नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के बाद, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आर एलिस वाज ने आज राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक का उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) और चुनाव व्यय निगरानी उपायों को लागू करने पर चर्चा करना था.
इस बैठक में आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (दिल्ली प्रदेश), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (दिल्ली प्रदेश), बहुजन समाज पार्टी (दिल्ली प्रदेश), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में आदर्श आचार संहिता के महत्व पर जोर दिया, जो चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ लागू हो गई है.
सीईओ ने राजनीतिक दलों को स्पष्ट किया कि चुनाव प्रचार के दौरान नैतिकता और पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने बताया कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा डालने वाली गतिविधियों को सख्ती से रोका जाएगा.
निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: चुनाव व्यय निगरानी पर बात करते हुए, सीईओ ने बताया कि व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है, निगरानी दल सक्रिय कर दिए गए हैं. इसके साथ ही, उल्लंघनों पर नज़र रखने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. उन्होंने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे अपने चुनावी अभियानों के वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखें और समय-सीमा के भीतर व्यय विवरण प्रस्तुत करें. इस बैठक से स्पष्ट है कि दिल्ली चुनाव आयोग पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है. राजनीतिक दलों के साथ इस संवाद ने आगामी चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
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