भीनमाल (जालोर). जिले के भीनमाल एक कॉलेज में हुए छात्रसंघ चुनाव में एक उम्मीदवार की जीत किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है. दरअसल, जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में महासचिव पद पर उस उम्मीदवार की जीत हुई है, जिसके पिता उसी महाविद्यालय में 25 साल पहले छात्रसंघ चुनाव हार गए थे.
जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में नवनिर्वाचित महासचिव भाविन व्यास हैं और उन्होंने उसी महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव जीतकर अपने पिता के सपने को पूरा किया है. भाविन व्यास के पिता मुकेश व्यास ने जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में 1994 में सचिव के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में मुकेश व्यास चुनाव नहीं जीत पाए थे. उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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इस तरह पिता मुकेश कुमार का 1994 में छात्रसंघ चुनाव जीतना का सपना तो टूट गया था, लेकिन 25 साल बाद उसी कॉलेज में बेटे भाविन व्यास ने इस साल हुए छात्रसंघ चुनाव में महासचिव पद पर जीत हासिल कर जहां पिता का सपना पूरा कर दिया, वहीं उनकी ये जीत सभी को एक फिल्मी कहानी जैसी भी लग रही है.
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भाविन ने बाहुल्य वोट बैंक से आने वाले उम्मीदवार को दी मात
छात्रसंघ चुनाव 2019 में जीके गोवाणी महाविद्यालय में महासचिव पद पर एबीवीपी से भाविन कुमार व्यास और एनएसयूआई से भगवती कुमारी मेघवाल आमने-सामने थे. जातिगत गणित देखा जाए तो एनएसयूआई की भगवती कुमारी भाविन के जीतने के ज्यादा आसार ज्यादा थे. लेकिन चुनाव के परिणाम आने के बाद ये गणित फेल हो गया और भाविन कुमार व्यास ने 109 वोटों के अंतर से भगवती कुमारी मेघवाल को हराकर महासचिव पद पर कब्जा कर दिया.