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स्पेशल रिपोर्टः किसानों की मेहनत को टिड्डियों ने रौंदा, ब्याज पर पैसा लेकर बोई रबी की फसल हुई बर्बाद

राम के साथ राज रूठ जाने के कारण पिछले 6 माह में दूसरी बार किसान मुश्किल में पड़ गए है. पहले खरीफ की फसल में बाढ़ के कारण फसल बर्बाद हो गई और अब कर्ज लेकर रबी की सफल बोई थी, लेकिन टिड्डी ने वो भी चट कर ली. ऐसे में एक साल में दूसरी बार खून के आंसू रोने को किसान मजबूर हो गए है. अब उनकी मदद की उम्मीद केवल सरकार से है, देखिए जालोर से स्पेशल रिपोर्ट.

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टिड्डियों का फसल पर हमला
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Published : Dec 15, 2019, 9:12 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 5:27 PM IST

जालोर. नेहड़ क्षेत्र में किसान कड़ी मेहनत करके अपनी आजीविका चलाने के लिए रबी की फसल की बुवाई में जुटे हुए थे. अचानक बेड़िया गांव के पास किसानों के खेतों में शुक्रवार की शाम को 4 बजे टिड्डी का दल नजर आया. उसके बाद आगे से आगे किसानों के फोन बजने शुरू हो गए.

जैसे ही किसानों को जानकारी मिली, उन्होंने पहले प्रशासन को अवगत करवाया, बाद में अपने स्तर पर फसल को बचाने की जुगत में लग गए, लेकिन भारी मात्रा में टिड्डियों के होने के कारण किसानों की फसल को नष्ट कर दिया. वहीं शनिवार की शाम तक दर्जनों गांवों में टिड्डी ने खेतों में खड़ी फसल को चट कर लिया.

टिड्डियों का फसल पर हमला

टिड्डी नियंत्रित दल पर्याप्त संसाधन नहीं होने से नाकामयाब रही-

शुक्रवार की रात को प्रशासनिक अधिकारी और टिड्डी नियंत्रित करने का दल भी मौके पर पहुंच गया, लेकिन उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण लाखों टिड्डियों के झुंड पर कंट्रोल नहीं हो सका. टिड्डी दल के हमले में किसान अब पूरी तरह बर्बाद हो गए है. किसानों ने तीन से पांच रुपये प्रति सैंकड़ा ब्याज पर कर्ज लेकर फसल को खड़ा किया था ताकि अच्छी उपज हो सके, लेकिन टिड्डी ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है.

पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: स्मार्ट सिटी में रहने वालों ये तस्वीर भी देखो...चिमनी की रोशनी के तले पढ़ रहा देश का भविष्य

अभी भी प्रशासन नाकाम, बची हुई टिड्डी दलों के लिए नहीं कोई इंतजाम-

वहीं मिली जानकारी के मुताबिक एक तो पहले से ही फसल को चट कर चुकी टिड्डियों का दल अभी भी फसलों को नष्ट करने की फिराक में है, लेकिन अभी तक टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए प्रशसान के पास कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. बताया जा रहा है कि अभी कुछ टिड्डियों का दल वहां पर मौजूद है, लेकिन कोई भी ठोस कदम उठाने में प्रशासन नाकामयाब साबित हो रहा है.

खरीफ की फसल भी हो गई थी बर्बाद-

जिस क्षेत्र में टिड्डी दल ने हमला किया है उस क्षेत्र में खरीफ की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. लूणी नदी में पानी आने के कारण किसानों के खेतों में पानी का भराव हो गया था. उस समय खरीफ फसल में किसानों को कुछ नहीं मिला था.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: नर्मदा नहर में पानी नहीं आने से बर्बादी की कगार पर रबी की फसल, 8 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान अब भूख हड़ताल की राह पर

ऐसे में किसानों को उम्मीद थी कि रबी की सीजन में अच्छी पैदावार होगी. तो जो खरीफ की सीजन का कर्ज है, उसको उतार देंगे. उसी उम्मीद में किसानों ने सेठ साहूकारों से कर्ज पर पैसा लेकर रबी की फसल की बुवाई की थी. फसल भी अच्छी थी, लेकिन अचानक टिड्डी दल के हमले में किसानों के आंखों के सामने ही मात्र कुछ मिनट में टिड्डियों ने खेत की पूरी फसल को बर्बाद करके चली गई.

किसानों को सरकार से उम्मीद-

पहले वक्त की मार और अब टिड्डियों के हमले से नष्ट हो चुकी किसानों की फसल का कोई उपचार नहीं है. ऐसे में किसानों को सिर्फ और सिर्फ सरकार से उम्मीद है कि वो उनके लिए कुछ करें, अब देखना होगा कि सरकार इसके लिए क्या कदम उठाती है.

जालोर. नेहड़ क्षेत्र में किसान कड़ी मेहनत करके अपनी आजीविका चलाने के लिए रबी की फसल की बुवाई में जुटे हुए थे. अचानक बेड़िया गांव के पास किसानों के खेतों में शुक्रवार की शाम को 4 बजे टिड्डी का दल नजर आया. उसके बाद आगे से आगे किसानों के फोन बजने शुरू हो गए.

जैसे ही किसानों को जानकारी मिली, उन्होंने पहले प्रशासन को अवगत करवाया, बाद में अपने स्तर पर फसल को बचाने की जुगत में लग गए, लेकिन भारी मात्रा में टिड्डियों के होने के कारण किसानों की फसल को नष्ट कर दिया. वहीं शनिवार की शाम तक दर्जनों गांवों में टिड्डी ने खेतों में खड़ी फसल को चट कर लिया.

टिड्डियों का फसल पर हमला

टिड्डी नियंत्रित दल पर्याप्त संसाधन नहीं होने से नाकामयाब रही-

शुक्रवार की रात को प्रशासनिक अधिकारी और टिड्डी नियंत्रित करने का दल भी मौके पर पहुंच गया, लेकिन उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण लाखों टिड्डियों के झुंड पर कंट्रोल नहीं हो सका. टिड्डी दल के हमले में किसान अब पूरी तरह बर्बाद हो गए है. किसानों ने तीन से पांच रुपये प्रति सैंकड़ा ब्याज पर कर्ज लेकर फसल को खड़ा किया था ताकि अच्छी उपज हो सके, लेकिन टिड्डी ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है.

पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: स्मार्ट सिटी में रहने वालों ये तस्वीर भी देखो...चिमनी की रोशनी के तले पढ़ रहा देश का भविष्य

अभी भी प्रशासन नाकाम, बची हुई टिड्डी दलों के लिए नहीं कोई इंतजाम-

वहीं मिली जानकारी के मुताबिक एक तो पहले से ही फसल को चट कर चुकी टिड्डियों का दल अभी भी फसलों को नष्ट करने की फिराक में है, लेकिन अभी तक टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए प्रशसान के पास कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. बताया जा रहा है कि अभी कुछ टिड्डियों का दल वहां पर मौजूद है, लेकिन कोई भी ठोस कदम उठाने में प्रशासन नाकामयाब साबित हो रहा है.

खरीफ की फसल भी हो गई थी बर्बाद-

जिस क्षेत्र में टिड्डी दल ने हमला किया है उस क्षेत्र में खरीफ की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. लूणी नदी में पानी आने के कारण किसानों के खेतों में पानी का भराव हो गया था. उस समय खरीफ फसल में किसानों को कुछ नहीं मिला था.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: नर्मदा नहर में पानी नहीं आने से बर्बादी की कगार पर रबी की फसल, 8 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान अब भूख हड़ताल की राह पर

ऐसे में किसानों को उम्मीद थी कि रबी की सीजन में अच्छी पैदावार होगी. तो जो खरीफ की सीजन का कर्ज है, उसको उतार देंगे. उसी उम्मीद में किसानों ने सेठ साहूकारों से कर्ज पर पैसा लेकर रबी की फसल की बुवाई की थी. फसल भी अच्छी थी, लेकिन अचानक टिड्डी दल के हमले में किसानों के आंखों के सामने ही मात्र कुछ मिनट में टिड्डियों ने खेत की पूरी फसल को बर्बाद करके चली गई.

किसानों को सरकार से उम्मीद-

पहले वक्त की मार और अब टिड्डियों के हमले से नष्ट हो चुकी किसानों की फसल का कोई उपचार नहीं है. ऐसे में किसानों को सिर्फ और सिर्फ सरकार से उम्मीद है कि वो उनके लिए कुछ करें, अब देखना होगा कि सरकार इसके लिए क्या कदम उठाती है.

Intro:राम के साथ राज रूठ जाने के कारण पिछले 6 माह में दूसरी बार किसान मुश्किल में पड़ गए। पहले खरीफ की फसल में बाढ़ के कारण फसल बर्बाद हो गई, अब कर्ज लेकर रबी की सफल बोई थी, लेकिन टिड्डी में चट कर ली।

Body:सेठ साहूकारों से 3 से 5 रुपये प्रति सैंकड़ा ब्याज पर पैसा लेकर बोई रबी की फसल हुई बर्बाद, एक साल में दूसरी बार खून के आंसू रोने को मजबूर किसान, अब केवल सरकार से मदद की आस
जालोर
जिले का सबसे शांत व विशाल भू भाग में फैला नेहड़ क्षेत्र में किसान कड़ी मेहनत करके अपनी आजीविका चलाने के रबी की फसल की बुवाई में जुटे हुए थे। अचानक बेड़िया गांव के पास किसानों के खेतों में शुक्रवार की शाम को 4 बजे टिड्डी का दल नजर आया। उसके बाद आगे से आगे किसानों के फोन बजने शुरू हो गए। जैसी जानकारी मिली किसानों ने पहले प्रशासन को अवगत करवाया, बाद में अपने स्तर पर फसल को बचाने की जुगत में लग गए, लेकिन भारी मात्रा में टिड्डी का दल होने के कारण जैसे दल आगे बढ़ता गया, वैसे किसानों की फसल को नष्ट करता गया। शनिवार की शाम तक दर्जनों गांवों ने टिड्डी ने किसानों के खेतों में खड़ी फसल को चट कर लिया। शुक्रवार की रात को प्रशासनिक अधिकारी व टिड्डी नियंत्रित करने का दल भी मौके पर पहुंच गया, लेकिन उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण लाखों टिड्डियों के झुंड पर कंट्रोल नहीं हो सका। टिड्डी दल के हमले में किसान अब पूरी तरह बर्बाद हो गए है। किसानों ने तीन से पांच रुपये प्रति सैंकड़ा ब्याज पर कर्ज लेकर फसल को खड़ा किया था ताकि अच्छी उपज हो सके, लेकिन टिड्डी ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया।
खरीफ की फसल भी हो गई थी बर्बाद
जिस क्षेत्र में टिड्डी दल ने हमला किया है उस क्षेत्र में खरीफ़ की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। लूनी नदी में पानी आने के कारण किसानों के खेतों में पानी का भराव हो गया था। उस समय खरीफ फसल में किसानों को कुछ नहीं मिला। ऐसे में किसानों को उम्मीद थी कि रबी की सीजन में अच्छी पैदावार होगी तो खरीफ की सीजन का कर्ज है उसको उतार देंगे। उसी उम्मीद में किसानों ने सेठ साहूकारों से कर्ज पर पैसा लेकर रबी की फसल की बुवाई की थी। फसल भी अच्छी थी, लेकिन अचानक टिड्डी दल के हमले में किसानों के आंखों के सामने ही मात्र 15 से 20 मिनट में खेत की पूरी फसल को बर्बाद करके चली गई।

बाईट- महेंद्र सिंह, किसान
बाईट- मोहन लाल, किसान
बाईट- मानाराम माली, किसान
बाईट- राजाराम, किसान
बाईट- रामप्रताप जाट, किसान


Conclusion:
Last Updated : Dec 16, 2019, 5:27 PM IST
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