झुंझुनू. रक्षाबंधन पर हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांध का लंबी उम्र की कामना करती है. चाहे बहन कहीं पर भी हो, लेकिन रक्षाबंधन के दिन अपने भाई के पास पहुंचती है.झुंझुनू में भी शहीद दिलीप थाकन की प्रतिमा को राखी बांधने उनकी बहनें इस बार भी रक्षाबंधन पर (Martyr Dilip Thakan sister tied rakhi on statue) आईं.
रक्षाबंधन के त्योहार पर अणगासर के शहीद दलित थाकन की दो बहनें सुमन व अनीता जब राखी बांधने आईं, तो भाई को याद करके भावुक हो गईं. बहनों ने अपने भाई की शहादत पर गर्व करते हुए कहा कि ऐसे भाई तो सभी को मिले, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने आपको न्यौछावर कर दिया. वह भाई तो पूरे देश की बहनों का हो गया. उन्होंने कहा कि जब रक्षाबंधन का त्योहार आता है, तो भाई की याद जरूर आती है. इस दिन भाई की प्रतिमा को ही राखी बांधकर जज्बात को रोक लेती हूं. शहीद दिलीप थाकन ऑपरेशन कारगिल में शहीद हुए थे. वे 1998 में आर्मी में भर्ती हुए थे. उनके एक बेटा दीपक और बेटी प्रियंका है.
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