झालावाड़. शहर की मुंडेरी पुलिया के नीचे से बहने वाली कालीसिंध नदी से महज 100 मीटर दूरी पर स्थित निर्मल मूक बधिर विद्यालय में शनिवार को रात भर बच्चों के फंसे होने का मामला सामने आया है. जिसमें अभी तक विद्यालय प्रशासन के द्वारा किसी भी व्यक्ति और मीडियाकर्मी को अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और ना ही बच्चों को अभी भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है.
लगातार हो रही भारी बारिश के चलते पूरा झालावाड़ जिला बाढ़ की चपेट में आ गया है. जिले की तमाम नदियां और तालाब उफान पर हैं. जिसके चलते नदियों और तालाबों के आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं. जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है.
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जिले के कई क्षेत्रों में तो बचाव कार्यों के लिए आर्मी को बुलाना पड़ गया है. वहीं शहर की मुंडेरी पुलिया के पास में स्थित निर्मल मूक बधिर विद्यालय में दिव्यांग बच्चों को मौत के साए में रहना पड़ रहा है और पिछली रात बच्चों का यह हॉस्टल टापू में तब्दील हो गया था. जिसमें 7 से 8 फीट तक पानी भरा हुआ था.
पानी के इस भयंकर रूप को देखकर सक्षम व्यक्ति की हालत खराब हो जाती है. वहीं मूक बधिर बच्चों की क्या दशा हो रही होगी इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है. उसके बावजूद स्कूल प्रशासन के द्वारा बच्चों को कैद करके रखा गया है.
इस विद्यालय भवन के निर्माण को लेकर भी कई सवाल खड़े होते हैं क्योंकि कालीसिंध नदी से यह भवन महज 100 मीटर दूरी पर ही स्थित है. जिसके चलते हर समय खतरे की आशंका बनी रहती है और इस वक्त तो काली सिंध बांध के 23 गेट खुले हुए हैं जिसके चलते कालीसिंध नदी विकराल रूप में बह रही है.
वहीं अभी तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने यहां के हालातों का जायजा नहीं लिया है और ना ही बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कोई व्यवस्था की गई है.
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असनावर तहसीलदार गंगाराम गुर्जर का इस मामले में कहना है कि नदी के एकदम पास में ही विद्यालय और होस्टल भवन के निर्माण की अनुमति कैसे मिली इसकी जानकारी मुझे नहीं मालूम है, क्योंकि यह मेरे यहां आने से पहले का मामला है. वहीं मूक बधिर बच्चों के रात भर पानी के बीच मे फंसे होने की घटना हुई है. ऐसे में अब इनको सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी.