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14 अगस्त तक रेगिस्तान के धोरों में रहना नहीं होगा आसान...अभी से छूट रहे 'पसीने'

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Published : Aug 2, 2020, 12:43 PM IST

प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे में हर दिन नया मोड़ देखने को मिल रहा है. अशोक गहलोत ने अपनी हुकूमत पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए अपने सभी विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट किया है. लेकिन स्वर्ण नगरी की तपती रेत ने 36 घंटों में सभी विधायकों को झकझोर कर रख दिया है.

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रेगिस्तान के धोरों में विधायकों का रहना नहीं होगा आसान

जैसलमेर. रेगिस्तान की तपती धरती से निकलने वाली गर्मी के बारे में हर कोई जानता है. यहां के रेतीले धोरे इस तरीके से आग उगलते हैं कि पापड़ को भी आग पर सेकने की जरूरत नहीं होती है. यहां रहने वाले लोगों के लिए ये कोई नई बात नहीं है, लेकिन पिछले 36 घंटे से ज्यादा के समय से राजस्थान की सरकार के 90 से ज्यादा विधायक और मंत्री इस समय जैसलमेर के रेगिस्तानी धोरों के सूर्यगढ़ होटल में मौजूद हैं. पिछले 36 घंटों में गर्मी ने सबको पूरी तरीके से झकझोर कर रख दिया है.

रेगिस्तान के धोरों में विधायकों का रहना नहीं होगा आसान

आलम तो यह है कि गर्मी ने विधायक और मंत्रियों के इतने पसीने छुड़ा दिए हैं कि एक विधायक के लिए तो डॉक्टर की टीम बुलाने तक की भी खबर है. हालांकि उसे यह कहकर टाल दिया गया कि रूटीन चेकअप था. लेकिन जिस तरीके से शनिवार को जैसलमेर में रेगिस्तानी धोरों में तापमान 38 डिग्री से भी ज्यादा रहा उसने विधायकों और मंत्रियों के पसीने छुड़ा दिए. कल तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों के साथ चर्चा की, लेकिन आगामी 14 दिन विधायकों के साथ मंत्रियों के लिए यहां पर बिताना इतना आसान नहीं है.

हालांकि, होटल सूर्यगढ़ में बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन जिस तरीके से विधायक और मंत्री 17 दिन जयपुर के होटल में रुके थे तो वहां के हालात और यहां के हालात में बहुत फर्क है. इस बात का पता सरकार को पहले दिन ही चल गया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने होटल से बाहर निकलते हुए साफ कर दिया कि अगले 14 दिन तक विधायक और मंत्री जैसलमेर में ही रहेंगे.

यह भी पढे़ं : कोरोना काल में सरकार गिराने की साजिश के लिए जनता BJP को माफ नहीं करेगी: अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह जरूर कहा कि विश्व के लोग जैसलमेर भ्रमण पर आते हैं ऐसे में यहां काफी टूरिस्ट पैलेस भी हैं. हो सकता है कि विधायक और मंत्री टूरिस्ट पैलेस जैसे जैसलमेर का किला हो, तनोट माता का मंदिर हो या सम के धोरे हो, वहां जाने का कार्यक्रम बन सकता है. लेकिन एक बात तो साफ है कि टूरिस्ट पैलेस के लिए तो तीन-चार दिन रुकना आसान होता है. उसके बाद इस भयंकर तपती गर्मी में उनके भी पसीने आ जाते हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या विधायक और मंत्री 14 तारीख तक तपते रेगिस्तान के धोरों में रह पाएंगे या नहीं?.

जैसलमेर. रेगिस्तान की तपती धरती से निकलने वाली गर्मी के बारे में हर कोई जानता है. यहां के रेतीले धोरे इस तरीके से आग उगलते हैं कि पापड़ को भी आग पर सेकने की जरूरत नहीं होती है. यहां रहने वाले लोगों के लिए ये कोई नई बात नहीं है, लेकिन पिछले 36 घंटे से ज्यादा के समय से राजस्थान की सरकार के 90 से ज्यादा विधायक और मंत्री इस समय जैसलमेर के रेगिस्तानी धोरों के सूर्यगढ़ होटल में मौजूद हैं. पिछले 36 घंटों में गर्मी ने सबको पूरी तरीके से झकझोर कर रख दिया है.

रेगिस्तान के धोरों में विधायकों का रहना नहीं होगा आसान

आलम तो यह है कि गर्मी ने विधायक और मंत्रियों के इतने पसीने छुड़ा दिए हैं कि एक विधायक के लिए तो डॉक्टर की टीम बुलाने तक की भी खबर है. हालांकि उसे यह कहकर टाल दिया गया कि रूटीन चेकअप था. लेकिन जिस तरीके से शनिवार को जैसलमेर में रेगिस्तानी धोरों में तापमान 38 डिग्री से भी ज्यादा रहा उसने विधायकों और मंत्रियों के पसीने छुड़ा दिए. कल तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों के साथ चर्चा की, लेकिन आगामी 14 दिन विधायकों के साथ मंत्रियों के लिए यहां पर बिताना इतना आसान नहीं है.

हालांकि, होटल सूर्यगढ़ में बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन जिस तरीके से विधायक और मंत्री 17 दिन जयपुर के होटल में रुके थे तो वहां के हालात और यहां के हालात में बहुत फर्क है. इस बात का पता सरकार को पहले दिन ही चल गया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने होटल से बाहर निकलते हुए साफ कर दिया कि अगले 14 दिन तक विधायक और मंत्री जैसलमेर में ही रहेंगे.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह जरूर कहा कि विश्व के लोग जैसलमेर भ्रमण पर आते हैं ऐसे में यहां काफी टूरिस्ट पैलेस भी हैं. हो सकता है कि विधायक और मंत्री टूरिस्ट पैलेस जैसे जैसलमेर का किला हो, तनोट माता का मंदिर हो या सम के धोरे हो, वहां जाने का कार्यक्रम बन सकता है. लेकिन एक बात तो साफ है कि टूरिस्ट पैलेस के लिए तो तीन-चार दिन रुकना आसान होता है. उसके बाद इस भयंकर तपती गर्मी में उनके भी पसीने आ जाते हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या विधायक और मंत्री 14 तारीख तक तपते रेगिस्तान के धोरों में रह पाएंगे या नहीं?.

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