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दंपति का पक्षी प्रेम : पक्षियों पर बने 195 देशों के 5 लाख से ज्यादा डाक टिकट का नायाब कलेक्शन

पुष्पा खमेसरा और उनके पति रवि खमेसरा ने अपने पक्षी प्रेम के कारण 195 देशों से करीब 5 लाख से अधिक डाक टिकटों का कलेक्शन किया है, जिन पर पक्षियों के चित्र अंकित हैं. इसके अलावा 35 देशों की मुद्राओं का भी उन्होंने कलेक्शन किया हुआ है, जिन पर पक्षियों के चित्र दर्शाए गए हैं. पढ़िए ये स्पेशल स्टोरी...

डाक टिकटों का कलेक्शन, Postage stamp collection
डाक टिकटों का कलेक्शन
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Published : Feb 14, 2020, 12:04 AM IST

झालावाड़. फरवरी के महीना को प्यार का महीना कहा जाता है. इसी महीने में वेलेंटाइन डे भी आता है. ऐसे में हम आपको एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाते हैं, जिनका पक्षियों के प्रति प्रेम देखते ही बनता है. उदयपुर निवासी पुष्पा खमेसरा झालावाड़ में चल रहे जैव विविधता उत्सव में भाग लेने पहुंची है, जहां पर इन्होंने पक्षियों से संबंधित डाक टिकटों और मुद्राओं का प्रदर्शन किया है.

डाक टिकटों का कलेक्शन

बता दें कि पुष्पा खमेसरा और उनके पति रवि खमेसरा ने अपने पक्षी प्रेम में 195 देशों के 5 लाख से अधिक डाक टिकटों का संग्रहण कर रखा है, जिन पर पक्षियों के चित्र अंकित हैं. इसके अलावा उन्होंने 35 देशों की मुद्राओं जिनमें नोट और सिक्के शामिल हैं उनका भी संग्रहण किया हुआ है, जिन पर पक्षियों के चित्र दर्शाए गए हैं. उनके इस संग्रहण की प्रदर्शनी देखते ही बनती है.

पढ़ें- दास्तां-ए-मोहब्बत: प्यार की एक ऐसी कहानी, जो अधूरी होकर भी है मुकम्मल

खमेसरा के कलेक्शन में पक्षियों पर निकली दुनिया की सबसे पुरानी जो कि स्वान (हंस) की 1854 में ऑस्ट्रेलिया से निकली थी वह भी शामिल है. इसके अलावा भारत में पक्षियों पर 1945 में निकली पहली डाक टिकट जो कि सिंबॉलिक और पहली प्रॉमिनेंट डाक टिकटस जो पर्पल सनबर्ड पर 1968 में निकली थी वो भी शामिल है.

पुष्पा खमेसरा ने बताया कि पूरी दुनिया में अब तक 33 हजार पक्षियों पर डाक टिकट निकल चुकी है, जबकि भारत में 170 के करीब पक्षियों पर डाक टिकट निकली है. खमेसरा ने बताया कि जब वह चौथी क्लास में थी, तब से ही उन्होंने डाक टिकटों का कलेक्शन करना शुरू कर दिया था. उसके बाद जब उनकी शादी हुई तो उनके पति भी पक्षी प्रेमी निकले और उन दोनों ने मिलकर इस काम को आगे बढ़ाया.

पढ़ें- दास्तां-ए-मोहब्बत: जब 'लैला' के प्यार में कैसे बना 'मजनू'...

पक्षी प्रेमी खमेसरा ने बताया कि अब तक दोनों मिलकर 5 लाख डाक टिकटों का कलेक्शन कर चुके हैं, जिनपर पक्षियों के चित्र अंकित हैं. उन्होंने बताया कि इस कलेक्शन में उनके पास दुनिया की सबसे पहली डाक टिकट पेनी ब्लैक भी है, साथ ही भारत की सबसे पहली डाक टिकट भी उनके पास है.

झालावाड़. फरवरी के महीना को प्यार का महीना कहा जाता है. इसी महीने में वेलेंटाइन डे भी आता है. ऐसे में हम आपको एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाते हैं, जिनका पक्षियों के प्रति प्रेम देखते ही बनता है. उदयपुर निवासी पुष्पा खमेसरा झालावाड़ में चल रहे जैव विविधता उत्सव में भाग लेने पहुंची है, जहां पर इन्होंने पक्षियों से संबंधित डाक टिकटों और मुद्राओं का प्रदर्शन किया है.

डाक टिकटों का कलेक्शन

बता दें कि पुष्पा खमेसरा और उनके पति रवि खमेसरा ने अपने पक्षी प्रेम में 195 देशों के 5 लाख से अधिक डाक टिकटों का संग्रहण कर रखा है, जिन पर पक्षियों के चित्र अंकित हैं. इसके अलावा उन्होंने 35 देशों की मुद्राओं जिनमें नोट और सिक्के शामिल हैं उनका भी संग्रहण किया हुआ है, जिन पर पक्षियों के चित्र दर्शाए गए हैं. उनके इस संग्रहण की प्रदर्शनी देखते ही बनती है.

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खमेसरा के कलेक्शन में पक्षियों पर निकली दुनिया की सबसे पुरानी जो कि स्वान (हंस) की 1854 में ऑस्ट्रेलिया से निकली थी वह भी शामिल है. इसके अलावा भारत में पक्षियों पर 1945 में निकली पहली डाक टिकट जो कि सिंबॉलिक और पहली प्रॉमिनेंट डाक टिकटस जो पर्पल सनबर्ड पर 1968 में निकली थी वो भी शामिल है.

पुष्पा खमेसरा ने बताया कि पूरी दुनिया में अब तक 33 हजार पक्षियों पर डाक टिकट निकल चुकी है, जबकि भारत में 170 के करीब पक्षियों पर डाक टिकट निकली है. खमेसरा ने बताया कि जब वह चौथी क्लास में थी, तब से ही उन्होंने डाक टिकटों का कलेक्शन करना शुरू कर दिया था. उसके बाद जब उनकी शादी हुई तो उनके पति भी पक्षी प्रेमी निकले और उन दोनों ने मिलकर इस काम को आगे बढ़ाया.

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पक्षी प्रेमी खमेसरा ने बताया कि अब तक दोनों मिलकर 5 लाख डाक टिकटों का कलेक्शन कर चुके हैं, जिनपर पक्षियों के चित्र अंकित हैं. उन्होंने बताया कि इस कलेक्शन में उनके पास दुनिया की सबसे पहली डाक टिकट पेनी ब्लैक भी है, साथ ही भारत की सबसे पहली डाक टिकट भी उनके पास है.

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