झालावाड़. मिजेल्स-रूबेला अभियान में टीकाकरण के माध्यम से सरकार बच्चों का भविष्य स्वस्थ करने का दावा कर रही है. लेकिन सरकार का यह अभियान झालावाड़ में खटाई में पड़ सकता है. क्योंकि इस अभियान की मुख्य कड़ी आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल पर होने की वजह से उन्होंने मिजेल्स रूबेला अभियान का बहिष्कार कर दिया है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मानदेय वृद्धि संबंधित मांग नहीं मानी जाएगी तब तक इस अभियान में शामिल नहीं होंगी. राजस्थान महिला आंगनबाड़ी संगठन की प्रदेश महामंत्री रचना वैष्णव का कहना है कि प्रदेश सरकार ने साथिन व आशा सहयोगिनियों को लेकर इस बजट में कोई ध्यान नहीं दिया. उसके बाद भी हमारे लिए कोई घोषणा नहीं की गई है.जबकि बहुत समय से यह मांग उठाई जा रही है कि आशा सहयोगिनी के मानदेय में वृद्धि की जाए. सरकार कह रही है कि बच्चों के भविष्य के लिए मिजेल्स रुबेला अभियान में टीकाकरण लगाए जाएंगे. जबकि 2500 रुपये मानदेय में हमारे बच्चों का पालना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में हमने मिजल्स रूबेला अभियान का बहिष्कार कर दिया है. अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तो विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
वहीं, झालावाड़ सीएमएचओ साजिद खान का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी है. उनके द्वारा ही बच्चों को घरों से निकालकर टीकाकरण के लिए जाना है. उनके हड़ताल पर चले जाने से यह अभियान प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को हमने प्रदेश स्तर पर पहुंचा दिया है और हम उनसे अपील करते हैं कि जल्द ही वें इस अभियान में जुड़े.