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Special: तैनात हुआ टैंक टी-55, बढ़ाएगा जालोर व भीनमाल की शोभा

जिला मुख्यालय के कोतवाली थाना परिसर के पास व भीनमाल के महावीर चौराहे पर भारतीय सेना के टैंक टी-55 को तैनात कर दिया गया है. इसके लिए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने सेना के अधिकारियों के साथ पत्र व्यवहार करके जालोर के लिए टैंक की मांग की थी. जिसके बाद अब सेना की ओर से दो टैंक आवंटित किए गए.

राजस्थान न्यूज, जालोर न्यूज, jalore news, rajasthan news
जालोर में टैंक टी-55
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Published : Oct 7, 2020, 6:29 PM IST

Updated : Oct 8, 2020, 2:56 PM IST

जालोर. भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में पाकिस्तान की सेना को मुंह की खाने को मजबूर करने वाले टैंक टी-55 अब जालोर व भीनमाल की धरा पर लोगों को पराक्रम व वीरता का इतिहास याद दिलाएंगे. इसके लिए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने सेना के सेना के अधिकारियों को पत्र लिखकर जालोर के लिए टैंक आवंटित करने की मांग की थी.

जालोर में टैंक टी-55 की तैनाती

जिसके बाद अब सेना ने जालोर जिले के लिए दो टैंक आवंटित किए हैं जो कि जालोर के कोतवाली थाने के पास व भीनमाल के महावीर चौराहे पर स्थापित किए जाएंगे. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जिले के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए विजय स्मारक बनाने व उस पर टैंक लगाने का विचार आया था. जिसके बाद उन्होंने सेना के अधिकारियों को पत्र लिखकर विंटेज के रूप में रखने के लिए टैंक आवंटित करने की मांग की थी.

जिसके बाद अब सेना के अधिकारियों ने जिले में दो टैंक आवंटित किए हैं. जिसमें से एक जिला मुख्यालय के पास कोतवाली थाने के पास बनाए जा रहे विजय स्मारक पर लगाया जाएगा. साथ ही दूसरा टैंक भीनमाल के महावीर चौराहे पर लगाया जाएगा. इन दोनों जगह स्मारक बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. जल्द ही स्मारक बन कर तैयार होने के बाद दोनों जगह उदघाटन करके टैंक टी-55 को रखा जाएगा.

टैंक टी-55 की खासियत

1971 के भारत पाक युद्ध के समय भारतीय सेना में शामिल टैंक टी-55 की मदद से भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की सेना को दिन में तारे दिखा दिए थे. उस युद्ध की जीत के बाद भारतीय सेना में यह टैंक पुराने होने पर मैसूर में रख दिए गए थे. अब इन टैंक को जिले को आवंटित किया गया है. वहीं यह टैंक रूस में निर्मित है और तकरीबन 36 टन वजनी टैंक में चार क्रू मेंबर बैठते हैं. बता दें कि इस टैंक से दुश्मनों पर गोली बारी की जा सकती है. यह टैंक 14 किमी तक दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने की क्षमता रखती है.

शहरवासियों में खुशी की लहर

जिले में सेना के विंटेज टैंक लगने की जानकारी के बाद लोगों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है. शहरवासियों का कहना है कि ने जालोर जिले का इतिहास गौरवशाली रहा है. यहां के स्थानीय शासक वीर वीरम देव ने अलाउदीन खिलजी की गुलामी को कभी स्वीकार नहीं किया था. साथ ही उनका कहना है कि अलाउदीन की बेटी ने वीर वीरम देव को देखकर शादी का प्रस्ताव दिया था लेकिन वीरम देव ने ठुकरा दिया था. उसके बाद अलाउद्दीन ने जालोर पर आक्रमण कर दिया था, लेकिन अलाउद्दीन की सेना जालोर को फतह नहीं कर सकी थी.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने वादे से अधिक कृषि विद्युत कनेक्शन जारी किए: बीडी कल्ला

ऐसे वीरता व गौरवशाली इतिहास वाले जालोर में अब सेना के टैंक जिले की महत्ता में चार चांद लगाएंगे. व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि जालोर वीरों की धरती रही है. वीरता का प्रतीक सेना के टैंक जालोर में लगने से विद्यार्थियों व बच्चों में देश की भावना जागृत होती है. साथ ही जिले में टैंक लगने से बच्चे मोटिवेट होंगे. साथ ही शहरवासी राकेश भाटी ने बताया कि सेना के संबंधित स्मारक बनाने से लोगों में सेना के प्रति सम्मान बढ़ता है और युवाओं को भी सेना में भर्ती होने की प्रेरणा मिलती है.

जालोर. भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में पाकिस्तान की सेना को मुंह की खाने को मजबूर करने वाले टैंक टी-55 अब जालोर व भीनमाल की धरा पर लोगों को पराक्रम व वीरता का इतिहास याद दिलाएंगे. इसके लिए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने सेना के सेना के अधिकारियों को पत्र लिखकर जालोर के लिए टैंक आवंटित करने की मांग की थी.

जालोर में टैंक टी-55 की तैनाती

जिसके बाद अब सेना ने जालोर जिले के लिए दो टैंक आवंटित किए हैं जो कि जालोर के कोतवाली थाने के पास व भीनमाल के महावीर चौराहे पर स्थापित किए जाएंगे. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जिले के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए विजय स्मारक बनाने व उस पर टैंक लगाने का विचार आया था. जिसके बाद उन्होंने सेना के अधिकारियों को पत्र लिखकर विंटेज के रूप में रखने के लिए टैंक आवंटित करने की मांग की थी.

जिसके बाद अब सेना के अधिकारियों ने जिले में दो टैंक आवंटित किए हैं. जिसमें से एक जिला मुख्यालय के पास कोतवाली थाने के पास बनाए जा रहे विजय स्मारक पर लगाया जाएगा. साथ ही दूसरा टैंक भीनमाल के महावीर चौराहे पर लगाया जाएगा. इन दोनों जगह स्मारक बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. जल्द ही स्मारक बन कर तैयार होने के बाद दोनों जगह उदघाटन करके टैंक टी-55 को रखा जाएगा.

टैंक टी-55 की खासियत

1971 के भारत पाक युद्ध के समय भारतीय सेना में शामिल टैंक टी-55 की मदद से भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की सेना को दिन में तारे दिखा दिए थे. उस युद्ध की जीत के बाद भारतीय सेना में यह टैंक पुराने होने पर मैसूर में रख दिए गए थे. अब इन टैंक को जिले को आवंटित किया गया है. वहीं यह टैंक रूस में निर्मित है और तकरीबन 36 टन वजनी टैंक में चार क्रू मेंबर बैठते हैं. बता दें कि इस टैंक से दुश्मनों पर गोली बारी की जा सकती है. यह टैंक 14 किमी तक दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने की क्षमता रखती है.

शहरवासियों में खुशी की लहर

जिले में सेना के विंटेज टैंक लगने की जानकारी के बाद लोगों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है. शहरवासियों का कहना है कि ने जालोर जिले का इतिहास गौरवशाली रहा है. यहां के स्थानीय शासक वीर वीरम देव ने अलाउदीन खिलजी की गुलामी को कभी स्वीकार नहीं किया था. साथ ही उनका कहना है कि अलाउदीन की बेटी ने वीर वीरम देव को देखकर शादी का प्रस्ताव दिया था लेकिन वीरम देव ने ठुकरा दिया था. उसके बाद अलाउद्दीन ने जालोर पर आक्रमण कर दिया था, लेकिन अलाउद्दीन की सेना जालोर को फतह नहीं कर सकी थी.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने वादे से अधिक कृषि विद्युत कनेक्शन जारी किए: बीडी कल्ला

ऐसे वीरता व गौरवशाली इतिहास वाले जालोर में अब सेना के टैंक जिले की महत्ता में चार चांद लगाएंगे. व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि जालोर वीरों की धरती रही है. वीरता का प्रतीक सेना के टैंक जालोर में लगने से विद्यार्थियों व बच्चों में देश की भावना जागृत होती है. साथ ही जिले में टैंक लगने से बच्चे मोटिवेट होंगे. साथ ही शहरवासी राकेश भाटी ने बताया कि सेना के संबंधित स्मारक बनाने से लोगों में सेना के प्रति सम्मान बढ़ता है और युवाओं को भी सेना में भर्ती होने की प्रेरणा मिलती है.

Last Updated : Oct 8, 2020, 2:56 PM IST
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