सिंघाना (झुंझुनूं). चार माह से लेह, जम्मू कश्मीर से लापता सैनिक रविंद्र राव का पार्थिव देह गांव घरड़ाना कलां पहुंचा. जहां उनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. पांच साल के बेटे दक्ष ने मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार से पहले पुलिस लाइन से आई पुलिस की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाते हुए गार्ड ऑफ ऑनर दिया. बता दें कि रविंद्र का शव लेह में युनिट के पास नदी के किनारे 6 जुलाई को मिला था.
पार्थिव देह लेकर पहुंचे साथी अनुज ने बताया कि रविंद्र कुमार 28 फरवरी को यूनिट से बाहर गया था, जहां वह बर्फबारी की चपेट में आ गया. बर्फ के नीचे करीब 4 महीने दबा रहा. जब बर्फ पिघली तो उसका शव नदी के पास मिला. अंतिम संस्कार में थानाधिकारी प्रमोद चौधरी और यूनिट से आए साथी अनुज कुमार ने पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजली दी. अंतिम संस्कार से पहले पुलिस लाइन से आई पुलिस की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाते हुए गार्ड ऑफ ऑनर दिया. अंतिम संस्कार के लिए जाते समय रास्ते में ग्रामीणों ने रविंद्र अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए चल रहे थे.
रविंद्र अपने पीछे माता मायाकोर, पिता महासिंह राव, पत्नी प्रियंका व दो छोटे-छोटे बेटे 5 वर्षीय दक्ष व 10 माह के यक्ष को छोड़कर गए हैं. बड़ा बेटा दक्ष सिलार पुरी में एलकेजी की पढ़ाई कर रहा है. रविंद्र दो भाइयों में छोटा था. पिता और बड़ा भाई सुरेंद्र कृषि का कार्य करते हैं. वहीं दो बहनें कौशल्या और नीलम की शादी हो चुकी है.
रविंद्र 15 जनवरी को 1 महीने की छुट्टी पर आया था. 13 फरवरी को वापस अपनी यूनिट लेह में गया था, जहां पर 28 फरवरी को लापता बताया गया था. रविंद्र अक्टूबर 2016 में पुणे में भर्ती हुए थे. पहली नियुक्ति लेह जम्मू कश्मीर में ही हुई. गांव के साथी राकेश घरडा़निया ने बताया कि रविंद्र मिलनसार और खेलों के प्रति रुचि रखता था. गांव में आते ही मैदान पर जाकर खिलाड़ियों व फौज में भर्ती के लिए प्रैक्टिस करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करता रहता था.