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सड़क पर बिलखते रहे मरीज, डॉक्टर ने सड़क पर किया उपचार

पोकरण के राजकीय अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर डॉक्टर घायलों का इलाज करते नजर आए. दरअसल, घायलों को 108 एम्बुलेंस से रेफर किया गया, लेकिन एम्बुलेंस को जैसलमेर ले जाने और जोधपुर ले जाने की बात पर बहस चल रही थी. इस पर घायलों की बिगड़ती तबीयत पर चिकित्सक ने सड़क पर ही उनका उपचार किया.

सड़क पर ही हुआ उपचार, treatment on the road
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Published : Oct 7, 2019, 2:55 PM IST

पोकरण (जैसलमेर). इलाके के राजकीय अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर एम्बुलेंस 108 के चालक और घायल के परिजनों के बीच हो रही बहस के कारण चिकित्सकों को घायलों का इलाज सड़क पर ही करना पड़ा. बहस के कारण हो रही देरी के चलते चिकित्सकों को यह कदम उठाना पड़ा.

चिकित्सक ने सड़क पर किया उपचार

बता दें कि पिछले दिनों मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने घायलों को 108 एम्बुलेंस से रेफर करने की अनुमति मात्र जैसलमेर की ही देने के निर्देश दिए गए थे. जबकि ट्रोमा सेंटर और आपात स्थिति की सुविधा जैसलमेर की बजाय जोधपुर में है. रविवार की शाम एक सड़क दुर्घटना में आधा दर्जन पदयात्री घायल हो गए. जिनमें से 2 गम्भीर घायलों को तत्काल जोधपुर ले जाया जाना था. प्राथमिक उपचार के बाद घायलो को अस्पताल से बाहर भी ले आया गया.

पढ़ें: बारां : एक सप्ताह में तीन तलाक का दूसरा मामला, पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जिसके बाद 108 एम्बुलेंस जैसलमेर चलने के लिए तैयार हुई. लेकिन घायलों के परिजन जोधपुर ले जाने की बात पर अड़ गए. ऐसे में करीब आधा घण्टे तक दोनों घायल सड़क पर ही स्ट्रेचर पर पड़े रहे. उनकी बिगड़ती तबीयत पर चिकित्सक ने सड़क पर ही उनका उपचार किया. काफी देर तक फोन करने और बार-बार मिन्नत करने के बाद एम्बुलेंस के कार्मिकों को घायलों को जोधपुर ले जाने की अनुमति दी गई. इस दौरान घायलों और परिजनों को खासी परेशानी हुई.

पोकरण (जैसलमेर). इलाके के राजकीय अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर एम्बुलेंस 108 के चालक और घायल के परिजनों के बीच हो रही बहस के कारण चिकित्सकों को घायलों का इलाज सड़क पर ही करना पड़ा. बहस के कारण हो रही देरी के चलते चिकित्सकों को यह कदम उठाना पड़ा.

चिकित्सक ने सड़क पर किया उपचार

बता दें कि पिछले दिनों मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने घायलों को 108 एम्बुलेंस से रेफर करने की अनुमति मात्र जैसलमेर की ही देने के निर्देश दिए गए थे. जबकि ट्रोमा सेंटर और आपात स्थिति की सुविधा जैसलमेर की बजाय जोधपुर में है. रविवार की शाम एक सड़क दुर्घटना में आधा दर्जन पदयात्री घायल हो गए. जिनमें से 2 गम्भीर घायलों को तत्काल जोधपुर ले जाया जाना था. प्राथमिक उपचार के बाद घायलो को अस्पताल से बाहर भी ले आया गया.

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जिसके बाद 108 एम्बुलेंस जैसलमेर चलने के लिए तैयार हुई. लेकिन घायलों के परिजन जोधपुर ले जाने की बात पर अड़ गए. ऐसे में करीब आधा घण्टे तक दोनों घायल सड़क पर ही स्ट्रेचर पर पड़े रहे. उनकी बिगड़ती तबीयत पर चिकित्सक ने सड़क पर ही उनका उपचार किया. काफी देर तक फोन करने और बार-बार मिन्नत करने के बाद एम्बुलेंस के कार्मिकों को घायलों को जोधपुर ले जाने की अनुमति दी गई. इस दौरान घायलों और परिजनों को खासी परेशानी हुई.

Intro:पोकरण
पोकरण में 108 एबुलेंस की कैसी व्यवस्था
जोधपुर की जगह मरीजो को ले जाया जा रहा जैसलमेर
जैसमलेर में नही है उपचार की संपूर्ण व्यवस्था
जैसलमेर से वापस मरीजो को किया जाता जोधपुर रेफर
रेफर ,रेफर में मरीजो की निकल जाती जानBody:मुख्य सड़क पर दर्द से कराहते घायल की आवाज सुनकर हर किसी का दिल पसीज गया। कुछ ऐसा नजारा था पोकरण के राजकीय अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क का, जब दुर्घटना में गम्भीर घायलों को 108 एम्बुलेंस से रैफर किया गया, लेकिन एम्बुलेंस के जैसलमेर ले जाने व जोधपुर ले जाने की बात पर रार चल रही थी। गौरतलब है कि गत दिनों मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से दुर्घटना के दौरान गम्भीर घायलों को 108 एम्बुलेंस से रेफर करने की अनुमति मात्र जैसलमेर की ही देने के निर्देश दिए गए। जबकि ट्रोमा सेंटर व आपात स्थिति की सुविधा जैसलमेर की बजाय जोधपुर में है। रविवार की शाम एक सड़क दुर्घटना में आधा दर्जन पदयात्री घायल हो गए, जिनमें से 2 गम्भीर घायलों को तत्काल जोधपुर ले जाया जाना था। प्राथमिक उपचार के बाद घायलो को अस्पताल से बाहर भी ले आया गया। 108 एम्बुलेंस जैसलमेर चलने के लिए तैयार हुई, लेकिन घायलों के परिजन जोधपुर ले जाने की बात पर अड़ गए। ऐसे में करीब आधा घण्टे तक दोनों घायल सड़क पर ही स्ट्रेचर पर पड़े रहे। उनकी बिगड़ती तबीयत पर चिकित्सक ने सड़क पर ही उनका उपचार किया। काफी देर तक फोन करने व बार-बार मिन्नत करने के बाद एम्बुलेंस के कार्मिकों को घायलों को जोधपुर ले जाने की अनुमति दी गई। इस दौरान घायलों व परिजनों को खासी परेशानी हुई।
बाईट 1 लेखचन्द परिजनConclusion:वही लोगो ने सरकार से मांग की है कि 108 एबुलेंस की व्यवस्था को सुधारा जाए। ताकि मरीजो को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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