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आर्मी डे पर राजस्थान के लाल शहीद श्योराम गुर्जर की वीरांगना सेना मेडल से सम्मानित

झुंझुनू के खेतड़ी के शहीद श्योराम गुर्जर की पत्नी वीरांगना सुनीता देवी को चीफ ऑफ आर्मी मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना मेडल से सम्मानित किया. इसके साथ ही सेना हाउस में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ओर से भी सम्मानित किया गया.

वीरांगना को सेना मेडल से किया सम्मानित,  Veerangana honored with army medal, शहीद श्योराम गुर्जर,  Shaheed Shyram Gurjar
श्योराम गुर्जर की वीरांगना को सेना मेडल से किया सम्मानित
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Published : Jan 15, 2020, 10:06 PM IST

खेतड़ी (झुंझुनू). देश के लिए मर मिटने वाले रणबांकुरो में शेखावाटी का नाम सबसे ऊपर आता है. झुंझुनू जिले की अगर बात की जाए तो परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद पीरू सिंह सहित सैकड़ों जिले के लाल ऐसे हैं जो मातृभूमि के लिए अमर गाथा लिख कर चले गए.

श्योराम गुर्जर की वीरांगना को सेना मेडल से किया सम्मानित

उसी लिस्ट में खेतड़ी उपखंड के टीबा गांव के श्योराम गुर्जर 17 फरवरी को पुलवामा में ऑपरेशन रक्षक के दौरान घायल होते हुए भी एक दुश्मन को मार गिराया और देश के लिए शहादत देकर अमर शहीद हो गए. बुधवार को आर्मी डे पर दिल्ली में हुई जनरल करिअप्पा ग्राउंड में परेड के दौरान मरणोपरांत उनकी पत्नी वीरांगना सुनीता देवी को चीफ ऑफ आर्मी मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना मेडल से सम्मानित किया और सेना हाउस में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ओर से भी सम्मानित किया गया. वीरांगना को सेना मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.

पढ़ेंः झुंझुनू: पतंग उड़ाते समय छत से गिरा 7 साल का बच्चा, गंभीर रूप से घायल

वीरांगना सुनीता देवी ने फोन पर बात करते हुए बताया कि उन्हें गर्व है कि उनके पति देश के लिए शहीद हुए हैं. वह अपने बेटे को भी सेना में भेजना चाहती है. गौरतलब है कि हवलदार श्योराम गुर्जर 55 आरआर राष्ट्रीय राइफल में पुलवामा पिंगलाना में कार्यरत थे. ऑपरेशन रक्षक के दौरान 17 फरवरी को घायल होते हुए एक दुश्मन को मार गिराया और देश के लिए शहीद हो गए मरणोपरांत उनको सेना मेडल से सम्मानित किया गया.

खेतड़ी (झुंझुनू). देश के लिए मर मिटने वाले रणबांकुरो में शेखावाटी का नाम सबसे ऊपर आता है. झुंझुनू जिले की अगर बात की जाए तो परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद पीरू सिंह सहित सैकड़ों जिले के लाल ऐसे हैं जो मातृभूमि के लिए अमर गाथा लिख कर चले गए.

श्योराम गुर्जर की वीरांगना को सेना मेडल से किया सम्मानित

उसी लिस्ट में खेतड़ी उपखंड के टीबा गांव के श्योराम गुर्जर 17 फरवरी को पुलवामा में ऑपरेशन रक्षक के दौरान घायल होते हुए भी एक दुश्मन को मार गिराया और देश के लिए शहादत देकर अमर शहीद हो गए. बुधवार को आर्मी डे पर दिल्ली में हुई जनरल करिअप्पा ग्राउंड में परेड के दौरान मरणोपरांत उनकी पत्नी वीरांगना सुनीता देवी को चीफ ऑफ आर्मी मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना मेडल से सम्मानित किया और सेना हाउस में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ओर से भी सम्मानित किया गया. वीरांगना को सेना मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.

पढ़ेंः झुंझुनू: पतंग उड़ाते समय छत से गिरा 7 साल का बच्चा, गंभीर रूप से घायल

वीरांगना सुनीता देवी ने फोन पर बात करते हुए बताया कि उन्हें गर्व है कि उनके पति देश के लिए शहीद हुए हैं. वह अपने बेटे को भी सेना में भेजना चाहती है. गौरतलब है कि हवलदार श्योराम गुर्जर 55 आरआर राष्ट्रीय राइफल में पुलवामा पिंगलाना में कार्यरत थे. ऑपरेशन रक्षक के दौरान 17 फरवरी को घायल होते हुए एक दुश्मन को मार गिराया और देश के लिए शहीद हो गए मरणोपरांत उनको सेना मेडल से सम्मानित किया गया.

Intro:Body:आर्मी डे पर खेतड़ी के लाडले श्योराम गुर्जर की वीरांगना को सेना मेडल से किया सम्मानित
खेतङी/ झुंझुनू
देश के लिए मर मिटने वाले रणबांकुरो में शेखावाटी का नाम सबसे ऊपर आता है झुंझुनू जिले की अगर बात की जाए तो परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद पीरू सिंह सहित सैकड़ों जिले के लाल ऐसे हैं जो मातृभूमि के लिए अमर गाथा लिख कर चले गए। उसी लिस्ट में खेतड़ी उपखंड के टीबा गांव के श्योराम गुर्जर 17 फरवरी को पुलवामा में ऑपरेशन रक्षक के दौरान घायल होते हुए एक दुश्मन को मार गिराया और देश के लिए शहादत देकर अमर शहीद हो गए। बुधवार को आर्मी डे पर दिल्ली में हुई जनरल करिअप्पा ग्राउंड में परेड के दौरान मरणोपरांत उनकी पत्नी वीरांगना सुनीता देवी को चीफ ऑफ आर्मी मनोज मुकुंद मुकंद नरवणे द्वारा सेना मेडल से सम्मानित किया गया तथा सेना हाउस में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा भी सम्मानित किया गया। वीरांगना को सेना मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। वीरांगना सुनीता देवी ने दूरभाष पर बात करते हुए बताया कि उन्हें गर्व है कि उनके पति देश के लिए शहीद हुए हैं वह अपने बेटे को भी सेना में भेजना चाहती है। गौरतलब है कि हवलदार श्योराम गुर्जर 55 आरआर राष्ट्रीय राइफल में पुलवामा पिंगलाना में कार्यरत थे ऑपरेशन रक्षक के दौरान 17 फरवरी को घायल होते हुए एक दुश्मन को मार गिरा कर देश के लिए शहीद हो गए मरणोपरांत उनको सेना मेडल से सम्मानित किया गया।Conclusion:
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