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जालोर: कोर्ट में पेश नहीं हुए सभापति भंवर लाल माली, भगोड़ा घोषित

जालोर नगर परिषद के सभापति भंवर लाल माली को कोर्ट में पेश नहीं होने पर भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. दरअसल, माली ने 2015 में उपसभापति मंजू सोलंकी के खिलाफ एक प्रेस नोट जारी किया था. इस मामले में मंजू ने कोर्ट में मानहानी का मामला दर्ज किया था.

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Published : Jul 6, 2019, 4:38 AM IST

जालोर: कोर्ट में पेश नहीं हुए सभापति भंवर लाल माली, भगोड़ा घोषित

जालोर. नगर परिषद के सभापति भंवर लाल माली ने 2015 में उपसभापति मंजू सोलंकी के खिलाफ एक प्रेस नोट जारी किया था. इस मामले में मंजू ने कोर्ट में मानहानी का मामला दर्ज किया था. जिसके बाद कई बार नोटिस कर भंवर लाल माली को कोर्ट ने हाजिर होने को कहा था, लेकिन भंवर लाल हाजिर नहीं हुए तो कोर्ट ने वारंट जारी किया. वारंट के बाद पुलिस भी उनको गिरफ्तार करके पेश नहीं कर पाई तो अब स्थाई वारंट जारी करते हुए माली को भगोड़ा घोषित कर दिया गया.

नगर परिषद के सभापति भंवरलाल माली को बार-बार न्यायालय में पेश होने के आदेश की अवहेलना करने पर भगौड़ा घोषित कर दिया गया है. सभापति भंवरलाल माली के खिलाफ ये मामला चार साल पुराना है.

मामले में सभापति माली के न्यायालय में पेश नहीं होने पर 13 जून को कोर्ट ने आदेश जारी कर कोतवाल को गिरफ्तार कर पेश करने को कहा है. पुलिस द्वारा तलाशने के बाद भी सभापति के नहीं मिलने पर कोतवाल ने 1 जुलाई को कोर्ट में पेश होकर फरार होने की बात कही. जिस पर कोर्ट ने सभापति को भगौड़ा घोषित करते हुए गिरफ्तारी का स्थाई वारंट जारी कर दिया.

जालोर: कोर्ट में पेश नहीं हुए सभापति भंवर लाल माली, भगोड़ा घोषित

बता दें कि उपसभापति मंजू सोलंकी ने 2015 के दौरान सभापति भंवरलाल माली के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में न्यायालय ने सभापति को 19 दिसंबर 2018 को पेश होकर जबाव देने के आदेश दिए थे, लेकिन सभापति नहीं गए. उसके बाद भी पेशी के लिए पेश नहीं हुए।, जिस पर न्यायालय ने 13 जून उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए जुलाई को पेश करने को कहा.
उनके बाद 13 जून से पुलिस ने माली की तलाश शुरू, लेकिन वह पुलिस को नहीं मिले. कोतवाली थानाप्रभारी ने कोर्ट में बताया कि पुलिस ने सभापति की गिरफ्तारी के लेकर कई जगहों पर दबिश दी, लेकिन सभापति उनके हाथ नहीं आए.


यह था मामला
2015 के दौरान सभापति भंवरलाल माली ने उनकी बोर्ड की उपसभापति मंजू सोलंकी के विरोध में एक प्रेस नोट जारी किया था. इस पर उपसभापति मंजू सोलंकी ने सभापति पर मानहानि का परिवाद कोर्ट में पेश किया था, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में पेश होने के आदेश दिए. लेकिन वे पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर 1 जुलाई तक पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन सभापति के नहीं मिलने पर कोर्ट में पेश होकर कोतवाल बाघ सिंह ने 1 जुलाई को पक्ष रखते हुए कहा कि भंवरलाल के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने उनको गिरफ्तार करने के लिए कई जगहों पर दबिश दी. उनका मोबाइल भी 16 जून से बंद आ रहा है. वहीं उनके फोन की लोकेशन भी राजस्थान से बाहर आ रही है. इस कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जिसके बाद कोर्ट ने उनको भगोड़ा घोषित करते हुए स्थाई वारंट जारी कर दिया.

जालोर. नगर परिषद के सभापति भंवर लाल माली ने 2015 में उपसभापति मंजू सोलंकी के खिलाफ एक प्रेस नोट जारी किया था. इस मामले में मंजू ने कोर्ट में मानहानी का मामला दर्ज किया था. जिसके बाद कई बार नोटिस कर भंवर लाल माली को कोर्ट ने हाजिर होने को कहा था, लेकिन भंवर लाल हाजिर नहीं हुए तो कोर्ट ने वारंट जारी किया. वारंट के बाद पुलिस भी उनको गिरफ्तार करके पेश नहीं कर पाई तो अब स्थाई वारंट जारी करते हुए माली को भगोड़ा घोषित कर दिया गया.

नगर परिषद के सभापति भंवरलाल माली को बार-बार न्यायालय में पेश होने के आदेश की अवहेलना करने पर भगौड़ा घोषित कर दिया गया है. सभापति भंवरलाल माली के खिलाफ ये मामला चार साल पुराना है.

मामले में सभापति माली के न्यायालय में पेश नहीं होने पर 13 जून को कोर्ट ने आदेश जारी कर कोतवाल को गिरफ्तार कर पेश करने को कहा है. पुलिस द्वारा तलाशने के बाद भी सभापति के नहीं मिलने पर कोतवाल ने 1 जुलाई को कोर्ट में पेश होकर फरार होने की बात कही. जिस पर कोर्ट ने सभापति को भगौड़ा घोषित करते हुए गिरफ्तारी का स्थाई वारंट जारी कर दिया.

जालोर: कोर्ट में पेश नहीं हुए सभापति भंवर लाल माली, भगोड़ा घोषित

बता दें कि उपसभापति मंजू सोलंकी ने 2015 के दौरान सभापति भंवरलाल माली के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में न्यायालय ने सभापति को 19 दिसंबर 2018 को पेश होकर जबाव देने के आदेश दिए थे, लेकिन सभापति नहीं गए. उसके बाद भी पेशी के लिए पेश नहीं हुए।, जिस पर न्यायालय ने 13 जून उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए जुलाई को पेश करने को कहा.
उनके बाद 13 जून से पुलिस ने माली की तलाश शुरू, लेकिन वह पुलिस को नहीं मिले. कोतवाली थानाप्रभारी ने कोर्ट में बताया कि पुलिस ने सभापति की गिरफ्तारी के लेकर कई जगहों पर दबिश दी, लेकिन सभापति उनके हाथ नहीं आए.


यह था मामला
2015 के दौरान सभापति भंवरलाल माली ने उनकी बोर्ड की उपसभापति मंजू सोलंकी के विरोध में एक प्रेस नोट जारी किया था. इस पर उपसभापति मंजू सोलंकी ने सभापति पर मानहानि का परिवाद कोर्ट में पेश किया था, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में पेश होने के आदेश दिए. लेकिन वे पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर 1 जुलाई तक पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन सभापति के नहीं मिलने पर कोर्ट में पेश होकर कोतवाल बाघ सिंह ने 1 जुलाई को पक्ष रखते हुए कहा कि भंवरलाल के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने उनको गिरफ्तार करने के लिए कई जगहों पर दबिश दी. उनका मोबाइल भी 16 जून से बंद आ रहा है. वहीं उनके फोन की लोकेशन भी राजस्थान से बाहर आ रही है. इस कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जिसके बाद कोर्ट ने उनको भगोड़ा घोषित करते हुए स्थाई वारंट जारी कर दिया.

Intro:नगर परिषद के सभा पति भंवर लाल माली ने 2015 में उपसभापति मंजू सोलंकी के खिलाफ एक प्रेस नोट जारी किया था। इस मामले में मंजू ने कोर्ट में मानहानी का मामला दर्ज किया था। जिसके बाद कई बार नोटिस कर भंवर लाल माली को कोर्ट ने हाजिर होने को कहा था लेकिन भंवर लाल हाजिर नहीं हुए तो कोर्ट ने वारंट जारी किया था, वारंट के बाद पुलिस भी उनको गिरफ्तार करके पेश नहीं कर पाई तो अब स्थाई वारंट जारी करते हुए माली को भगोड़ा घोषित कर दिया।Body:नगर परिषद के सभापति भंवर लाल माली को कोर्ट में पेश नहीं होने पर किया भगोड़ा घोषित
जालोर
नगर परिषद के सभापति भंवरलाल माली को बार-बार न्यायालय में पेश होने के आदेश की अवहेलना करने पर भगौड़ा (मफरूर) घोषित कर दिया। चार साल पुराने एक मामले में सभापति माली के न्यायालय में पेश नहीं होने पर 13 जून को कोर्ट ने आदेश जारी कर कोतवाल को गिरफ्तार कर पेश करने को कहा। पुलिस द्वारा तलाशने के बाद भी सभापति के नहीं मिलने पर कोतवाल ने 1 जुलाई को कोर्ट में पेश होकर फरार होने की बात कही। जिस पर कोर्ट ने सभापति को भगौड़ा घोषित करते हुए गिरफ्तारी का स्थाई वारंट जारी कर दिया है। ज्ञात रहे कि उपसभापति मंजू सोलंकी ने 2015 के दौरान सभापति भंवरलाल माली के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में न्यायालय ने सभापति को 19 दिसंबर 2018 को पेश होकर जबाव देने के आदेश दिए थे। लेकिन सभापति नहीं गए। उसके बाद भी पेशी के लिए पेश नहीं हुए। जिस पर न्यायालय ने 13 जून उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए 1 जुलाई को पेश करने को कहा। उनके बाद 13 जून से पुलिस ने माली की तलाश शुरू, लेकिन वह पुलिस को नहीं मिले। कोतवाली थानाप्रभारी ने कोर्ट में बताया कि पुलिस ने सभापति की गिरफ्तारी के लेकर कई जगहों पर दबिश दी, लेकिन सभापति उनके हाथ नहीं अाए। ।
यह था मामला
2015 के दौरान सभापति भंवरलाल माली ने उनकी बोर्ड की उपसभापति मंजू सोलंकी के विरोध में एक प्रेस नोट जारी किया था। इस पर उपसभापति मंजू सोलंकी ने सभापति पर मानहानि का परिवाद कोर्ट में पेश किया था। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में पेश होने के आदेश दिए, लेकिन वे पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर 1 जुलाई तक पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन सभापति के नहीं मिलने पर कोर्ट में पेश होकर कोतवाल बाघसिंह ने 1 जुलाई को पक्ष रखते हुए कहा कि भंवरलाल के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने उनको गिरफ्तार करने के लिए कई जगहों पर दबिश दी। उनका मोबाइल भी 16 जून से बंद आ रहा है। वहीं उनके फोन को लोकेशन भी राजस्थान से बाहर आ रही है। जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। जिसके बाद कोर्ट ने उनको भगोड़ा घोषित करते हुए स्थाई वारंट जारी कर दिया।Conclusion:
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