जैसलमेर. जिले के खेतोलाई गांव में सोमवार को ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद हुई पत्थरबाजी मेंं कुछ ग्रामीण घायल हुए हैं. वहीं कुछ पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए हैं. खेतोलाई के स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत संविदाकर्मी महिला के संविदाकाल पूरा होने को लेकर महिला संविदाकर्मी और चिकित्सक के बीच विवाद हुआ था.
स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक डॉ. संजय मीणा ने बताया कि 22 अप्रैल को महिला सविंदाकर्मी और उसके पति ने उन्हें धमकी दी थी कि उसे वापस लगाया जाए. नहीं तो अच्छा नहीं होगा. साथ ही अन्य स्टाफ के साथ भी बदसलूकी की गई थी. इस पर पदस्थापित चिकित्सक ने इस संबंध में लाठी पुलिस थाना को शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने शिकायत लेकर मामला दर्ज नहीं किया था.
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वहीं अगले दिन इस महिला संविदाकर्मी ने भी चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज करने की शिकायत की. जिस पर पुलिस ने तत्काल चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने चिकित्सक के पक्ष में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया.
विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को जब लाठी थाना पुलिस ने हटाने की कोशिश की तो पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई. जिसमें ग्रामीणों ने पथराव किया. जिसमें एक ग्रामीण बुजुर्ग बुरी तरह घायल हो गया और पुलिस के जवानों को भी चोटें आईं. मामले के गंभीर होने के बाद पोकरण सीओ मोटाराम मौके पर अतिरिक्त जाप्ते के साथ पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को घरों की ओर खदेड़ा.
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ग्रामीणों का कहना है कि चिकित्सक द्वारा नियमानुसार संविदाकर्मी के साथ कार्यवाही की जा रही थी. जिस पर पुलिस ने चिकित्सक की शिकायत को दरकिनार कर झगड़े पर उतारू संविदाकर्मी के परिजनों की ओर से चिकित्सक के खिलाफ दिए गए मामले को द्वेषतापूर्वक दर्ज कर लिया है. जिससे ग्रामीणों में रोष है. वहीं चिकित्सक डॉ. संजय मीणा ने आरोप लगाया है कि सविंदाकर्मी और उसके पति ने उनके ऊपर झूठा मामला दर्ज करवाया है. इस कारण वो मानसिक तनाव में हैं और इन परिस्थितियों में कार्य करने में असर्मथता हैं.