जयपुर. देश के 6 राज्यों में वेटलैंड्स संरक्षण के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की पहल पर राजधानी में 2 दिवसीय वर्कशॉप मंगलवार से शुरू की गई. 6 राज्यों में वेटलैंड यानी झील, जलाशय और तालाबों के संरक्षण के लिए वर्कशॉप में चर्चा की जा रही है. इस वर्कशॉप में झील, जलाशय और तालाबों को बचाने के लिए छह राज्यों के विशेषज्ञ मंथन कर रहे हैं.प्रदेश में नई नीतियों को लागू करने और आमजन को झील, जलाशय और तालाबों के प्रति जागरुक कर उन्हें बचाने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
देश के 6 राज्यों में वेटलैंड्स संरक्षण के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की पहल पर राजधानी में 2 दिवसीय वर्कशॉप आज से शुरू की गई.6 राज्यों में वेटलैंड यानी झील, जलाशय और तालाबों के संरक्षण के लिए वर्कशॉप में चर्चा की गई. इस वर्कशॉप में झील, जलाशय और तालाबों को बचाने के लिए छह राज्यों के विशेषज्ञ मंथन कर रहे हैं.प्रदेश में नई नीतियों को लागू करने और आमजन को झील, जलाशय और तालाबों के प्रति जागरुक कर उन्हें बचाने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
इस वर्कशॉप में प्रदेश प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा, हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्सेज सीएस रत्नासामी, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से ज्वाइंट सेक्रेट्री मंजू पांडे जयपुर पहुंची. उन्होंने बताया कि यह रीजनल वर्कशॉप है और इन सभी राज्यों के लिए बेहद अहम है. वर्कशॉप में तय किया जाएगा चुनौतियां क्या है और राज्यों की मदद लेकर केंद्रीय स्तर पर उनका समाधान कैसे निकाला जाए.
राजस्थान में मौजूद ज्यादातर वेटलैंड्स बेहद गंभीर हालात में है. उनके संरक्षण के लिए त्वरित कार्रवाई करना बेहद जरूरी है। राजस्थान में पानी की किल्लत के चलते इस दिशा में बेहतर काम किया जाना काफी जरूरी है. सरकारी तौर पर मंथन शुरू हुआ है. इस मामले में सांभर झील का फील्ड विजिट भी होगा. मंथन कर रहे विशेषज्ञ निष्कर्ष निकाल कर केंद्र को देंगे उसके बाद मामले में जरूरी कदम भी उठाए जाएंगे.