पोकरण (जैसलमेर). जिले के पोकरण स्थित राजकीय चिकित्सालय में मंगलवार को उपचार के दौरान डेढ़ वर्षीय मासूम की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. लापरवाही बरतने के आरोप में चिकित्सक रतन मीणा और चिकित्सा कर्मी को एपीओ करने के बाद अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक कर्मियों ने गुरुवार को कार्य बहिष्कार कर आक्रोश जताया.
बता दें कि चिकित्सक रतन मीणा और चिकित्सा कर्मी जेठू सिंह को बहाल करने की मांग को लेकर गुरुवार को चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. साथ ही काली पट्टी बांधकर प्रशासन की कार्रवाई का विरोध जताया. कर्मियों ने बताया कि चिकित्सालय में पहले से कार्मिकों की संख्या कम हैं. उसके बावजूद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रतन कुमार मीणा और फार्मासिस्ट जेठू सिंह को बगैर लापरवाही के चलते एपीओ करने का फैसला निराशाजनक है.
पढ़ेंः 'वंदे भारत मिशन' के तहत 4 फ्लाइटों से 717 प्रवासी राजस्थानी पहुंचे जयपुर
साथ ही ने बताया कि प्रशासन ने जांच किए बगैर दोनों को एपीओ कर दिया. जिससे अस्पताल प्रशाशन में रोष व्याप्त है. वहीं उनको वापस लगाने की मांग को लेकर बुधवार को उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था और गुरुवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया गया.
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व पोकरण निवासी डेढ़ वर्षीय सोहेल की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. परिजनों ने चिकित्सालय में चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. जिस पर प्रशासन के आला अधिकारियों ने दोनों को एपीओ कर दिया था.