ETV Bharat / state

'डीसीपी करें अनुसंधान अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ आपराधिक अभियोजन की कार्रवाई' - JAIPUR POCSO COURT

पॉक्सो मामले की विशेष अदालत ने एक मामले में चार किशोर आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

POCSO COURT DIRECTED DCP,  ACTION FOR CRIMINAL PROSECUTION
जयपुर पॉक्सो कोर्ट का आदेश (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 16 hours ago

जयपुरः पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने स्कूली छात्राओं के एआई तकनीक से न्यूड फोटो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने से जुडे़ मामले में चार किशोर आरोपियों को सशर्त जमानत पर रिहा करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में संदेहपूर्ण अनुसंधान करने पर मानसरोवर थाने के थानाधिकारी व प्रकरण में अब तक रहे अनुसंधान अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए डीसीपी दक्षिण को आदेश की कॉपी भेजी है.

पीठासीन अधिकारी तिरुपति कुमार गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि अनुसंधान अधिकारी ने दो अन्य आरोपियों के लिए अज्ञात कारणों से अलग पैमाना अपनाया है. चैट में इन दोनों ने भी अत्यंत भद्दी भाषा में न्यूड फोटोग्राफ की मांग की है और ग्रुप की गतिविधियों में सक्रिय सहयोग किया है. अदालत ने कहा कि 3 फरवरी, 2024 को एफआईआर दर्ज होने के करीब आठ माह बाद पीड़िता के धारा 161 के बयान और करीब दस माह बाद धारा 164 के बयान कराए. कानूनी प्रावधान है कि घटना के तुरंत बाद ही बयान दर्ज हो जाने चाहिए थे. ऐसा नहीं करना भी आईपीसी की धारा 166ए के तहत दंडनीय है.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा

इसके अलावा एफआईआर के दिन पीड़िता की उम्र की जानकारी मिलने के बाद भी दस माह तक पॉक्सो की धाराए नहीं लगाई. ऐसा करना भी पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध है.अपील में अधिवक्ता प्रियंका पारीक ने अदालत को बताया कि अपीलार्थी किशोर 14 दिसंबर, 2024 से अभिरक्षा में हैं. उन्हें अपने किए पर पश्चाताप भी है. उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. इसके अलावा आईओ ने दो अन्य किशोरों को मामले में गवाह बना दिया, जबकि पीड़ित पक्ष ने उनका भी मामले में अलग-अलग रोल बता दिया गया था. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों ने इंस्टाग्राम पर ग्रुप बनाया और एआई तकनीक से दो छात्राओं के न्यूड फोटो अपलोड किया. वहीं, आरोपियों ने उस पर भद्दे कमेंट भी किए. इन्हें जमानत पर छोड़ा तो ये स्कूल का माहौल खराब करेंगे.

जयपुरः पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने स्कूली छात्राओं के एआई तकनीक से न्यूड फोटो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने से जुडे़ मामले में चार किशोर आरोपियों को सशर्त जमानत पर रिहा करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में संदेहपूर्ण अनुसंधान करने पर मानसरोवर थाने के थानाधिकारी व प्रकरण में अब तक रहे अनुसंधान अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए डीसीपी दक्षिण को आदेश की कॉपी भेजी है.

पीठासीन अधिकारी तिरुपति कुमार गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि अनुसंधान अधिकारी ने दो अन्य आरोपियों के लिए अज्ञात कारणों से अलग पैमाना अपनाया है. चैट में इन दोनों ने भी अत्यंत भद्दी भाषा में न्यूड फोटोग्राफ की मांग की है और ग्रुप की गतिविधियों में सक्रिय सहयोग किया है. अदालत ने कहा कि 3 फरवरी, 2024 को एफआईआर दर्ज होने के करीब आठ माह बाद पीड़िता के धारा 161 के बयान और करीब दस माह बाद धारा 164 के बयान कराए. कानूनी प्रावधान है कि घटना के तुरंत बाद ही बयान दर्ज हो जाने चाहिए थे. ऐसा नहीं करना भी आईपीसी की धारा 166ए के तहत दंडनीय है.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा

इसके अलावा एफआईआर के दिन पीड़िता की उम्र की जानकारी मिलने के बाद भी दस माह तक पॉक्सो की धाराए नहीं लगाई. ऐसा करना भी पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध है.अपील में अधिवक्ता प्रियंका पारीक ने अदालत को बताया कि अपीलार्थी किशोर 14 दिसंबर, 2024 से अभिरक्षा में हैं. उन्हें अपने किए पर पश्चाताप भी है. उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. इसके अलावा आईओ ने दो अन्य किशोरों को मामले में गवाह बना दिया, जबकि पीड़ित पक्ष ने उनका भी मामले में अलग-अलग रोल बता दिया गया था. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों ने इंस्टाग्राम पर ग्रुप बनाया और एआई तकनीक से दो छात्राओं के न्यूड फोटो अपलोड किया. वहीं, आरोपियों ने उस पर भद्दे कमेंट भी किए. इन्हें जमानत पर छोड़ा तो ये स्कूल का माहौल खराब करेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.