जोधपुर : भारतीय फैशन बाजार में आने वाले नए डिजाइन अमेरिकी और यूरोपिय फैशन से प्रभावित रहे हैं, जिसके चलते देश के फैशन बाजार में हमेशा पश्चिमी देशों का ही ट्रेंड नजर आता है, इसमें भारतीय ट्रेंड कम ही नजर आता है. अब इसमें बदलाव हो रहा है. वस्त्र मंत्रालय के जरिए अब देश में स्वदेशी फैशन फोरकास्ट होने लगा है, जो निर्माताओं को आने वाले फैशन ट्रेंड्स के बारे में अपडेट कर रहा है.
इस फैशन फोरकास्ट में जोधपुर निफ्ट सहित मंत्रालय के अधीन देश में संचालित 18 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान सहयोग कर रहे हैं. सभी डेटा चैन्नई स्थित निफ्ट में एकत्र किए जाते हैं. इनके विश्लेषण के दिल्ली में विजन नेक्सट लैब स्थापित की गई है. इस फैशन फोरकास्ट का उदृेश्य पश्चिमी देशों पर निर्भरता खत्म करना और भारत का ट्रेंड सेट करना है. जोधपुर निफ्ट के निदेशक प्रो. जीएचएच प्रसाद का कहना है कि फैशन बाजार के लिए फैशन फोरकास्ट करना बहुत बड़ी पहल है. इससे वेस्टर्न फैशन ट्रेंड्स पर हमारी निर्भरता कम होगी. अभी वहां की एजेंसियों की रिपोर्ट पर निर्भर रहते हैं. इससे भारतीय संस्कृति और डिजाइन को बढ़ावा मिलेगा.
फैशन फोरकास्ट के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इमोशनल इंटेलिजेंस (ईआई) का उपयोग हो रहा है. साथ ही मशीन लर्निंग के अलावा देश के 16 शहरों में तैनात प्रशिक्षित ट्रेंड स्पोर्ट्स भी डेटा दे रहे हैं. इनको विजन नेक्स्ट लैब प्रोसेस करती है, जो समय-समय पर देश में फैशन, कलर, कॉस्ट्यूम और कंज्यूमर चॉइस का फोरकास्ट कर रही हैं. विजन नेक्सट लैब से जारी होने वाली ट्रेंड रिपोर्ट में सुपर माइक्रो ट्रेंड, क्लोज टू सीजन, माइंडसेट रिपोर्ट तक जारी कर रही है, जो भारतीय फैशन बाजार को लेकर ग्राहक के हर मूड की जानकारी निर्माताओं, विक्रेताओं व फैशन ब्रांड डिजाइनरों को उपलब्ध करवा रही है.
इंडियन व वेस्टर्न दोनों कैटेगरी का अध्ययन : विजन नेक्स्ट लैब का मॉडल 60 तरह के इंडियन और 40 तरह के वेस्टर्न कॉस्ट्यूम की पहचान करता है. इसके तहत कपड़ों की 70 हजार प्राइमरी इमेज और 2 लाख 80 हजार सेकंडरी इमेज को प्रोसस करता है. इसमें डीप लर्निंग द्वारा स्टाइल, कलर और रिजनल इंपैक्ट का भी पता लगाया जाता है, जिससे भारत जैसे विविधि देश के अलग अलग भागों में मौजूदा फैशन ट्रेंड व ट्रेडिशनल ट्रेंड के प्रभाव का पता चलता है. इस पूरे काम में 800 से ज्यादा ट्रेंड डिजाइनर भी सहयोग कर रहे हैं.