जालोर. जिले में अप्रैल के पहले सप्ताह में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ना शुरू हुए थे. उसके बाद मारामारी इतनी मची की सरकारी और प्राइवेट सहित किसी भी अस्पताल में बेड तक मरीजों को नशीब नहीं हो पा रहे थे. कई मरीजों की जान अस्पताल में बेड नहीं मिलने से चली गई, लेकिन जिले के लोगों के लिए अब एक राहत की खबर है.
जहां अब कोविड के मामले धीरे-धीरे घटने लगे है. वहीं कोविड केयर सेंटरों में भर्ती मरीजों के ठीक होकर घर जा रहे है. जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों में व्याप्त कोरोना का भय भी कम हो रहा है. इसके अलावा अब कोविड जांच में भी आंकड़ा बेहद कम आ रहा है. पिछले दस दिनों से लगातार एक हजार से 15 सौ लोगों की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है. जिसमें मात्र 10 से 15 के बीच में ही कोविड संक्रमित आ रहे है, बाकी सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है.
पढ़ें- अजमेर: JLN अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से 2 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत
वहीं कोविड सेंटरों में से भी लोग रिकवर होकर घर जा रहे है. जिले में अब हालात इतने सामान्य हो चुके है कि जिलेभर में 60 प्रतिशत से ज्यादा बेड खाली है. मात्र गिनती के मरीज ही भर्ती है. वहीं लगातार हो रही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ने की जगह थम गया है.
जिले में 546 आईसीयू और ऑक्सीजन बेड है, जिसमें 326 खाली
जिले में कोरोना अब कंट्रोल में होता नजर आ रहा है. जिसके कारण सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में बनाए गए कोविड सेंटरों में बेड 60 प्रतिशत से ज्यादा खाली है. जिले में भामाशाहों के सहयोग से जिला प्रशासन ने 546 ऑक्सीजन और आईसीयू बेड शुरू किए थे. अप्रैल में यह सब फूल थे, लेकिन 10 मई के बाद कोविड के मामले कम होने शुरू हुए. जिसका परिणाम है कि अब जिलेभर में 326 ऑक्सीजन बेड खाली पड़े है.
भामाशाहों के सहयोग से जीता जालोर
जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ जिला प्रशासन के पास में संसाधन कम पड़ने लगे थे तो जिले के भामाशाह आगे आए. जिस समय देश में ऑक्सीजन को लेकर त्राहि त्राहि मची हुई थी. उस समय जिले को राजपुताना स्टील की तरह से आवश्यकता अनुसार ऑक्सीजन निःशुल्क दी जा रही थी. इसी बदौलत जिलेभर में भामाशाह आगे आए और जगह-जगह कोविड केयर सेंटर खोले. जिसका परिणाम है कि अब जालोर कोरोना से जीत रहा है.
कोविड सेंटर से डिस्चार्ज हुए तो छलक गए आंसू
जिले के सांचौर की सरकारी स्कूल में भामाशाहों के सहयोग से बनाए गए कोविड केयर सेंटर से प्रतिदिन 5 से 10 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है. सामुदाहिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों की टीम के सहयोग से शुरू किए गए कोविड सेंटर से अब तक 100 से ज्यादा मरीज ठीक होकर घर जा चुके है. इन सभी का इलाज, दवाई, ऑक्सीजन सहित सभी प्रकार की जांचे तक निःशुल्क की गई है.
पढ़ें- हेमाराम चौधरी और डोटासरा के बीच फोन पर बातचीत, चौधरी ने कहा- मामले को बैठकर निपटा लेंगे
कब कितने संक्रमित आए
जिले में पिछले दस दिनों से लगातार कोरोना के नए मामले कम आ रहे है. अप्रैल में प्रतिदिन 200 से 300 मरीज संक्रमित आ रहे थे, लेकिन 11 मई से यह आंकड़ा कम पड़ गया है। 11 मई को 30, 12 मई को 38, 13 मई को 47, 14 मई को 53, 15 मई को 37, 16 मई को 10, 17 मई को 16, 18 मई 02, 19 मई 27, 20 मई 13 और 21 मई 12 संक्रमित आए है.