झुंझुनू. मंडावा विधानसभा चुनाव के उपचुनाव की भले ही अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन नेता अपने तरकस से नए-नए तीर निकाल कर लक्ष्य साधने के प्रयास में जुट गए हैं. कांग्रेस पार्टी से निष्कासित जिला परिषद सदस्य प्यारेलाल ढूकिया ने गुरुवार को खुलकर एलान कर दिया है कि भाजपा से वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
दरअसल, गुरुवार यानी 5 सितंबर को ढूकिया ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने स्कूल के बैनर तले मंडावा विधानसभा के सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान रखा था. यह भी अपने आप में चुनाव की पूर्व तैयारी ही थी. इसमें बड़ी बात यह रही कि सम्मान समारोह में भाजपा नेताओं का जमावड़ा रहा. जहां भाजपा की टिकट पर झुंझुनू विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले राजेंद्र सिंह भामू, भाजपा से मलसीसर पंचायत समिति प्रधान गिरधारी लाल खीचड़ आदि ने शिक्षकों का सम्मान किया.
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विधानसभा चुनाव से पहले किया था निष्कासित...
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की टिकट पर कद्दावर जाट नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी चुनाव लड़ रही थी. वहीं, चुनाव से ठीक पहले जिला परिषद सदस्य प्यारेलाल ढूकिया, प्रधान सुशीला सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष हाफिज खान तथा रीटा चौधरी के भाई पूर्व उप जिला प्रमुख राजेंद्र चौधरी को कांग्रेस ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इन नेताओं को झुंझुनू विधायक बृजेंद्र ओला के भी नजदीकी माना जाता रहा है.
लोकसभा चुनाव के पहले इन नेताओं की वापसी के प्रयास हुए थे, लेकिन बताया जाता है कि रीटा चौधरी अड़ गई थी कि यदि वापसी हुई तो वे मंडावा विधानसभा के मतों के लिए जिम्मेदार नहीं रहेंगी. ऐसे में अब जिला परिषद सदस्य प्यारेलाल ढूकिया ने कहा है कि वह तो बेघर हैं और कांग्रेस वापस पार्टी में नहीं ले रही है, क्योंकि रीटा ने वीटो कर दिया है. अब चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, यदि भाजपा टिकट देगी तो वे चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि कांग्रेस पार्टी से लगभग रीटा चौधरी को चुनाव लड़ने के लिए फ्री हैंड दे दिया गया है. यहां पर एक ही चर्चा है कि भाजपा का उम्मीदवार कौन है और ऐसे में ढूकिया के एलान से राजनीतिक माहौल में कयासों के नए दौर शुरू हो गए हैं.