झालावाड़. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने दुष्कर्म आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामले में विशिष्ठ लोक अभियोजक लालचंद मीणा ने बताया कि 9 फरवरी 2014 को फरियादी महिला ने एमजेएम कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था.
जिसमें उसने बताया था कि गुजरात के सूरत निवासी सुरेश परमार नाम के व्यक्ति ने उसे अपने आप को कुंवारा बताकर और झूठा झांसा देकर उसे विवाह करने का प्रस्ताव रखा. जिस पर पीड़िता ने उसे बताया कि वह एक विधवा है और पूर्व पति से उसे एक बेटा भी है.
इस पर भी सुरेश परमार ने उसके पुत्र को अपनाने का झूठा वादा देकर, महिला के साथ विवाह कर लिया और 2009 से लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा. आरोपी ने महिला को विश्वास में लेकर मोटरसाइकिल खरीदने के बहाने 4 तोले की अंगूठी, कानों की बाली और पांव की पायल सहित अनेक गहने भी हड़प लिए और खुद को अच्छी नौकरी मिलने के बहाने से महिला को झालावाड़ से आबूरोड ले गया, जहां महिला के एक पुत्री का जन्म भी हुआ. आरोपी काम में व्यस्त का हवाला देते हुए 15-15 दिन तक घर से दूर रहने लगा. उसके बाद आरोपी ने अच्छी नौकरी लगने के बहाने से महिला को गुजरात के सूरत ले गया और वहां पर भी वह 15-15 दिन तक घर नहीं आता था.
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इससे परेशान होकर महिला सच्चाई जानने में जुट गई. छानबीन की तो पता चला कि आरोपी पहले से ही शादीशुदा है और पहली पत्नी से उसे 3 बच्चे भी हैं. जिस पर महिला ने झालावाड़ न्यायालय में इस्तगासा पेश किया. जिसके आधार पर महिला पुलिस थाने ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया, जिसमें गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश अनीश दाधीच ने आरोपी सुरेश परमार को धारा 376 और 420 में दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.