ETV Bharat / state

झालावाड़ का 'भंवरलाल' 6 महीने से मुआवजे के लिए भटक रहा

झालावाड़ जिले की डग तहसील में किसान भंवरलाल मुआवजे की राशि के लिए पिछले 6 महीने से दर-दर भटकने को मजबूर हैं. भंवरलाल की फसल ओलावृष्टि में खराब हो गई थी. जिसके बाद मुआवजे की राशि भंवरलाल के अकाउंट में ना आकर उसी के नाम के दूसरे भंवरलाल के खाते में चली गई.

ओलावृष्टि,  मुआवजे के लिए भटक रहा है भंवरलाल,  jhalawar news,  rajasthan news
6 महीने से मुआवजे के लिए भटक रहा है भंवरलाल
author img

By

Published : Jul 16, 2020, 6:04 PM IST

डग (झालावाड़). सरकार डिजिटल इंडिया बनाने की बात तो कर रही है, लेकिन इसकी खामियों के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. जिसका खामियाजा भंवरलाल जैसे किसानों को उठाना पड़ता है. भारत के अधिकतर किसान या तो पढ़े लिखे नहीं हैं या कम पढ़े लिखे हैं. ऐसे में डिजिटल प्रक्रिया के तहत मुआवजा लेना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

दर-दर भटकने पर मजबूर है किसान

भंवरलाल गोविंदपुरा गांव का किसान है. भंवरलाल के पास 12 बीघा जमीन है. भंवरलाल पिछले 6 महीने से मुआवजे की राशि के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल खराब हो गई थी. किसान भंवरलाल की भी फसल ओलावृष्टि की चपेट में आ गई थी. जिसमें ओलावृष्टि से फसल खराब होने के चलते 27 हजार की मुआवजा राशि मिलनी थी. मुआवजा राशि लेने के लिए बुजुर्ग किसान ने अपने बैंक अकाउंट की कॉपी, आधार कार्ड की कॉपी सहित बाकि के कागजात पटवारी को दिए थे.

पढ़ें: भारतीय किसान संघ ने भरी हुंकार...मांगें नहीं मानी तो 21 जुलाई से प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी

लेकिन मुआवजे की राशि भंवरलाल के खाते में नहीं आई. मुआवजे की राशि किसी दूसरे किसान के खाते में चली गई. जिस दूसरे किसान के खाते में मुआवजे की राशि गई है उसका नाम भी भंवरलाल ही है और उसी गांव का रहने वाला है और उसके पास केवल 2 बीघा जमीन है. वहीं सोयाबीन की फसल नष्ट होने पर 3600 रुपए का मुआवजा पीड़ित भंवरलाल को मिलना था. लेकिन यह मुआवजा राशि भी दूसरे भंवरलाल के खाते में चली गई. जिसके बाद पीड़ित किसान लगातार अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

रोज ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें लाभार्थी के अकाउंट में पैसे ना आकर किसी दूसरे के अकाउंट में पैसे चले जाते हैं. कई बार ये कागजात में गलती की वजह से हो जाता है वहीं कई बार लोकल लेवल पर मिलीभगत के चलते भी राशि किसी दूसरे के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है.

डग (झालावाड़). सरकार डिजिटल इंडिया बनाने की बात तो कर रही है, लेकिन इसकी खामियों के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. जिसका खामियाजा भंवरलाल जैसे किसानों को उठाना पड़ता है. भारत के अधिकतर किसान या तो पढ़े लिखे नहीं हैं या कम पढ़े लिखे हैं. ऐसे में डिजिटल प्रक्रिया के तहत मुआवजा लेना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

दर-दर भटकने पर मजबूर है किसान

भंवरलाल गोविंदपुरा गांव का किसान है. भंवरलाल के पास 12 बीघा जमीन है. भंवरलाल पिछले 6 महीने से मुआवजे की राशि के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल खराब हो गई थी. किसान भंवरलाल की भी फसल ओलावृष्टि की चपेट में आ गई थी. जिसमें ओलावृष्टि से फसल खराब होने के चलते 27 हजार की मुआवजा राशि मिलनी थी. मुआवजा राशि लेने के लिए बुजुर्ग किसान ने अपने बैंक अकाउंट की कॉपी, आधार कार्ड की कॉपी सहित बाकि के कागजात पटवारी को दिए थे.

पढ़ें: भारतीय किसान संघ ने भरी हुंकार...मांगें नहीं मानी तो 21 जुलाई से प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी

लेकिन मुआवजे की राशि भंवरलाल के खाते में नहीं आई. मुआवजे की राशि किसी दूसरे किसान के खाते में चली गई. जिस दूसरे किसान के खाते में मुआवजे की राशि गई है उसका नाम भी भंवरलाल ही है और उसी गांव का रहने वाला है और उसके पास केवल 2 बीघा जमीन है. वहीं सोयाबीन की फसल नष्ट होने पर 3600 रुपए का मुआवजा पीड़ित भंवरलाल को मिलना था. लेकिन यह मुआवजा राशि भी दूसरे भंवरलाल के खाते में चली गई. जिसके बाद पीड़ित किसान लगातार अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

रोज ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें लाभार्थी के अकाउंट में पैसे ना आकर किसी दूसरे के अकाउंट में पैसे चले जाते हैं. कई बार ये कागजात में गलती की वजह से हो जाता है वहीं कई बार लोकल लेवल पर मिलीभगत के चलते भी राशि किसी दूसरे के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.