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राजस्थान के इस कांग्रेस नेता ने सांसद दुष्यंत सिंह की परफॉर्मेंस बताया घटिया...गिनाए ये कार

झालावाड़ वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है. कांग्रेस के लिए झालावाड़ को जीतना हमेशा से टेढ़ी खीर रहा है. ऐसे में झालावाड़ के कांग्रेसी नेता प्रमोद शर्मा ने सांसद दुष्यंत सिंह पर उनके लोकसभा कार्यकाल को लेकर हमला बोला है.

झालावाड़
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Published : Feb 23, 2019, 10:56 PM IST

झालावाड़. कांग्रेस के नेता प्रमोद शर्मा का कहना है कि तीसरी बार संसद में बैठकर भी दुष्यंत सिंह अपनी परिपक्वता का परिचय नहीं दे पाए हैं. वे जनता की आवाज उठाने में नाकाम रहे हैं. साथ ही कांग्रेस नेता ने लोकसभा में सांसद दुष्यंत सिंह की परफॉर्मेंस को घटिया करार दिया है.


शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि यह दोनों मां-बेटे झालावाड़ के लोगों से वोट मांगने तो आ जाते हैं लेकिन अपने कार्यकाल का ब्यौरा नहीं देते हैं. शर्मा ने लोक सभा में दुष्यंत सिंह के कार्यकाल को शून्य बताते हुए उनको निष्क्रिय कहा है. इसके पीछे उन्होंने अनेक कारण भी गिनाए हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा में 5 वर्ष की परफॉर्मेंस को लेकर सांसदों पर नजर रखने वाली पार्लियामेंट्री बिजनेस डॉट कॉम ने ना केवल संसद में सांसदों के कार्य प्रदर्शन की निगरानी की है बल्कि उसके आधार पर रेटिंग और रैंकिंग भी दी है.

कांग्रेस नेता प्रमोद शर्मा


आपको बता दें कि इस रेटिंग और रैंकिंग के अनुसार झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह को 279 रैंक के साथ 32.58% की रेटिंग दी गई है. शर्मा ने कहा कि 5 वर्षों में दुष्यंत सिंह के द्वारा लोकसभा में 1 हजार 605 प्रश्न पूछे जाने थे लेकिन उन्होंने झालावाड़ की जनता के प्रति जवाबदेही को नकारते हुए मात्र 252 प्रश्न ही पूछे.


प्रमोद शर्मा ने बताया कि लोकसभा में 32 हजार 351 मैक्सिमम डिबेट्स पार्टिसिपेशन में से मात्र 35 डिबेट में ही दुष्यंत सिंह उपस्थित रहे हैं. उन्होंने कहा कि सांसद को 60 प्राइवेट मेंबर बिल लाने का अधिकार होता है लेकिन दुष्यंत सिंह ने मात्र एक ही प्राइवेट मेंबर बिल लाकर अपनी अकर्मण्यता साबित की है. उन्होंने कहा कि सांसद निधि में मिलने वाली 25 करोड़ की राशि में से वह मात्र 17 करोड़ों खर्च कर पाए हैं जो उनकी निष्क्रियता का सबसे बड़ा प्रमाण है.

झालावाड़. कांग्रेस के नेता प्रमोद शर्मा का कहना है कि तीसरी बार संसद में बैठकर भी दुष्यंत सिंह अपनी परिपक्वता का परिचय नहीं दे पाए हैं. वे जनता की आवाज उठाने में नाकाम रहे हैं. साथ ही कांग्रेस नेता ने लोकसभा में सांसद दुष्यंत सिंह की परफॉर्मेंस को घटिया करार दिया है.


शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि यह दोनों मां-बेटे झालावाड़ के लोगों से वोट मांगने तो आ जाते हैं लेकिन अपने कार्यकाल का ब्यौरा नहीं देते हैं. शर्मा ने लोक सभा में दुष्यंत सिंह के कार्यकाल को शून्य बताते हुए उनको निष्क्रिय कहा है. इसके पीछे उन्होंने अनेक कारण भी गिनाए हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा में 5 वर्ष की परफॉर्मेंस को लेकर सांसदों पर नजर रखने वाली पार्लियामेंट्री बिजनेस डॉट कॉम ने ना केवल संसद में सांसदों के कार्य प्रदर्शन की निगरानी की है बल्कि उसके आधार पर रेटिंग और रैंकिंग भी दी है.

कांग्रेस नेता प्रमोद शर्मा


आपको बता दें कि इस रेटिंग और रैंकिंग के अनुसार झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह को 279 रैंक के साथ 32.58% की रेटिंग दी गई है. शर्मा ने कहा कि 5 वर्षों में दुष्यंत सिंह के द्वारा लोकसभा में 1 हजार 605 प्रश्न पूछे जाने थे लेकिन उन्होंने झालावाड़ की जनता के प्रति जवाबदेही को नकारते हुए मात्र 252 प्रश्न ही पूछे.


प्रमोद शर्मा ने बताया कि लोकसभा में 32 हजार 351 मैक्सिमम डिबेट्स पार्टिसिपेशन में से मात्र 35 डिबेट में ही दुष्यंत सिंह उपस्थित रहे हैं. उन्होंने कहा कि सांसद को 60 प्राइवेट मेंबर बिल लाने का अधिकार होता है लेकिन दुष्यंत सिंह ने मात्र एक ही प्राइवेट मेंबर बिल लाकर अपनी अकर्मण्यता साबित की है. उन्होंने कहा कि सांसद निधि में मिलने वाली 25 करोड़ की राशि में से वह मात्र 17 करोड़ों खर्च कर पाए हैं जो उनकी निष्क्रियता का सबसे बड़ा प्रमाण है.

Intro:कांग्रेस नेता ने लोकसभा में सांसद दुष्यंत सिंह की परफॉर्मेंस को बताया घटिया, गिनाये ये कारण

तीसरी बार लोकसभा में बैठकर भी दुष्यंत सिंह परिपक्वता का का परिचय नही दे पाए - कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता ने दुष्यंत सिंह पर लगाये आरोप, कहा - तीसरी बार भी जनता की आवाज़ को उठाने में नाकाम रहें है सांसद, गिनाये कारण


Body:झालावाड़ वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है. यहां से न सिर्फ वसुंधरा राजे 30 सालों से बनी हुई है बल्कि उनके पुत्र दुष्यंत सिंह भी तीन बार से सांसद बने हुए हैं. कांग्रेस के लिए झालावाड़ को जीतना हमेशा से टेढ़ी खीर रहा है. ऐसे में झालावाड़ के कांग्रेसी नेता प्रमोद शर्मा ने सांसद दुष्यंत सिंह पर उनके लोकसभा कार्यकाल को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि तीसरी बार संसद में बैठकर भी दुष्यंत सिंह अपनी परिपक्वता का परिचय नहीं दे पाए हैं. वें जनता की आवाज उठाने में नाकाम रहे हैं साथ ही कांग्रेस नेता ने लोकसभा में सांसद दुष्यंत सिंह की परफॉर्मेंस को घटिया करार दिया है




Conclusion:कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि यह दोनों मां-बेटे झालावाड़ के लोगों से वोट मांगने तो आ जाते हैं लेकिन अपने कार्यकाल का ब्यौरा नहीं देते है. शर्मा ने लोक सभा में दुष्यंत सिंह के कार्यकाल को शून्य बताते हुए उनको निष्क्रिय कहा है. इसके पीछे उन्होंने अनेक कारण भी गिनाए है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में 5 वर्ष की परफॉर्मेंस को लेकर सांसदों पर नजर रखने वाली पार्लियामेंट्री बिजनेस डॉट कॉम ने न केवल संसद में सांसदों के कार्य प्रदर्शन की निगरानी की है बल्कि उसके आधार पर रेटिंग और रैंकिंग भी दी है. इसमें झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह आल ओवर 279 रैंक के साथ 32.58% की रेटिंग दी गई है. शर्मा ने कहा कि 5 वर्षों में दुष्यंत सिंह के द्वारा लोकसभा में 1605 प्रश्न पूछे जाने थे लेकिन उन्होंने झालावाड़ की जनता के प्रति जवाबदेही को नकारते हुए मात्र 252 प्रश्न ही पूछे जिसके चलते उन्हें 192 भी रेटिंग प्राप्त हुई है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में 32351 मैक्सिमम डिबेट्स पार्टिसिपेशंस में से मात्र 35 डिबेट में ही दुष्यंत सिंह उपस्थित रहे हैं. प्रमोद शर्मा यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि सांसद को 60 प्राइवेट मेंबर बिल लाने का अधिकार होता है लेकिन दुष्यंत सिंह ने मात्र एक ही प्राइवेट मेंबर बिल लाकर अपनी अकर्मण्यता साबित की है. उन्होंने कहा कि सांसद निधि में मिलने वाली 25 करोड़ की राशि में से वह मात्र 17 करोड़ों खर्च कर पाए हैं जो उनकी निष्क्रियता का सबसे बड़ा प्रमाण है.
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