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HMPV वायरस को लेकर WHO का आया बड़ा बयान, चीन के कई राज्यों में इमरजेंसी की घोषणा पर क्या कहा जानें - HMPV VIRUS

कोविड-19 का प्रकोप कम होने के बाद अब एचएमपीवी वायरस तेजी से फैल रहा है. इस वायरस को लेकर WHO का बड़ा बयान आया है...

WHO's big statement on HMPV virus, know what it said on declaration of emergency in many states of China
कोविड-19 का प्रकोप कम होने के बाद अब एचएमपीवी वायरस तेजी से फैल रहा है. इस वायरस को लेकर WHO का बड़ा बयान आया है... (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Health Team

Published : 16 hours ago

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोशल मीडिया पर किए गए उन दावों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि चीन ने इमरजेंसी की स्थिति घोषित कर दी है. संगठन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली अत्यधिक प्रभावित नहीं है और कोई इमरजेंसी घोषणा या प्रतिक्रिया नहीं की गई है. स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि विशेष रूप से उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों और वसंत के दौरान श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि एक सामान्य पैटर्न है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एचएमपीवी एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है, जो सर्दियों और वसंत ऋतु में कई देशों में फैल जाता है, हालांकि सभी देश नियमित रूप से एचएमपीवी के रुझानों पर डेटा का परीक्षण और प्रकाशन नहीं करते हैं. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि WHO चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और उसे असामान्य प्रकोप पैटर्न की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. चीनी अधिकारियों ने बताया है कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर कोई दबाव नहीं है और कोई आपातकालीन घोषणा या प्रतिक्रिया नहीं की गई है. इसके साथ ही कहा कि WHO की टीम निगरानी प्रणालियों के माध्यम से वैश्विक, क्षेत्रीय और देश स्तर पर श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी जारी रखे हुआ है और आवश्यकतानुसार अपडेट प्रदान करता रहेगा.

स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि साल के इस समय के दौरान, उत्तरी गोलार्ध के कई देशों में तेज रेस्पिरेटरी संक्रमण में बढ़त देखी जा रही है. यह मौसमी वृद्धि मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, आरएसवी और एचएमपीवी जैसे वायरस और माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे बैक्टीरिया के कारण होती है. इन रोगजनकों के एक साथ फैलने से स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है. वर्तमान में, उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) के समशीतोष्ण क्षेत्रों के कई देशों में सामान्य मौसमी पैटर्न के अनुसार इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और रेस्पिरेटरी संक्रमण (ARI) में बढ़त देखी जा रही है. यूरोप, मध्य अमेरिका, कैरिबियन, पश्चिमी और मध्य अफ्रीका तथा पूरे एशिया में इन्फ्लूएंजा की सक्रियता अधिक है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सर्दी से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को श्वसन संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए, विशेष रूप से कमजोर समूहों की सुरक्षा के लिए, सरल सावधानियां बरतने की सलाह दी है...

  • WHO के अनुसीर यदि आपको हल्के लक्षण हैं, तो घर पर रहें, आराम करें और दूसरों के संपर्क में आने से बचें.
  • अधिक खतरे वाले या गंभीर लक्षण अनुभव करने वाले लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.
  • भीड़भाड़ वाले या खराब हवादार स्थानों में मास्क पहनना, खांसते और छींकते समय मुंह को टिशू या कोहनी से ढकना, नियमित रूप से हाथ धोना, तथा अनुशंसित टीके लगवाते रहना, सुरक्षित रहने के प्रभावी तरीके हैं. इस पर ज्यादा ध्यान दें.
  • टीकाकरण और निवारक उपायों के लिए अपने चिकित्सक की सलाह और स्थानीय स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करें.
  • भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोशल मीडिया पर किए गए उन दावों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि चीन ने इमरजेंसी की स्थिति घोषित कर दी है. संगठन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली अत्यधिक प्रभावित नहीं है और कोई इमरजेंसी घोषणा या प्रतिक्रिया नहीं की गई है. स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि विशेष रूप से उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों और वसंत के दौरान श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि एक सामान्य पैटर्न है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एचएमपीवी एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है, जो सर्दियों और वसंत ऋतु में कई देशों में फैल जाता है, हालांकि सभी देश नियमित रूप से एचएमपीवी के रुझानों पर डेटा का परीक्षण और प्रकाशन नहीं करते हैं. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि WHO चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और उसे असामान्य प्रकोप पैटर्न की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. चीनी अधिकारियों ने बताया है कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर कोई दबाव नहीं है और कोई आपातकालीन घोषणा या प्रतिक्रिया नहीं की गई है. इसके साथ ही कहा कि WHO की टीम निगरानी प्रणालियों के माध्यम से वैश्विक, क्षेत्रीय और देश स्तर पर श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी जारी रखे हुआ है और आवश्यकतानुसार अपडेट प्रदान करता रहेगा.

स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि साल के इस समय के दौरान, उत्तरी गोलार्ध के कई देशों में तेज रेस्पिरेटरी संक्रमण में बढ़त देखी जा रही है. यह मौसमी वृद्धि मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, आरएसवी और एचएमपीवी जैसे वायरस और माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे बैक्टीरिया के कारण होती है. इन रोगजनकों के एक साथ फैलने से स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है. वर्तमान में, उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) के समशीतोष्ण क्षेत्रों के कई देशों में सामान्य मौसमी पैटर्न के अनुसार इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और रेस्पिरेटरी संक्रमण (ARI) में बढ़त देखी जा रही है. यूरोप, मध्य अमेरिका, कैरिबियन, पश्चिमी और मध्य अफ्रीका तथा पूरे एशिया में इन्फ्लूएंजा की सक्रियता अधिक है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सर्दी से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को श्वसन संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए, विशेष रूप से कमजोर समूहों की सुरक्षा के लिए, सरल सावधानियां बरतने की सलाह दी है...

  • WHO के अनुसीर यदि आपको हल्के लक्षण हैं, तो घर पर रहें, आराम करें और दूसरों के संपर्क में आने से बचें.
  • अधिक खतरे वाले या गंभीर लक्षण अनुभव करने वाले लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.
  • भीड़भाड़ वाले या खराब हवादार स्थानों में मास्क पहनना, खांसते और छींकते समय मुंह को टिशू या कोहनी से ढकना, नियमित रूप से हाथ धोना, तथा अनुशंसित टीके लगवाते रहना, सुरक्षित रहने के प्रभावी तरीके हैं. इस पर ज्यादा ध्यान दें.
  • टीकाकरण और निवारक उपायों के लिए अपने चिकित्सक की सलाह और स्थानीय स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करें.
  • भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है.

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