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स्पेशल रिपोर्ट: जिस कॉलेज में पिता हारे थे छात्र संघ चुनाव, उसी कॉलेज में 25 साल बाद बेटे ने जीत कर बढ़ाया मान

छात्रसंघ चुनाव 2019 हाल ही में संपन्न हुआ है. चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो इस बार कई खास बातें भी सामने आई हैं. जालोर के भीनमाल में भी एक कॉलेज में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. दरअसल, यहां के जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में महासचिव पद पर उस उम्मीदवार की जीत हुई है, जिसके पिता 25 साल पहले इसी महाविद्यालय से छात्रसंघ चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए थे.

student union election 2019, बेटे ने पिता का बढ़ाया मान
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Published : Aug 31, 2019, 10:50 AM IST

भीनमाल (जालोर). जिले के भीनमाल एक कॉलेज में हुए छात्रसंघ चुनाव में एक उम्मीदवार की जीत किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है. दरअसल, जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में महासचिव पद पर उस उम्मीदवार की जीत हुई है, जिसके पिता उसी महाविद्यालय में 25 साल पहले छात्रसंघ चुनाव हार गए थे.

जालोर के भीनमाल के एक कॉलेज में छात्र संघ चुनाव जीतकर बेटे ने 25 साल पहले चुनाव हारे पिता का बढ़ाया मान

जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में नवनिर्वाचित महासचिव भाविन व्यास हैं और उन्होंने उसी महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव जीतकर अपने पिता के सपने को पूरा किया है. भाविन व्यास के पिता मुकेश व्यास ने जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में 1994 में सचिव के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में मुकेश व्यास चुनाव नहीं जीत पाए थे. उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

पढ़ें: धौलपुर के बसई डांग में पुलिस और बजरी माफिया के बीच हुई मुठभेड़, दो लोगों की मौत

इस तरह पिता मुकेश कुमार का 1994 में छात्रसंघ चुनाव जीतना का सपना तो टूट गया था, लेकिन 25 साल बाद उसी कॉलेज में बेटे भाविन व्यास ने इस साल हुए छात्रसंघ चुनाव में महासचिव पद पर जीत हासिल कर जहां पिता का सपना पूरा कर दिया, वहीं उनकी ये जीत सभी को एक फिल्मी कहानी जैसी भी लग रही है.

पढ़ें: सोशल मीडिया के जरिए रखा जा रहा है अशोक लाहोटी का पक्ष, लेकिन लापता है यह समर्थक

भाविन ने बाहुल्य वोट बैंक से आने वाले उम्मीदवार को दी मात
छात्रसंघ चुनाव 2019 में जीके गोवाणी महाविद्यालय में महासचिव पद पर एबीवीपी से भाविन कुमार व्यास और एनएसयूआई से भगवती कुमारी मेघवाल आमने-सामने थे. जातिगत गणित देखा जाए तो एनएसयूआई की भगवती कुमारी भाविन के जीतने के ज्यादा आसार ज्यादा थे. लेकिन चुनाव के परिणाम आने के बाद ये गणित फेल हो गया और भाविन कुमार व्यास ने 109 वोटों के अंतर से भगवती कुमारी मेघवाल को हराकर महासचिव पद पर कब्जा कर दिया.

भीनमाल (जालोर). जिले के भीनमाल एक कॉलेज में हुए छात्रसंघ चुनाव में एक उम्मीदवार की जीत किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है. दरअसल, जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में महासचिव पद पर उस उम्मीदवार की जीत हुई है, जिसके पिता उसी महाविद्यालय में 25 साल पहले छात्रसंघ चुनाव हार गए थे.

जालोर के भीनमाल के एक कॉलेज में छात्र संघ चुनाव जीतकर बेटे ने 25 साल पहले चुनाव हारे पिता का बढ़ाया मान

जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में नवनिर्वाचित महासचिव भाविन व्यास हैं और उन्होंने उसी महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव जीतकर अपने पिता के सपने को पूरा किया है. भाविन व्यास के पिता मुकेश व्यास ने जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में 1994 में सचिव के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में मुकेश व्यास चुनाव नहीं जीत पाए थे. उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

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इस तरह पिता मुकेश कुमार का 1994 में छात्रसंघ चुनाव जीतना का सपना तो टूट गया था, लेकिन 25 साल बाद उसी कॉलेज में बेटे भाविन व्यास ने इस साल हुए छात्रसंघ चुनाव में महासचिव पद पर जीत हासिल कर जहां पिता का सपना पूरा कर दिया, वहीं उनकी ये जीत सभी को एक फिल्मी कहानी जैसी भी लग रही है.

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भाविन ने बाहुल्य वोट बैंक से आने वाले उम्मीदवार को दी मात
छात्रसंघ चुनाव 2019 में जीके गोवाणी महाविद्यालय में महासचिव पद पर एबीवीपी से भाविन कुमार व्यास और एनएसयूआई से भगवती कुमारी मेघवाल आमने-सामने थे. जातिगत गणित देखा जाए तो एनएसयूआई की भगवती कुमारी भाविन के जीतने के ज्यादा आसार ज्यादा थे. लेकिन चुनाव के परिणाम आने के बाद ये गणित फेल हो गया और भाविन कुमार व्यास ने 109 वोटों के अंतर से भगवती कुमारी मेघवाल को हराकर महासचिव पद पर कब्जा कर दिया.

Intro:छात्रसंघ चुनाव 2019 में महासचिव पद पर भाविन कुमार व्यास ने चुनाव जीत कर, अपने पिता का सपना पूरा किया. पिता मुकेश कुमार व्यास ने 25 साल पहले इसी महाविद्यालय से छात्रसंघ चुनाव लड़ा था और कामयाबी हासिल नहीं कर पाए थे.Body:भीनमाल (जालोर). भीनमाल छात्रसंघ चुनाव में एक प्रत्याशी की जीत किसी फिल्म की स्टोरी से कम नहीं है. प्रत्याशी के पिता उसी महाविद्यालय में 25 साल पूर्व छात्रसंघ चुनाव हारे थे, बेटे ने उसी महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव जीत कर अपने पिता के सपने को पूरा किया. यह कहानी है जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय के नवनिर्वाचित महासचिव भाविन व्यास की.

नवनिर्वाचित महासचिव भाविन के पिता मुकेश व्यास ने 1994 में लड़ा था चुनाव :

नवनिर्वाचित महासचिव भाविन व्यास के पिता ने जीके गोवाणी पीजी महाविद्यालय में 1994 में सचिव के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में मुकेश कुमार व्यास चुनाव नहीं जीत पाए और हार का सामना करना पड़ा.

बेटे ने पिता का किया सपना पूरा :

पिता मुकेश कुमार के 1994 में छात्रसंघ चुनाव जीतने का सपना तो टूट गया मगर 25 साल बाद उसी कॉलेज में बेटे भाविन व्यास ने 2019 में हुए छात्रसंघ चुनाव में महासचिव पद पर जीत कर छात्रसंघ चुनाव में जीत का सपना जरुर साकार कर दिया.

भाविन ने बाहुल्य वोट बैंक से आने वाले प्रत्याशी को दी मात :

छात्रसंघ चुनाव 2019 में जीके गोवाणी महाविद्यालय में महासचिव पद पर भाविन कुमार व्यास एबीवीपी से व एनएसयूआई से भगवती कुमारी मेघवाल आमने सामने थे. जातिगत गणित देखी जाए तो एनएसयूआई की भगवती कुमारी भाविन को जबरदस्त मात दे रही थी. मगर चुनाव के परिणाम आने के बाद सब गणित फैल हो गई और भाविन कुमार व्यास ने 109 वोटों के अंतर से हरा कर महासचिव पद पर कब्जा जमा दिया. Conclusion:बाईट - भविन व्यास, नवनिर्वाचित महासचिव, भीनमाल महाविद्यालय
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