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झालावाड़: अफीम गबन के मामले में 2 आरोपियों को 10-10 साल की सजा, एक-एक लाख जुर्माना

झालावाड़ में अफीम गबन के 10 साल पुराने मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय अकलेरा के दो आरोपियों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

Sentenced to 10 years in opium embezzlement case,  Additional District and Sessions Court, Aklera
अपर जिला एवं सेशन न्यायालय अकलेरा
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Published : Jan 21, 2021, 6:47 PM IST

झालावाड़. अपर जिला एवं सेशन न्यायालय अकलेरा ने अफीम गबन करने के 10 साल पुराने मामले में 2 अभियुक्तों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, एक अन्य धारा में भी दोनों को 3-3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है.

अपर जिला एवं सेशन न्यायालय अकलेरा के लोक अभियोजक ने बताया कि 2010-11 की फसल के दौरान चाचोरनी निवासी मदनलाल और काजलिया निवासी देवीलाल मीणा को अफीम खेती के लिए लाइसेंस व पट्टा जारी किया गया था. दोनों को अफीम की खेती करके शुद्ध अफीम विभाग को सौंपनी थी, लेकिन उन्होंने उत्पादित अफीम को खुर्द बुर्द कर अफीम में अन्य बाहरी पदार्थ मिलाया और अफीम विभाग को सुपुर्द कर दिया. जिसके बाद विभाग ने अफीम का रासायनिक परीक्षण करवाया, जिसमें अफीम में गबन की पुष्टि हुई.

पढ़ें- श्रीगंगानगर: आबकारी विभाग की अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई, 1500 लीटर लाहन नष्ट

इस पर अफीम विभाग ने प्रकरण को सुनवाई के लिए एनडीपीएस कोर्ट झालावाड़ में पेश किया. बाद में राजस्थान उच्च न्यायालय के 28 मई 2016 को जारी परिपत्र की पालना में यह प्रकरण अपर जिला एवं सेशन कोर्ट अकलेरा को प्रदान किया. इस पर कोर्ट के न्यायाधीश असीम कुलश्रेष्ठ ने दोनों अभियुक्तों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

झालावाड़. अपर जिला एवं सेशन न्यायालय अकलेरा ने अफीम गबन करने के 10 साल पुराने मामले में 2 अभियुक्तों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, एक अन्य धारा में भी दोनों को 3-3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है.

अपर जिला एवं सेशन न्यायालय अकलेरा के लोक अभियोजक ने बताया कि 2010-11 की फसल के दौरान चाचोरनी निवासी मदनलाल और काजलिया निवासी देवीलाल मीणा को अफीम खेती के लिए लाइसेंस व पट्टा जारी किया गया था. दोनों को अफीम की खेती करके शुद्ध अफीम विभाग को सौंपनी थी, लेकिन उन्होंने उत्पादित अफीम को खुर्द बुर्द कर अफीम में अन्य बाहरी पदार्थ मिलाया और अफीम विभाग को सुपुर्द कर दिया. जिसके बाद विभाग ने अफीम का रासायनिक परीक्षण करवाया, जिसमें अफीम में गबन की पुष्टि हुई.

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इस पर अफीम विभाग ने प्रकरण को सुनवाई के लिए एनडीपीएस कोर्ट झालावाड़ में पेश किया. बाद में राजस्थान उच्च न्यायालय के 28 मई 2016 को जारी परिपत्र की पालना में यह प्रकरण अपर जिला एवं सेशन कोर्ट अकलेरा को प्रदान किया. इस पर कोर्ट के न्यायाधीश असीम कुलश्रेष्ठ ने दोनों अभियुक्तों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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