ढाका : बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ दूसरा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. यह वारंट वहां की एक अदालत ने जारी किया. बताया जाता है कि यह गिरफ्तारी वारंट जबरन गायब किए गए लोगों के मामले में उनकी कथित भूमिका को लेकर जारी किया गया. इससे पूर्व 77 शेख हसीना के खिलाफ एक गिरफ्तारी वारंट पहले ही जारी किया हो चुका है.
शेख हसीना ने 2024 के अगस्त में छात्र आंदोलन के बाद जनाक्रोश को देखते हुए सत्ता छोड़कर भारत भागना पड़ा था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बारे में घरेलू अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने कहा कि दूसरा गिरफ्तारी वारंट शेख हसीना के शासन के दौरान जबरन गायब किए गए लोगों से जुड़ा है.
शेख हसीना पर आरोप है कि उनके समय में बांग्लादेश के सुरक्षाकर्मियों ने कथित रूप से 500 से ज्यादा लोगों का अपहरण किया. इनमें से कुछ लोगों को कई वर्ष तक गोपनीय ठिकानों पर हिरासत में रखा गया.
साथ ही यह भी कहा गया कि कोर्ट ने शेख हसीना और उनके सैन्य सलाहकार के अलावा सैन्य कर्मियों व अन्य कानून प्रवर्तन अफसरों समेत 11 अन्य के विरुद्ध वारंट जारी किया है. वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हसीना के प्रत्यर्पण और मुकदमे को एक बड़ा मुद्दा बना रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने इस बारे में रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के लिए न्याय का सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के द्वारा हाल ही में भारत सरकार से पूर्व पीएम शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए एक राजनयिक नोट भेजा गया था. इतना ही नहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने इस बारे में 23 दिसंबर को कहा था कि हमने इस बारे में भारत को अवगत करा दिया है और न्यायिक उद्देश्यों के मद्देनजर शेख हसीना की वापस के लिए अनुरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक रायनयिक नोट के जरिये संप्रेषित किया गया है.
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