झालावाड़. जिला आबकारी कार्यालय में देसी और अंग्रेजी शराब के ठेके संचालकों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. साथ ही गारंटी का माल बेचने और गारंटी राशि जमा कराने की बाध्यता को खत्म करने की मांग की है. साथ ही नियमों में ढील नहीं देने पर दुकानों को सरेंडर करने की भी बात कही है.
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शराब ठेका संचालक विवेक सिंह ने बताया कि वर्तमान में कोरोना के चलते लॉकडाउन की घोषणा की हुई है, जिसमें कई प्रकार की पाबंदियां की जा रही है. इसके चलते शराब का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. सरकार ने जहां पहले शराब की दुकानों को पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिए और बाद में संशोधित आदेश जारी करते हुए सुबह 6 से 11 तक दुकान खोलने के आदेश जारी किए हैं. ऐसे में दुकानें बंद करने और कम समय तक दुकानें खोलने के आदेश के चलते शराब की बिक्री नहीं हो पा रही है.
उन्होंने बताया कि सुबह 6:00 से 11:00 तक शराब की बिक्री ना के बराबर होती है. सुबह ना तो कोई शराब पीता है और ना ही शराब की खरीददारी करता है. इसके अलावा पुलिस ने लोगों की आवाजाही भी पूरी तरह से बंद कर रखी है. इसके कारण लोग शराब नहीं खरीद पा रहे हैं. वहीं, प्रशासन के द्वारा ठेकों के सेल्समैन और कर्मचारीयों को पास भी जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में पुलिस के द्वारा उनके चालान भी बनाए जाते हैं.
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ठेका संचालकों कहना है कि उनके लिए सरकार के द्वारा देसी और अंग्रेजी शराब की वार्षिक गारंटी निश्चित की गई है. इसके अनुसार ठेके संचालकों को 2021-22 सत्र का माल उठाना ही होगा और उसे बेचना भी होगा, जो कि वर्तमान पाबंदियों को देखते हुए संभव नहीं हो सकता, ऐसे में ठेके संचालकों ने मांग की है कि जब तक कोरोना महामारी का प्रकोप खत्म नहीं हो जाता और लोगों की आवाजाही शुरू नहीं हो जाती. तब तक ठेके संचालकों को गारंटी राशि जमा कराने की पाबंदी से मुक्त किया जाए और दुकानों को सरेंडर मानते हुए गारंटी राशि ठेके संचालकों को वापस दी जाए.