झालावाड़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, कोटा की टीम ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए झालावाड़ के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. रिश्वत की राशि उन्होंने अपने कार्यालय में लगी टैक्सी के बिल भुगतान के एवज में ली थी. साथ ही रिश्वत की राशि के लिए लंबे समय से ये टैक्सी मालिक सवाई माधोपुर निवासी वीर सिंह मीणा को तंग कर रहे थे और उसका बिल भुगतान नहीं होने दे रहे थे.
बता दें, परिवादी ने रिश्वत की राशि बैंक खाते में जमा करवाई थी, जो व्हाट्सएप मैसेज के जरिए आरोपी ब्रह्मप्रकाश आर्य ने परिवादी को दिया था. बैंक खाता नंबर किसी शकुंतला नाम की महिला का है, जो कि ब्रह्मप्रकाश आर्य की परिचित हैं.
कोटा एसीबी के डीएसपी हर्ष राज सिंह खरेड़ा ने बताया कि परिवादी वीर सिंह मीणा ने शिकायत दी थी. शिकायत में उसने बताया था कि उसने अपनी कार पिछले 1 वर्ष से अनुबंध पर जिला अल्पसंख्यक अधिकारी कार्यालय में लगा रखी थी. जिसमें अल्पसंख्यक अधिकारी गाड़ी लगाने के लिए पिछले 3 महीने से 10 हजार रुपए हर महीने रिश्वत की मांग कर रहा था. साथ ही मांग पूरी नहीं करने पर बार-बार गाड़ी हटाने की धमकी दे रहा था. परिवादी की ओर से रिश्वत की राशि देने पर असमर्थता जताने पर उसकी गाड़ी कार्यालय से हटा दी गई.
परिवादी ने बताया कि उसकी गाड़ी का पहले का करीब 35 से 40 हजार रुपए का बिल बकाया चल रहा था, जिसे पास करने के लिए जब जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ब्रह्म प्रकाश आर्य से बात की तो उन्होंने बिल पास करने के लिए 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की. इस पर परिवादी ने कोटा एसीबी को मामले की शिकायत दी.
शिकायत मिलने के बाद कोटा एसीबी ने मामले का सत्यापन करवाया. इस दौरान अधिकारी ने परिवादी ने 19 हजार रुपए रिश्वत की मांग की. इसके बाद मंगलवार को कोटा एसीबी ने कार्रवाई करते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ब्रह्म प्रकाश आर्य को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल, एसीबी की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है.