झुंझुनू. जिले के मंड्रेला कस्बे में किसानों ने प्रदेश की गहलोत सरकार से 300 यूनिट तक प्रति उपभोक्ता को फ्री बिजली देने की मांग की है. इसी मांग को लेकर स्थानीय किसानों को फ्री और घरेलू उपभोक्ताओं को तीन सौ यूनिट तक निशुल्क बिजली देने की मांग को लेकर कस्बे में रैली निकाली. रैली पुराना बस स्टैंड स्थित मिडिल स्कूल के पास से पावर हाउस तक पहुंची. रैली में शामिल लोगों ने पावर हाउस का घेराव कर प्रदर्शन किया.
जिला परिषद् सदस्य और किसान नेता पंकज धनकड़ ने कहा कि वर्तमान में महंगी बिजली की दरों ने किसानों के साथ आम उपभोक्ताओं की भी कमर तोड़ दी है, जिसके लिए सामूहिक रूप से लड़ाई लड़नी होगी. धनकड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने वादों से मुकर रहे हैं, किसानों को गुमराह कर फ्लेट रेट बंद कर मीटरों से जोड़ा जा रहा है. जिससे किसानों के बिजली बिल सात-आठ गुणा अधिक आ रहें हैं. साथ ही घरेलू उपभोक्ताओं की हालत और भी खराब है. प्रदेश सरकार की कार्यशैली से देश में दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी पनप रही है, अगर समय रहते इसे रोका नही गया तो, ये किसानों को गुलाम बना देंगी.
जनता आंदोलन मंड्रेला के संयोजक सिद्धार्थ चौधरी ने कहा कि यह आंदोलन पीडि़त जनता को न्याय दिलाने के लिए हैं. उन्होंने कहा जल्दी ही जिला मुख्यालय पर लाखों लोगों की रैली होगी. इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने जेईएन विजय बोला और एईएन नाजिम जांगिड़ को बिजली विभाग से जुड़ी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन का संचालन बलराज पुनिया ने किया. इस अवसर पर पूर्व सरपंच जगदीश सैनी, रामसिंह कुमावत, सुशील डांगी, संदीप कुमावत, मूलचंद शर्मा, प्रमोद नेहरा, मानसिंह राव, मनोज सिंघल, सोनू, चुन्नीलाल पूनिया, ओमप्रकाश, जयसिंह, दिनेश महला, संदीप कुमार, प्रमोद कुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजनों ने रैली में भाग लिया.
मुख्यमंत्री के नाम सौंप गए ज्ञापन में बिजली का निजीकरण बंद करने, किसानों को फ्री बिजली देने, घरेलू बिजली 300 यूनिट तक नि:शुल्क देने, विद्युत विभाग की वीसीआर के नाम से लूट बंद करने तथा बिजली बिलों में यूनिट चार्ज के अलावा सभी अतिरिक्त चार्ज समाप्त किये जाने की मांग की गई.