जयपुर: आने वाले नववर्ष 2025 पर हर वर्ष की तरह छोटी काशी जयपुर के मंदिरों में भी श्रद्धा का सैलाब उमड़ेगा. विभिन्न मंदिरों में भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. खास बात यह है कि भगवान भी अपने भक्तों की उम्मीदों को ध्यान रखकर विशेष इंतजाम के तहत पूरे दिन दर्शन देंगे. जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर के अलावा प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर, खोले के हनुमानजी, ताड़केश्वरजी मंदिर, झारखंड महादेवजी, चांदी की टकसाल पर काले हनुमानजी, ब्रह्मपुरी में नहर के गणेशजी और गलता जी में नए साल पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहेगा. इसके अलावा रणथंभौर त्रिनेत्र गणेशजी, खाटू श्यामजी, सामोद और सालासर के हनुमान मंदिरों में भी दर्शनों के लिए जगह-जगह से श्रद्धालु जाएंगे.
एक घंटा ज्यादा होगी गोविंद की मंगला झांकी: जयपुर के आराध्यदेव गोविंद देवजी मंदिर में साल के अंतिम दिन 31 दिसंबर और नए साल के पहले दिन 1 जनवरी को मंगला झांकी का समय पंद्रह मिनट से बढ़ाकर सवा घंटे किया गया है. ज्यादातर श्रद्धालु मंगला झांकी के दर्शन से ही नववर्ष की शुरुआत करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने दर्शनों का समय बढ़ाया है. इसी के साथ धूप झांकी पंद्रह मिनट और राजभोग झांकी आधा घंटे अधिक रहेगी. इसी तरह जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में नववर्ष पर बुधवार को भगवान तीन घंटे का विश्राम नहीं करेंगे. दोपहर 1 से लेकर 4 बजे तक ठाकुरजी को शयन करते हैं, लेकिन नए साल पर वे अपने भक्तों के लिए दर्शन देंगे और दिनभर हरिनाम संकीर्तन होगा.
गणेश जी धारण करेंगे स्वर्ण मुकुट: गुलाबी शहर में प्रथम पूज्य के रूप में विख्यात मोतीजूंगरी गणेश जी मंदिर पर भी नए साल के स्वागत के दौरान विशेष इंतजाम होंगे. मोती डूंगरी मंदिर के महंत कैलाश शर्मा की मौजूदगी में सुबह गणपति का अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद नवीन पोशाक पहनाकर स्वर्ण मुकुट धारण कराया जाएगा. मंगला झांकी सुबह 5 होगी, जबकि श्रृंगार आरती सुबह 10.30 बजे और दोपहर 1.30 बजे भोग आरती होगी. इसके बाद सूर्यास्त के साथ संध्या आरती और रात्रि 10.30 बजे शयन आरती होगी.
खाटू नगरी होगी श्याममय: लोक आस्था के प्रतीक खाटूश्यामजी मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना मांगने आते हैं. वहीं 31 दिसंबर और 1 जनवरी के खास मौके पर यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है. सीकर पुलिस प्रशासन का अनुमान है कि साल 2025 के स्वागत के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बाबा श्याम की नगरी में पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ सकती है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन और मंदिर कमेटी की ओर से भी तैयारियां शुरू की जा चुकी है. जिला प्रशासन की ओर से 1000 से अधिक पुलिस जाप्ता तैनात किया जाएगा. इसमें पुलिस लाइन और आरएसी की बटालियन व होम गार्ड का जाप्ता शामिल है. इसके अलावा मंदिर कमेटी की ओर से भी सुरक्षा गार्ड लगाए जाएंगे. तोरण द्वार पर आतिशबाजी रोकने के लिए 50 जवान अलग से लगाए जाएंगे. प्रशासन ने 31 दिसंबर और एक जनवरी के लिए अभी से रींगस वाहनों की पार्किंग मेले की तरह खाटू मार्ग मार्ग को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है. 52 बीघा सरकारी पार्किंग में ही वाहन खड़े किए जाएंगे. रींगस से खाटू पैदल आने वाले भक्तों को खाटू प्रवेश से पहले ही मेले की तरह डायवर्ट किया जाएगा. दांतारामगढ़ उपखंड अधिकारी मोनिका सामोर ने कहा कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दर्शन मार्ग में अच्छी व्यवस्था की गई है. श्याम नगरी में दर्शन प्रवेश मार्ग के साथ-साथ दर्शन निकास को भी सुदृढ़ किया जाएगा.दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को नई 10 लाइनों के साथ सीधा बाजार या गुवाड़ चौक भेजा जाएगा.
रंग-बिरंगी लाइट बढ़ाएंगे रौनक: श्री श्याम मंदिर कमेटी की ओर से नए साल पर बाबा श्याम का दिल्ली और कोलकाता से मंगवाए गए फूलों से बंगाली तरीके से विशेष श्रृंगार किया जाएगा. इसके साथ ही नव वर्ष रंग बिरंगी लाइटों से बाबा श्याम की नगरी जगमगा उठेगी. श्याम भक्तों की भीड़ को देखते हुए नववर्ष की पूर्व संध्या और नववर्ष को 24 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे. सिर्फ बाबा के भोग के समय ही कुछ देर के लिए मंदिर के पट बंद होंगे.
छुट्टियों की वजह से बढ़ रही कतार: 30 दिसंबर से एक जनवरी तक खाटूश्यामजी और सालासर सहित शेखावाटी के अन्य धार्मिक स्थल पर 20 लाख से अधिक भक्तों के आने की संभावना है. पिछले साल भी अकेले श्याम दरबार में 15 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन कर मनौती मांगी थी. स्कूलों में छुट्टी की वजह से भी श्याम नगरी में दो दिन से लगातार भक्तों की कतार बढ़ रही है. नए साल पर खाटूश्यामजी, सालासर और मां जीण भवानी के साथ शाकंभरी में भक्तों का मेला रहेगा. शीतकालीन अवकाश की वजह से दूसरे राज्य के लोग राजस्थान भ्रमण पर आ रहे हैं. शेखावाटी के धार्मिक स्थलों पर आने वाले भक्तों में सबसे ज्यादा भक्त यूपी, एमपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और गुजरात के हैं. भक्तों की ओर से लगातार बुकिंग की वजह से खाटू में होटल और धर्मशालाओं के लिए अभी से मारामारी हो रही है.