जयपुर. भीषण गर्मी के साथ राजधानी के कई क्षेत्रों पेयजल की समस्या बढ़ गई है. साल दर साल बढ़ रहा शहर का क्षेत्रफल, और 37 लाख से ज्यादा की आबादी के लिए पानी का बंदोबस्त करना जलदाय विभाग के बूते के बाहर होता जा रहा है. प्यास बुझाने के लिए बीसलपुर लाइन भी पूरे शहर में नहीं डाली जा सकी है.
दरअसल, जयपुर के जयसिंह पुरा खोर क्षेत्र में 10 दिन से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन नल में पानी नहीं आ रहा है. लोगों को घंटों लाइन में लगकर सरकारी नल से पानी का जुगत लगानी पड़ रही है. महिलाएं मटके, डिब्बे और बाल्टियां लेकर कतार में खड़े होकर घंटों अपनी बारी का प्रतीक्षा करती हैं. नारी शक्ति अधिकतर अपने समय का इस्तेमाल फिलहाल अपने आंगन तक पानी पहुंचाने में लगा रही हैं.
ये नजारा किसी गांव या ढाणी का नहीं बल्कि राजधानी जयपुर का है. इसी राज्य के जलदाय मंत्री का दावा है कि हर घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है और गर्मियों में पानी की किल्लत शहरवासियों को महसूस नहीं होने दी जाएगी, लेकिन शायद मंत्री जी का ध्यान महज रिहायशी इलाकों तक सीमित है. उन्हें शहर का जयसिंह पुरा खोर क्षेत्र नजर नहीं आता. जहां एक-दो दिन नहीं बल्कि बीते 15 दिनों से नल से पानी की एक बूंद तक नहीं टपकी. यही वजह है कि क्षेत्रीय महिलाओं के दिन की शुरुआत पानी के लिए लाइन में लगने से लेकर, तमाम जद्दोजहद और संघर्ष के बाद दो बर्तन पानी अपने घर ले जाने से होती है.
वहीं शहरवासियों का कहना है कि समस्या से क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और अधिकारी भली भांति अवगत हैं. क्षेत्रीय पार्षद ग्यारसी लाल की मानें तो ये समस्या सालों से जयसिंह पुरा खोर क्षेत्र में बनी हुई है. इस संबंध में सैकड़ों बार शिकायत भी दर्ज करवाई जा चुकी है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब जनप्रतिनिधि की सुनवाई नहीं हो रही, तो आम आदमी की तो क्या बिसाद. यही कारण है की गंदे नाले के पास जयसिंह पुरा खोर की जनता एक नल से पानी भरने की जद्दोजहद करने को मजबूर है.