नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान पांच फरवरी को होना है. वहीं, तीन फरवरी को चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. ऐसे में सभी पार्टियां अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. इसी कड़ी में कालकाजी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. लोग बदलाव चाहते हैं. आम आदमी पार्टी की विधायक ने कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में कोई काम नहीं किया.
अलका लांबा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि महंगाई और बेरोजगारी से यहां के लोग परेशान हैं. पीने का पानी नहीं मिलता, कुछ देर के लिए पानी आता है तो पानी में गंदगी होती है जो पीने लायक नहीं होता. विधानसभा क्षेत्र की हालत बहुत खराब है. सड़के टूटी है. नालियां खुदी पड़ी है. लगातार विधानसभा क्षेत्र में जाकर लोगों से मुलाकात रह कर रहे हैं. कालकाजी बदलाव के लिए तैयार है.
अलका लांबा से जब सवाल किया गया कि भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी और आम आदमी पार्टी प्रत्याशी आतिशी से कितनी चुनौती है ? तो उन्होंने कहा चुनाव में कोई चुनौती नहीं है, चुनौती तो भाजपा और आप प्रत्याशी के सामने है, क्योंकि 10 सालों में दोनों ने कोई काम नहीं किया. रमेश बिधूड़ी 10 सालों तक सांसद रहे. जबकि अतिशी विधायक, मंत्री और अब मुख्यमंत्री हैं. कालकाजी में लोग बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं. लांबा ने कहा कि वो जीत को लेकर आश्वस्त है. दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का खाता कालकाजी विधानसभा सीट से खुलेगा.
''सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट मांगते हुए दिखाई दिए. केजरीवाल की दिल्ली में 10 साल से सरकार है. लंदन, पेरिस बनाने की बात करते थे, ऐसे में उन्हें बैसाखियों की जरूरत क्यों पड़ गई? ऐसी क्या मजबूरी हो गई कि दूसरे राज्यों से पूर्व मुख्यमंत्री को बुलाना पड़ रहा है. केजरीवाल को अखिलेश यादव को यमुना में डुबकी लगवाने लेकर जाना चाहिए, फिर देखते हैं कि वह आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट मांगते हैं या नहीं.''-अलका लांबा, कांग्रेस प्रत्याशी
अलका लांबा चांदनी चौक से रहीं विधायक: अलका लांबा 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चांदनी चौक से निर्वाचित हुईं थी. उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा उम्मीदवार सुमन गुप्ता को 18 हजार से अधिक मतों से हराया था. आम आदमी पार्टी से नेतृत्व मतभेद के बाद उन्होंने 2019 में केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस का दामन थाम लिया था. 2020 के विधानसभा चुनाव में अलका लांबा ने कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रहलाद सिंह साहनी ने यS सीट जीती थी. इस चुनाव में लांबा तीसरे स्थान पर रही थी.
''हम दिल्ली विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं. 50 से अधिक सीटों पर कांग्रेस पार्टी दिल्ली में जी दर्ज कर सरकार बनाने जा रही है. दिल्ली में बदलाव की हवा बह रही है. सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में तमाम गारंटी योजनाओं को न सिर्फ मंजूरी दी जाएगी बल्कि लागू कर धरातल पर उतर जाएगा. दिल्ली को फिर हम खूबसूरत शहर बनाएंगे.''-अलका लांबा
बता दें, कालकाजी सीट पर दो बार से आम आदमी पार्टी का कब्जा है. इससे पहले तीन बार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा इस सीट से विधायक रहे हैं. वहीं, वर्ष 1993 के पहले चुनाव में एक बार भाजपा की पूर्णिमा सेठी को इस सीट से जीत मिली थी. जबकि वर्ष 2013 में शिरोमणि अकाली दल भाजपा गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कालकाजी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद वर्ष 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अवतार सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की. उसके बाद पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अवतार सिंह का टिकट काटकर आतिशी को प्रत्याशी बनाया. आतिशी ने 11000 से अधिक वोटो के अंदर से जीत दर्ज की थी.
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