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KTR की बढ़ सकती है मुश्किल, ED ने पूछताछ के लिए समन भेजा, जानें पूरा मामला - FORMULA E RACE CASE

फॉर्मूला ई-रेस मामले में तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामा राव को 7 जनवरी को ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया है.

BRS Leader KT Rama Rao asked to appear before ED on January 7 in Formula e-race case
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामा राव (File - ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 15 hours ago

हैदराबाद: फॉर्मूला ई-रेस मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामा राव (KTR) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) के बेटे केटीआर को नोटिस जारी किया है. ईडी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि केटीआर को 7 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

ईडी ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार और एचएमडीए के पूर्व मुख्य अभियंता बीएलएन रेड्डी को भी नोटिस जारी किया है. अरविंद और बीएलएन रेड्डी को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि वे 2 और 3 जनवरी को जांच एजेंसी के सामने पेश हों.

ईडी तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामले की जांच कर रही है. सरकारी धन को विदेशी संस्था को भेजने से जुड़ा यह मामला तेलंगाना एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है. एसीबी ने राजस्व विभाग (आपदा प्रबंधन) के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार और रेड्डी के साथ केटीआर को मुख्य आरोपी बनाया है.

ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उल्लंघनों को लेकर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की.

क्या है मामला
पूरा मामला हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचएमडीए) द्वारा अक्टूबर 2023 में यूनाइटेड किंगडम में फॉर्मूला-ई ऑर्गनाइजेशन (एफईओ) को 45.71 करोड़ रुपये (लगभग 4.47 मिलियन पाउंड) ट्रांसफर करने से जुड़ा है. कथित तौर पर यह फंड आवश्यक विनियामक अनुमोदन या टैक्स कटौती आवश्यकताओं के पालन के बिना भेजे गए थे, जिसके कारण बड़ी वित्तीय अनियमितता हुई.

एसीबी ने केटीआर की याचिका विरोध किया
इस बीच, शुक्रवार को तेलंगाना हाईकोर्ट में दायर एक जवाबी हलफनामे में, एसीबी ने केटीआर पर फॉर्मूला-ई रेस अनुबंधों के संचालन में आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया. एसीबी का आरोप है कि केटीआर के निर्देशों के तहत सरकारी धन के दुरुपयोग, अनधिकृत भुगतान और प्रक्रियात्मक नियमों का उल्लंघन किया गया.

विदेशी कंपनी को भेजा गया फंड
एसीबी ने कहा कि कैबिनेट या वित्त विभाग से आवश्यक मंजूरी के बिना एचएमडीए फंड से 54 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एक विदेशी कंपनी को भेजी गई. इससे एचएमडीए के नियमों का उल्लंघन हुआ और प्राधिकरण पर 8 करोड़ रुपये का अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ गया.

एसीबी के डीएसपी माजिद अली खान द्वारा दायर जवाबी हलफनामे में तर्क दिया गया कि एफआईआर को रद्द करने की केटीआर की याचिका जांच में बाधा डालने का प्रयास थी. इसमें कहा गया कि याचिका में कानूनी आधार और तथ्य का अभाव है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए.

एचएमडीए को प्रमोटर नामित किया गया
एसीबी के अनुसार, हैदराबाद में 9वें, 10वें, 11वें और 12वें सीजन की रेस की मेजबानी के लिए फॉर्मूला-ई ऑपरेशंस लिमिटेड (एफईओ), हैदराबाद नगर निगम और ऐस नेक्स्ट जेन प्राइवेट लिमिटेड के बीच 25 अक्टूबर, 2022 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. हालांकि, जब प्रमोटर ने 10वें सीजन के लिए नाम वापस ले लिया, तो सरकार ने आयोजन की जिम्मेदारी संभाली और एचएमडीए को प्रमोटर के रूप में नामित किया.

एसीबी ने बताया कि चुनाव आचार संहिता के दौरान 30 अक्टूबर, 2023 को दूसरा समझौता किया गया था. इसके बावजूद, चुनाव आयोग और कैबिनेट दोनों की मंजूरी को दरकिनार करते हुए अक्टूबर 2023 की शुरुआत में एचएमडीए के फंड से 54 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया. जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि यह भुगतान समझौते के तहत अनिवार्य नहीं था और सीधे तौर पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करता था.

वहीं, केटीआर का दावा कि 2022 के समझौते को जारी रखने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति की जरूरत नहीं थी. लेकिन एसीबी ने इसे निराधार बताया और कहा कि 15 अक्टूबर, 2022 को हुआ पहला समझौता 27 अक्टूबर, 2023 को रद्द कर दिया गया था और तीन दिन बाद हस्ताक्षरित नया समझौता पहले के भुगतानों को उचित नहीं ठहराता.

एसीबी ने इस बात पर जोर दिया कि मूल समझौते के तहत, सरकार की भूमिका बुनियादी ढांचा प्रदान करने और ट्रैक बनाने तक सीमित थी, प्रायोजक की ओर से भुगतान करना शामिल नहीं था.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस को इंडिया गठबंधन से बाहर करने की मांग, केजरीवाल के बयान पर CM ममता क्या बोलीं, जानें

हैदराबाद: फॉर्मूला ई-रेस मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामा राव (KTR) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) के बेटे केटीआर को नोटिस जारी किया है. ईडी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि केटीआर को 7 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

ईडी ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार और एचएमडीए के पूर्व मुख्य अभियंता बीएलएन रेड्डी को भी नोटिस जारी किया है. अरविंद और बीएलएन रेड्डी को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि वे 2 और 3 जनवरी को जांच एजेंसी के सामने पेश हों.

ईडी तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामले की जांच कर रही है. सरकारी धन को विदेशी संस्था को भेजने से जुड़ा यह मामला तेलंगाना एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है. एसीबी ने राजस्व विभाग (आपदा प्रबंधन) के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार और रेड्डी के साथ केटीआर को मुख्य आरोपी बनाया है.

ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उल्लंघनों को लेकर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की.

क्या है मामला
पूरा मामला हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचएमडीए) द्वारा अक्टूबर 2023 में यूनाइटेड किंगडम में फॉर्मूला-ई ऑर्गनाइजेशन (एफईओ) को 45.71 करोड़ रुपये (लगभग 4.47 मिलियन पाउंड) ट्रांसफर करने से जुड़ा है. कथित तौर पर यह फंड आवश्यक विनियामक अनुमोदन या टैक्स कटौती आवश्यकताओं के पालन के बिना भेजे गए थे, जिसके कारण बड़ी वित्तीय अनियमितता हुई.

एसीबी ने केटीआर की याचिका विरोध किया
इस बीच, शुक्रवार को तेलंगाना हाईकोर्ट में दायर एक जवाबी हलफनामे में, एसीबी ने केटीआर पर फॉर्मूला-ई रेस अनुबंधों के संचालन में आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया. एसीबी का आरोप है कि केटीआर के निर्देशों के तहत सरकारी धन के दुरुपयोग, अनधिकृत भुगतान और प्रक्रियात्मक नियमों का उल्लंघन किया गया.

विदेशी कंपनी को भेजा गया फंड
एसीबी ने कहा कि कैबिनेट या वित्त विभाग से आवश्यक मंजूरी के बिना एचएमडीए फंड से 54 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एक विदेशी कंपनी को भेजी गई. इससे एचएमडीए के नियमों का उल्लंघन हुआ और प्राधिकरण पर 8 करोड़ रुपये का अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ गया.

एसीबी के डीएसपी माजिद अली खान द्वारा दायर जवाबी हलफनामे में तर्क दिया गया कि एफआईआर को रद्द करने की केटीआर की याचिका जांच में बाधा डालने का प्रयास थी. इसमें कहा गया कि याचिका में कानूनी आधार और तथ्य का अभाव है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए.

एचएमडीए को प्रमोटर नामित किया गया
एसीबी के अनुसार, हैदराबाद में 9वें, 10वें, 11वें और 12वें सीजन की रेस की मेजबानी के लिए फॉर्मूला-ई ऑपरेशंस लिमिटेड (एफईओ), हैदराबाद नगर निगम और ऐस नेक्स्ट जेन प्राइवेट लिमिटेड के बीच 25 अक्टूबर, 2022 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. हालांकि, जब प्रमोटर ने 10वें सीजन के लिए नाम वापस ले लिया, तो सरकार ने आयोजन की जिम्मेदारी संभाली और एचएमडीए को प्रमोटर के रूप में नामित किया.

एसीबी ने बताया कि चुनाव आचार संहिता के दौरान 30 अक्टूबर, 2023 को दूसरा समझौता किया गया था. इसके बावजूद, चुनाव आयोग और कैबिनेट दोनों की मंजूरी को दरकिनार करते हुए अक्टूबर 2023 की शुरुआत में एचएमडीए के फंड से 54 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया. जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि यह भुगतान समझौते के तहत अनिवार्य नहीं था और सीधे तौर पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करता था.

वहीं, केटीआर का दावा कि 2022 के समझौते को जारी रखने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति की जरूरत नहीं थी. लेकिन एसीबी ने इसे निराधार बताया और कहा कि 15 अक्टूबर, 2022 को हुआ पहला समझौता 27 अक्टूबर, 2023 को रद्द कर दिया गया था और तीन दिन बाद हस्ताक्षरित नया समझौता पहले के भुगतानों को उचित नहीं ठहराता.

एसीबी ने इस बात पर जोर दिया कि मूल समझौते के तहत, सरकार की भूमिका बुनियादी ढांचा प्रदान करने और ट्रैक बनाने तक सीमित थी, प्रायोजक की ओर से भुगतान करना शामिल नहीं था.

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