांच दोस्तों के साथ शाम सात बजे किले में जाने का फैसला किया और रात के अंधेरे में बड़ी हिम्मत करके दिल्ली दरवाजा पहुंचे. दिल्ली दरवाजा से कुछ दूरी पर जब उन्होंने आवाज लगाई तो पास की छोटी मस्जिद वाले इलाके से विदेशी युवक ने उनका अभिवादन किया. राकेश ने युवक को विश्वास दिलाया कि वे उसकी मदद करने आए हैं. इससे उसे अहसास हुआ कि रात के अंधेरे में यह जगह इंसानों के लिए सुरक्षित नहीं है. इसके बाद राकेश अपने दोस्तों के साथ रात करीब 9.30 बजे विदेशी मेहमान को किले से बाहर लेकर आए.
पुलिस ने विदेशी पर्यटक से पूछताछ की
विदेशी युवक के किले से बाहर न आने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस भी किले के पास पहुंची. रात में जब राकेश महल्ले विदेशी युवक को किले से बाहर लेकर आए तो पुलिस ने उससे पूछताछ की. जिससे स्पष्ट हुआ कि उसका नाम एंजेलियो है और वह इटली का रहने वाला है.
इतालवी नागरिक एंजेलियो मुंबई आया था. उसने मुंबई से अपनी यात्रा शुरू की और रविवार को चिखलदरा पहुंचा. बातचीत से पता चला कि वह दो भाषाएं जानता है, इतालवी और स्पेनिश, जबकि वह टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलता है. पुलिस ने सेवा स्वराज्य प्रतिष्ठान के सदस्यों से कहा कि वे इस युवक का ध्यान रखें, ताकि इसे कोई परेशानी न हो. इसके बाद राकेश महल्ले ने विदेशी मेहमान के लिए एक होटल में ठहरने की व्यवस्था की.
स्वराज्य सेवा प्रतिष्ठान के प्रमुख शिवा काले ने राकेश महल्ले के साथ इतालवी युवक को सोमवार सुबह फिर से गाविलगढ़ किले का भ्रमण कराया. किले के बारे में पूरी जानकारी उसे बताई गई. इसके बाद एंजेलियो को चिखलदरा शहर के विभिन्न पर्यटन स्थल भी दिखाए गए. स्वराज्य सेवा प्रतिष्ठान के कार्यकर्ताओं द्वारा घर से लाए गए खाने के डिब्बे को एंजेलियो ने खाया.
एंजेलियो के पास भगवद गीता की प्रति
शाम को राकेश महल्ले उसे अपने घर ले गए, जहां स्थानीय बच्चों ने उससे बातचीत की. इटली के युवक एंजेलियो के पास 31 दिसंबर 2025 तक भारत में रहने का वीजा है. उसके पास भगवद गीता की एक प्रति भी है.
एंजेलियो ने कहा, "रविवार को मैं किला देखने आया था. किला देखते हुए मैंने किले में ही समय बिताया. अंधेरा होने के कारण मुझे कुछ पता नहीं चला. जब किले में चारों तरफ अंधेरा था, तो राकेश और आकाश मशाल लेकर मुझे ढूंढने आए. वे मुझे किले से बाहर ले आए. किले के बाहर पुलिस भी आई थी. राकेश ने मेरी मदद की और मुझे रहने के लिए जगह दी. मुझे इस बात की जानकारी दी गई. आज मैं किले के चारों ओर घूमने गया. किले के बारे में जानने वाले शिवा काले ने मुझे बहुत अच्छे से गाइड किया."
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