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झालावाड़: सरकारी कार्मिकों ने न्यू पेंशन स्कीम का किया विरोध

न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फैडरेशन ऑफ राजस्थान के बैनर तले सरकारी कार्मिकों ने झालावाड़ के मिनी सचिवालय में न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

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Published : Nov 2, 2019, 12:44 PM IST

झालावाड़. नई पेंशन स्कीम के विरोध में सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों ने झालावाड़ के मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फैडरेशन ऑफ राजस्थान के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

झालावाड़ में सरकारी कार्मिकों ने न्यू पेंशन स्कीम का किया विरोध

ज्ञापन में कार्मिकों का कहना रहा कि प्रदेश में 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन के स्थान पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है. नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित होने के कारण कार्मिकों को उनकी सेवानिवृत्ति के पश्चात वृद्धावस्था में आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के अनुकूल नहीं है.

साथ ही इस योजना में न्यूनतम पेंशन की भी कोई गारंटी नहीं है और एनपीएस में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें महज 800 से 1200 रुपए मासिक पेंशन ही मिल रही है. जिसके चलते एनपीएस योजना के खिलाफ कर्मचारियों में भयंकर रोष व्याप्त है.

यह भी पढ़ें : कार्तिक में कैसा ये मौसम : जैसलमेर में गिरे चने के आकार के ओले और बाड़मेर-बीकानेर में बूंदाबांदी

कार्मिकों का कहना है कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर हम लगातार लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. जबकि राजस्थान में 2004 से पूर्व की भांति सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का अधिकार संवैधानिक रूप से पूर्णतया राज्य सरकार के कार्य क्षेत्र में है. ऐसे में मांग है कि राजस्थान के लाखों कर्मचारियों और अधिकारियों के परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए.

झालावाड़. नई पेंशन स्कीम के विरोध में सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों ने झालावाड़ के मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फैडरेशन ऑफ राजस्थान के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

झालावाड़ में सरकारी कार्मिकों ने न्यू पेंशन स्कीम का किया विरोध

ज्ञापन में कार्मिकों का कहना रहा कि प्रदेश में 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन के स्थान पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है. नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित होने के कारण कार्मिकों को उनकी सेवानिवृत्ति के पश्चात वृद्धावस्था में आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के अनुकूल नहीं है.

साथ ही इस योजना में न्यूनतम पेंशन की भी कोई गारंटी नहीं है और एनपीएस में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें महज 800 से 1200 रुपए मासिक पेंशन ही मिल रही है. जिसके चलते एनपीएस योजना के खिलाफ कर्मचारियों में भयंकर रोष व्याप्त है.

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कार्मिकों का कहना है कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर हम लगातार लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. जबकि राजस्थान में 2004 से पूर्व की भांति सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का अधिकार संवैधानिक रूप से पूर्णतया राज्य सरकार के कार्य क्षेत्र में है. ऐसे में मांग है कि राजस्थान के लाखों कर्मचारियों और अधिकारियों के परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए.

Intro:न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के बैनर तले सरकारी कार्मिकों ने झालावाड़ की मिनी सचिवालय में न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में प्रदर्शन किया साथ ही मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।


Body:नई पेंशन स्कीम के विरोध में सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों ने झालावाड़ के मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया तथा न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में कार्मिकों का कहना है कि प्रदेश में 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन के स्थान पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है जो कि पेंशन योजना में होकर पूर्णता शेयर मार्केट पर आधारित एक म्यूच्यूअल फंड है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित होने के कारण कार्मिकों को उनकी सेवानिवृत्ति के पश्चात वृद्धावस्था में आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के अनुकूल नहीं है। साथ ही इस योजना में न्यूनतम पेंशन की भी कोई गारंटी नहीं है और एनपीएस में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें महज 800 से 1200 रुपए मासिक तक पेंशन ही मिल रही है। जिसके चलते एनपीएस योजना के खिलाफ कर्मचारियों में भयंकर रोष व्याप्त है।

कार्मिकों का कहना है पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर हम लगातार लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करते आ रहे हैं लेकिन सरकार सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं जबकि राजस्थान में 2004 से पूर्व की भांति सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का अधिकार संवैधानिक रूप से पूर्णतया राज्य सरकार के कार्य क्षेत्र में है। ऐसे में हमारी मांग है कि राजस्थान के लाखों कर्मचारीयों व अधिकारियों के परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए।


Conclusion:बाइट अब्दुल कलीम (जिला संयोजक, NPSEFR)
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