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विधानसभा को 'कांग्रेस मुक्त' करने वाले इस नेता को भाजपा ने दिया टिकट...अहलावत का पत्ता साफ - jhunjhunun

भाजपा ने राजस्थान में झुंझुनूं लोकसभा चुनाव क्षेत्र से मंडावा विधानसभा के विधायक नरेंद्र खीचड़ को टिकट दिया है. वहीं एकमात्र महिला सांसद होने के बावजूद भी संतोष अहलावत का टिकट काट दिया है.

नरेंद्र खीचड़, भाजपा विधायक
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Published : Mar 21, 2019, 11:31 PM IST

झुंझुनूं. मंडावा में विधानसभा चुनाव 2018 से पहले भाजपा अपने जनसंघ से लेकर अब तक के इतिहास में कभी भी जीत नहीं दर्ज कर पाई थी. उस मिथक को तोड़ने वाले मंडावा के भाजपा विधायक नरेंद्र खीचड़ को भारतीय जनता पार्टी ने झुंझुनूं लोकसभा से सांसद का उम्मीदवार बनाया है.

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राजस्थान से एकमात्र महिला सांसद होने के बावजूद संतोष अहलावत का टिकट इसलिए काट दिया गया. क्योंकि उनका भाजपा में जबरदस्त अंदरुनी विरोध हो रहा था. वहीं दूसरी तरफ मंडावा के वर्तमान विधायक जिनको सांसद का उम्मीदवार बनाया गया है. वे पूरी तरह से भाजपा में निर्विवाद हैं. नरेंद्र खीचड़ ने कांग्रेस के कद्दावर जाट नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी को दूसरी बार लगातार हराया था. खीचड़ ने पहले निर्दलीय के रूप में भी रीटा चौधरी को शिकस्त दी थी.

हालांकि यह भी सच है कि नरेंद्र खीचड़ को जब भाजपा ने टिकट नहीं दी तो वे विधायक का चुनाव बागी होकर भी लड़ने से नहीं चूके थे. उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव भी जीता. हालांकि बाद में पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में हो गए और राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा का ही साथ दिया था. इसके चलते इस बार वसुंधरा राजे ने अपनी रैली के दौरान ही खीचड़ को पार्टी का उम्मीदवार बता दिया था. इसके बाद नरेंद्र विधानसभा चुनाव जीतकर वसुंधरा के विश्वास पर खरा भी उतरे थे.

विधानसभा को कर दिया था कांग्रेस मुक्त
नरेंद्र खीचड़ ना केवल जीते थे. बल्कि पूरी मंडावा विधानसभा में कोई जन प्रतिनिधि कांग्रेस का नहीं रहा है और एक तरह से विधानसभा कांग्रेस मुक्त कर दिया था. झुंझुनूं लोकसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा से ही संतोष अहलावत सांसद हैं. लेकिन बड़ी संख्या में वर्तमान सांसदों की टिकट कटने की खबरों के चलते खीचड़ भी बड़े दावेदार हो गए थे.

इस तरह से चला था इतिहास
खीचड़ सबसे पहले मंडावा विधानसभा में स्थित अलसीसर पंचायत समिति के प्रधान का पद कांग्रेस से छीना और वे खुद प्रधान बने. अब इस विधानसभा में दो नगर पालिकाएं हैं. दोनों जगह भाजपा के चेयरमैन हैं. नरेंद्र के अलसीसर पंचायत समिति प्रधान बनने के बाद वे विधायक बन गए. लेकिन वहां पर लगातार भाजपा का ही प्रधान रहा है. इसके अलावा इस विधानसभा में स्थित झुंझुनूं पंचायत समिति प्रधान का पद कांग्रेस के पास था. लेकिन नरेंद्र खीचड़ की विधानसभा चुनाव में सहायता करने के कारण प्रधान को कांग्रेस पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके अलावा जिला परिषद सदस्य प्यारेलाल ढुकिया को भी कांग्रेस पार्टी ने भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र खीचड़ की विधानसभा चुनाव में सहायता करने के आरोप में निष्कासित कर दिया था.


झुंझुनूं. मंडावा में विधानसभा चुनाव 2018 से पहले भाजपा अपने जनसंघ से लेकर अब तक के इतिहास में कभी भी जीत नहीं दर्ज कर पाई थी. उस मिथक को तोड़ने वाले मंडावा के भाजपा विधायक नरेंद्र खीचड़ को भारतीय जनता पार्टी ने झुंझुनूं लोकसभा से सांसद का उम्मीदवार बनाया है.

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राजस्थान से एकमात्र महिला सांसद होने के बावजूद संतोष अहलावत का टिकट इसलिए काट दिया गया. क्योंकि उनका भाजपा में जबरदस्त अंदरुनी विरोध हो रहा था. वहीं दूसरी तरफ मंडावा के वर्तमान विधायक जिनको सांसद का उम्मीदवार बनाया गया है. वे पूरी तरह से भाजपा में निर्विवाद हैं. नरेंद्र खीचड़ ने कांग्रेस के कद्दावर जाट नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी को दूसरी बार लगातार हराया था. खीचड़ ने पहले निर्दलीय के रूप में भी रीटा चौधरी को शिकस्त दी थी.

हालांकि यह भी सच है कि नरेंद्र खीचड़ को जब भाजपा ने टिकट नहीं दी तो वे विधायक का चुनाव बागी होकर भी लड़ने से नहीं चूके थे. उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव भी जीता. हालांकि बाद में पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में हो गए और राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा का ही साथ दिया था. इसके चलते इस बार वसुंधरा राजे ने अपनी रैली के दौरान ही खीचड़ को पार्टी का उम्मीदवार बता दिया था. इसके बाद नरेंद्र विधानसभा चुनाव जीतकर वसुंधरा के विश्वास पर खरा भी उतरे थे.

विधानसभा को कर दिया था कांग्रेस मुक्त
नरेंद्र खीचड़ ना केवल जीते थे. बल्कि पूरी मंडावा विधानसभा में कोई जन प्रतिनिधि कांग्रेस का नहीं रहा है और एक तरह से विधानसभा कांग्रेस मुक्त कर दिया था. झुंझुनूं लोकसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा से ही संतोष अहलावत सांसद हैं. लेकिन बड़ी संख्या में वर्तमान सांसदों की टिकट कटने की खबरों के चलते खीचड़ भी बड़े दावेदार हो गए थे.

इस तरह से चला था इतिहास
खीचड़ सबसे पहले मंडावा विधानसभा में स्थित अलसीसर पंचायत समिति के प्रधान का पद कांग्रेस से छीना और वे खुद प्रधान बने. अब इस विधानसभा में दो नगर पालिकाएं हैं. दोनों जगह भाजपा के चेयरमैन हैं. नरेंद्र के अलसीसर पंचायत समिति प्रधान बनने के बाद वे विधायक बन गए. लेकिन वहां पर लगातार भाजपा का ही प्रधान रहा है. इसके अलावा इस विधानसभा में स्थित झुंझुनूं पंचायत समिति प्रधान का पद कांग्रेस के पास था. लेकिन नरेंद्र खीचड़ की विधानसभा चुनाव में सहायता करने के कारण प्रधान को कांग्रेस पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके अलावा जिला परिषद सदस्य प्यारेलाल ढुकिया को भी कांग्रेस पार्टी ने भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र खीचड़ की विधानसभा चुनाव में सहायता करने के आरोप में निष्कासित कर दिया था.


Intro:झुंझुनू। मंडावा विधानसभा में इस चुनाव से पहले भाजपा अपने जनसंघ से लेकर अब तक के इतिहास में कभी नहीं जीत पाई थी, उस मिथक को तोड़ने वाले मंडावा के भाजपा विधायक नरेंद्र खीचड़ को भारतीय जनता पार्टी ने झुंझुनू लोकसभा से सांसद का उम्मीदवार बनाया है। राजस्थान से एकमात्र महिला सांसद होने के बावजूद संतोष अहलावत का टिकट इसलिए काट दिया गया क्योंकि उनका भाजपा में जबरदस्त अंदरुनी विरोध हो रहा था। वहीं दूसरी तरफ मंडावा के वर्तमान विधायक जिनको सांसद का उम्मीदवार बनाया गया है , वे पूरी तरह से भाजपा में निर्विवाद है। नरेंद्र खीचड़ ने कांग्रेस के कद्दावर जाट नेता व पूर्व प्रदेशाअध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी को दूसरी बार लगातार हराया था। खिचड़ ने पहले निर्दलीय के रूप में भी रीटा चौधरी को शिकस्त दी थी।




Body:हालांकि पार्टी के भी रहे हैं बागी
हालांकि यह भी सच है कि नरेंद्र खिचड़ को जब भाजपा ने टिकट नहीं दी तो वे विधायक का चुनाव बागी होकर भी लड़ने से नहीं चूके थे। उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव भी जीता हालांकि बाद में पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में हो गए और राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा का ही साथ दिया था। इसके चलते इस बार वसुंधरा राजे ने अपनी रैली के दौरान ही खिचड़ को पार्टी का उम्मीदवार बता दिया था। । इसके बाद नरेंद्र विधानसभा चुनाव जीतकर वसुंधरा के विश्वास पर खरा भी उतरे थे।


Conclusion:
विधानसभा को कर दिया था कांग्रेस मुक्त
नरेंद्र खिचड़ ना केवल जीते थे बल्कि पूरी मंडावा विधानसभा में कोई जन प्रतिनिधि कांग्रेस का नहीं रहा है और एक तरह से विधानसभा कांग्रेस मुक्त कर दिया था। झुंझुनू लोकसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा से ही संतोष अहलावत सांसद है लेकिन बड़ी संख्या में वर्तमान सांसदों की टिकट कटने की खबरों के चलते खिचड़ भी बड़े दावेदार हो गए थे ।

इस तरह से चला था इतिहास

नरेंद्र खिचड़ ने सबसे पहले मंडावा विधानसभा में स्थित अलसीसर पंचायत समिति के प्रधान का पद कांग्रेस से छीना और वे खुद प्रधान बने । अब इस विधानसभा में दो नगरपालिकाएं हैं दोनों जगह भाजपा के चेयरमैन है। नरेंद्र के अलसीसर पंचायत समिति प्रधान बनने के बाद वे विधायक बन गए लेकिन वहां पर लगातार भाजपा का ही प्रधान रहा है ।इसके अलावा इस विधानसभा में स्थित झुंझुनू पंचायत समिति प्रधान का पद कांग्रेस के पास था लेकिन नरेंद्र खिचड़ की विधानसभा चुनाव मे सहायता करने कारण प्रधान को कांग्रेस पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके अलावा जिला परिषद सदस्य प्यारेलाल ढुकिया को भी कांग्रेस पार्टी ने भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र खिचड़ की विधानसभा चुनाव में सहायता करने के आरोप में निष्कासित कर दिया था।





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