खेतड़ी(झुंझुनूं). खेतड़ी उपखंड के बबाई में फेसबुक और व्हाट्सएप पर दो समुदायों के युवाओं के आपस में गलत कमेंट की वजह से इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. नौबत यहां तक आ पहुंची की रविवार का पूरा दिन पुलिस और प्रशासन का समझाइश करने में निकल गया.
जहां सामाजिक सगंठनों के नेतृत्व में दिन भर सैकड़ों युवाओं ने बबाई चौकी के आगे धरना दिया. वहीं पांच थानों का पुलिस जाप्ता इस मामले को लेकर मौके पर तैनात रहा. वहीं इस मामले में दोनों पक्षों ने आपस में क्रॉस मामले दर्ज करवाए हैं. विवाद फेसबुक और व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक मैसेज करने से बढ़ा. दोनों समुदाय के लोग आपस में फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए भड़काऊ मैसेज शेयर करते थे. ऐसा ही एक बार फिर हुआ. जिसके बाद इलाके में तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया.
यहां तक की सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के लिए भीड़ इकट्ठा करके बाजार बंद करवा दिया गया. इस मामले को बढ़ता देख कर डीएसपी मोहम्मद अयूब,थाना अधिकारी शीशराम मीणा सहित मय जाब्ते के बाबई चौकी पहुंचे और आक्रोशित भीड़ को समझाइश कर नियंत्रित किया. वहीं इस मामले में दोनों पक्षों के 7 लोगों को थाने लेकर आई. इसी दौरान सैकड़ों युवाओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और न्याय करने की मांग की. इस घटना को देखते हुए पूर्व विधायक हजारीलाल गुर्जर सहित कई लोग मौके पर पहुंचे और मामले की समझाइश की.
कम उम्र में स्मार्टफोन का प्रयोग युवाओं के लिए होता जा रहा है घातक
कम उम्र में युवाओं के लिए स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग करना समाज के लिए घातक होता जा रहा है. बबाई की इस घटना में पुलिस ने दोनों तरफ के 7 युवाओं को हिरासत में लिया है. जिसमें से तीन नाबालिग है और 2 की उम्र 18 वर्ष की है. सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक बातों को लेकर आपस में कमेंट करना कम उम्र में जानकारी के अभाव में समाज के प्रति आक्रोशित भाषाओं का प्रयोग करना एक बड़ा अभिशाप बनता जा रहा है. ऐसे में समाज के विभिन्न संगठनों तथा अभिभावकों को सामने आकर इस पर रोक लगानी चाहिए.
सर्व समाज के युवाओं ने प्रशासन को 72 घंटे का दिया समय
सर्व समाज की ओर से अन्ना हजारे टीम के सदस्य शंकर सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं ने प्रशासन को निष्पक्ष जांच करते हुए 72 घंटे का समय दिया. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाही करने की मांग की. वहीं खेतड़ी थाने का घेराव करने की चेतावनी दी. बबाई चौकी के सामने बैठे युवाओं ने तुरंत प्रभाव से एफआईआर दर्ज करने की मांग की तो 5 सदस्य की कोर कमेटी गठित कर युवा थाने में पहुंचे और एफआईआर दर्ज करवाई. उसके बाद तहसीलदार वंशीधर योगी की समझाइश पर धरना समाप्त किया गया.