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Special: दिवाली पर सूने पड़े हैं पर्यटन स्थल, बेरोजगार बैठे हैं टूरिस्ट गाइड

दिवाली पर पर्यटकों से गुलजार रहने वाले जैसलमेर के पर्यटन स्थल सुनसान पडे़ हैं. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हजारों लोग बेरोजगार बैठे हैं. 90 प्रतिशत तक होटलों की बुकिंग दिवाली के सीजन में गिरी है. जिसका सीधा असर हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है. पढ़ें खास रिपोर्ट...

jaisalmer tourism,  tourism on diwali
पर्यटन पर कोरोना का असर
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Published : Nov 13, 2020, 10:29 PM IST

जैसलमेर. कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसका असर अनलॉक के बाद भी बदस्तूर जारी है. राजस्थान पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण स्टेट है. जैसलमेर के हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर्यटन पर निर्भर है और त्योहारी सीजन में पर्यटकों की संख्या ज्यादा होती है तो ऐसे में पर्यटन के व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए ज्यादा मुनाफे का समय होता है. लेकिन इस बार कोरोना के चलते पर्यटन ठप पड़ा है. दिवाली पर अच्छी कमाई की आस लगाए बैठे जैसलमेर के पर्यटन व्यवसायियों के हाथ सिर्फ निराशा लगी है.

पर्यटन पर कोरोना का असर

कोरोना के बाद से देशभर के साथ ही राजस्थान का पर्यटन भी थम गया था. जैसलमेर में मिड मार्च के बाद से पर्यटकों ने आना बंद कर दिया था. जिसके बाद लंबे समय तक लॉकडाउन रहा और फिर अनलॉक में धीरे-धीरे चीजें खुलना शुरू हुई तो उम्मीद थी कि अब पर्यटन भी पटरी पर लौटेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. दिवाली पर भी जैसलमेर के पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं. कुछ इक्के-दुक्के पर्यटनों के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा है. जिसका सीधा असर टूरिस्ट गाइड, होटल व्यवसायी और पर्यटन से जुड़े दूसरे लोगों पर पड़ा है.

jaisalmer tourism,  tourism on diwali
इक्के-दुक्के पर्यटक ही पहुंच रहे हैं जैसलमेर

पढ़ें: Special: बिना बिजली, पानी व छत के चल रहा है अलवर तहसील का ये नया भवन, घर से लाना पड़ता है इनवर्टर

बेरोजगार बैठे हैं गाइड

देवी सिंह कई सालों से जैसलमेर में टूरिस्ट गाइड का काम करते आ रहे हैं. लेकिन कोरोना के बाद से उनके पास कोई काम नहीं है. देवी सिंह बताते हैं कि इस टाइम पर्यटकों की काफी संख्या होती थी लेकिन कोरोना के चलते लोग जैसलमेर घूमने नहीं आ रहे हैं. देवी सिंह के जैसे सैंकड़ों गाइड बेरोजगार बैठे हैं. दिवाली पर गाइड्स को कुछ उम्मीद थी कि पर्यटन पटरी पर लौटेगा लेकिन हालात में कोई सुधार नजर नहीं आया.

jaisalmer tourism,  tourism on diwali
दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

90 प्रतिशत कमरे खाली पड़े हैं

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कमल किशोर व्यास ने बताया कि इस बार दिवाली पर बहुत कम पर्यटक जैसलमेर पहुंचे हैं. पिछले साल की तुलना में केवल 10 प्रतिशत की बुकिंग हुई है. कमल किशोर इसके पीछे कारण कनेक्टिविटी को बताते हैं. उनका कहना है कि कोरोना में ट्रेनों और बसों का संचालन सामान्य नहीं हो सका है, यहां तक की यात्री भार में कमी के चलते फ्लाइट्स भी कैंसिल हो रही हैं. ऐसे में पर्यटक आने से बच रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना की वजह से रंग रोगन का काम करने वालों की दिवाली हुई फीकी

पर्यटकों की कमी के चलते ऊंट पालकों की रोजी-रोटी भी बंद हो गई है. जैसलमेर आने वाले अधिकरत पर्यटक ऊंटों की सवारी का आनंद लेते थे. साथ ही हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की भी आमदनी ना के बराबर रह गई है.

कोरोना के भय के चलते नहीं आ रहे पर्यटक

दिवाली पर होटल संचालक और रिसॉर्ट संचालकों की तरफ से भारी डिस्काउंट पर्यटकों को दिए जा रहे हैं. अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं बावजूद इसके पर्यटक आने से बच रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कोरोना का भय है. प्रदेश में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. जैसलमेर के पर्यटन व्यवसाइयों की सरकार से अपील है कि वो टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए कदम उठाए, पर्यटकों को आवागमन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जिससे की प्रदेश और जैसलमेर का पर्यटन फिर से पटरी पर लौट सके.

प्रदेश में सितंबर से शुरू होने वाला पर्यटन सीजन जो अक्टूबर-नवंबर में अपने चरम पर होता है और दिवाली के मौके पर तो पर्यटकों की भारी भीड़ लगी रहती है लेकिन इस बार जैसलमेर के पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए भी ये दिवाली कोरोना के चलते फीकी ही रहने वाली है.

जैसलमेर. कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसका असर अनलॉक के बाद भी बदस्तूर जारी है. राजस्थान पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण स्टेट है. जैसलमेर के हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर्यटन पर निर्भर है और त्योहारी सीजन में पर्यटकों की संख्या ज्यादा होती है तो ऐसे में पर्यटन के व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए ज्यादा मुनाफे का समय होता है. लेकिन इस बार कोरोना के चलते पर्यटन ठप पड़ा है. दिवाली पर अच्छी कमाई की आस लगाए बैठे जैसलमेर के पर्यटन व्यवसायियों के हाथ सिर्फ निराशा लगी है.

पर्यटन पर कोरोना का असर

कोरोना के बाद से देशभर के साथ ही राजस्थान का पर्यटन भी थम गया था. जैसलमेर में मिड मार्च के बाद से पर्यटकों ने आना बंद कर दिया था. जिसके बाद लंबे समय तक लॉकडाउन रहा और फिर अनलॉक में धीरे-धीरे चीजें खुलना शुरू हुई तो उम्मीद थी कि अब पर्यटन भी पटरी पर लौटेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. दिवाली पर भी जैसलमेर के पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं. कुछ इक्के-दुक्के पर्यटनों के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा है. जिसका सीधा असर टूरिस्ट गाइड, होटल व्यवसायी और पर्यटन से जुड़े दूसरे लोगों पर पड़ा है.

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इक्के-दुक्के पर्यटक ही पहुंच रहे हैं जैसलमेर

पढ़ें: Special: बिना बिजली, पानी व छत के चल रहा है अलवर तहसील का ये नया भवन, घर से लाना पड़ता है इनवर्टर

बेरोजगार बैठे हैं गाइड

देवी सिंह कई सालों से जैसलमेर में टूरिस्ट गाइड का काम करते आ रहे हैं. लेकिन कोरोना के बाद से उनके पास कोई काम नहीं है. देवी सिंह बताते हैं कि इस टाइम पर्यटकों की काफी संख्या होती थी लेकिन कोरोना के चलते लोग जैसलमेर घूमने नहीं आ रहे हैं. देवी सिंह के जैसे सैंकड़ों गाइड बेरोजगार बैठे हैं. दिवाली पर गाइड्स को कुछ उम्मीद थी कि पर्यटन पटरी पर लौटेगा लेकिन हालात में कोई सुधार नजर नहीं आया.

jaisalmer tourism,  tourism on diwali
दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

90 प्रतिशत कमरे खाली पड़े हैं

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कमल किशोर व्यास ने बताया कि इस बार दिवाली पर बहुत कम पर्यटक जैसलमेर पहुंचे हैं. पिछले साल की तुलना में केवल 10 प्रतिशत की बुकिंग हुई है. कमल किशोर इसके पीछे कारण कनेक्टिविटी को बताते हैं. उनका कहना है कि कोरोना में ट्रेनों और बसों का संचालन सामान्य नहीं हो सका है, यहां तक की यात्री भार में कमी के चलते फ्लाइट्स भी कैंसिल हो रही हैं. ऐसे में पर्यटक आने से बच रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना की वजह से रंग रोगन का काम करने वालों की दिवाली हुई फीकी

पर्यटकों की कमी के चलते ऊंट पालकों की रोजी-रोटी भी बंद हो गई है. जैसलमेर आने वाले अधिकरत पर्यटक ऊंटों की सवारी का आनंद लेते थे. साथ ही हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की भी आमदनी ना के बराबर रह गई है.

कोरोना के भय के चलते नहीं आ रहे पर्यटक

दिवाली पर होटल संचालक और रिसॉर्ट संचालकों की तरफ से भारी डिस्काउंट पर्यटकों को दिए जा रहे हैं. अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं बावजूद इसके पर्यटक आने से बच रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कोरोना का भय है. प्रदेश में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. जैसलमेर के पर्यटन व्यवसाइयों की सरकार से अपील है कि वो टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए कदम उठाए, पर्यटकों को आवागमन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जिससे की प्रदेश और जैसलमेर का पर्यटन फिर से पटरी पर लौट सके.

प्रदेश में सितंबर से शुरू होने वाला पर्यटन सीजन जो अक्टूबर-नवंबर में अपने चरम पर होता है और दिवाली के मौके पर तो पर्यटकों की भारी भीड़ लगी रहती है लेकिन इस बार जैसलमेर के पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए भी ये दिवाली कोरोना के चलते फीकी ही रहने वाली है.

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