चिड़ावा (झुंझुनू). शहर में वैसे तो विभिन्न वार्डों में पार्षदों और अन्य सेवाभावी लोगों ने भोजन वितरण की जिम्मेदारी ले रखी है. लेकिन कई जगह ये नहीं पहुंच पा रहे हैं. उन लोगों की सुध ले रही है विवेकानन्द मित्र परिषद. परिषद के कार्यकर्ता इन लोगों तक पहुंचकर इनकी जानकारी लेकर इन्हें भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.
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वहीं कुछ स्थानीय जरूरतमंदों को मिलाकर परिषद रोजाना सुबह और शाम को 280 से अधिक पैकेट भोजन पहुंचाकर मानवता की सेवा में जुटी है. नेपाल, बिहार, गुजरात, एमपी के प्रवासी-कई प्रवासी लोग यहां अपने देश और प्रदेश से आकर बसे हुए हैं. इनमें पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी संख्या में लोग यहां घरों में साफ-सफाई, भोजन बनाने और चौकीदारी का कार्य करते हैं. वहीं बिहार के लोग यहां मजदूरी करने के लिए विभिन्न वार्डों में बड़ी संख्या में आए हुए हैं. इसके अलावा गुजराती परिवार भी रेलवे स्टेशन के पास रह रहे हैं. ये परिवार यहां पर बर्तन बेचकर अपना पेट पालते हैं.
सभी के लिए संकटमोचन बनी परिषद
विभिन्न वार्डों में रह रहे इन मेहनतकश लोगों के सामने लॉकडाउन के बाद कामधंधा बंद होने से रोजी रोटी का संकट गहरा गया. इस परिस्थिति में इन लोगों का सहारा बनी विवेकानन्द मित्र परिषद. परिषद के कार्यकर्ताओं ने इन लोगों का सर्वे किया और नरसेवा-नारायण सेवा प्रकल्प के तहत जरूरतमंद लोगों तक खाना पहुंचाने का काम शुरू किया गया.
ये रहता है भोजन वितरण का शेड्यूल
परिषद के कार्यकर्ता प्रतिदिन सुबह 11 से 12 और शाम 6.30 से 7.30 बजे के मध्य इन लोगों तक सोशल डिस्टेंस बनाए रखते हुए भोजन का वितरण करते हैं. इनकी रिपोर्ट तैयार करके एसडीएम कार्यालय को सौंपी जा रही है.
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भोजनशाला में शुद्धता का रखा जा रहा ख्याल
विवेकानन्द मित्र परिषद कार्यकर्ता भोजन वितरण के इस प्रकल्प में पूरी तरह शुद्धता का ध्यान भी रख रहे हैं. गांधी चौक में परिषद संरक्षक मनोज मान के घर बनी अस्थायी भोजन शाला में सुबह सबसे पहले पूरी रसोई को पोछा लगाकर सैनिटाइज किया जाता है. इसके बाद भोजन बनाने का कार्य कार्यकर्ता करते हैं.
प्रशासनिक अधिकारी भी कर चुके हैं प्रशंसा
परिषद की रसोई में डीएसपी आरपी शर्मा भी रविवार को आए और यहां की व्यवस्थाओं से काफी प्रभावित दिखे. उन्होंने इसे सबसे अनूठी और बेहतरीन बताते हुए यहां पर बने भोजन का भी स्वाद चखा और सभी कार्यकर्ताओं को अच्छी व्यवस्था के लिए साधुवाद दिया. वहीं एसडीएम जेपी गौड़ ने भी यहां पहुंचकर कार्य की प्रशंसा कर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया.