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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए समाज को बांटने वालों से रहे सावधान - Jagdeep Dhankhar Jaipur Visit

Jagdeep Dhankhar Jaipur Visit, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचे, जहां उन्होंने इलेक्ट्रोपैथी की राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने समाज को बांटने की सियासत करने वालों पर जमकर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग समाज को तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए बांटना चाहते हैं, वो जहर फैलाना चाहते हैं. ऐसे में वो समाज के ही नहीं, बल्कि खुद के भी दुश्मन है.

Jagdeep Dhankhar Jaipur Visit
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 13, 2024, 7:28 PM IST

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

जयपुर. जो लोग समाज को तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए हिस्सों में बांटना चाहते हैं, वो जहर फैलाना चाहते हैं. वो समाज के दुश्मन नहीं, खुद के भी दुश्मन है. ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की बजाय, जागरूक करने की आवश्यकता है. ये कहना है देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का. दरअसल, शनिवार को जयपुर में आयोजित इलेक्ट्रोपैथी की राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कही. इस दौरान उन्होंने खुद को इलेक्ट्रोपैथी का लाभार्थी बताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इसे बढ़ावा देने के क्रम में हर सभंव कदम उठाने की भी अपील की.

बांटने वालों से रहे सावधान : उपराष्ट्रपति ने कहा कि जो लोग समाज को दो हिस्सों में बांटना चाहते हैं, वो समाज में जहर फैला कर 35 बनाम 1 कौम जैसी बात करते हैं. वो समाज के लिए घातक हैं. उपराष्ट्रपति ने राम मंदिर के संबंध में निमंत्रण मिलने की बात कहते हुए कहा कि उन्हें सार्वजनिक रूप से कहना पड़ा कि राम की कल्पना राम राज्य की कल्पना संविधान में निहित है. संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ ही राम लक्ष्मण सीता के चित्र हैं. बड़ी पीड़ा होती है, जब कोई अज्ञानी राम को काल्पनिक बताता है. वर्तमान में किसी और का नहीं, बल्कि संविधान निर्माता का अनादर किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने बहुत सोच समझकर उन चित्रों को संविधान में रखा.

इसे भी पढ़ें - उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- जिन्होंने हम पर वर्षों तक राज किया, आज हमारी अर्थव्यवस्था उनसे बेहतर

किसानों से की ये अपील : इस दौरान उन्होंने उन किसानों से अपील की, जो अपने बच्चों को नौकरी में भेजने में लगे हैं, लेकिन वो इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं कि सबसे बड़ा व्यवसाय कृषि उत्पादन का है. आज पूरी दुनिया समझ गई है कि भारत का अमृतकाल भारत का गौरवकाल है. साल 2047 में भारत सिर्फ विकसित देश नहीं, बल्कि विश्व का सर्वोपरि देश होगा. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने अपील करते हुए कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद की सोचे. थोड़े से पैसे के लालच के लिए देश का और देश के नागरिकों का अहित न करें. भारत से रॉ मैटेरियल बाहर न जाए और कोयला, ऊर्जा, पानी का इस्तेमाल ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन होना चाहिए.

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इलेक्ट्रोपैथी राष्ट्रीय सेमिनार में शामिल हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ संग में सीएम भजनलाल शर्मा व अन्य

सीएम भजनलाल की लोकप्रियता पर बोले उपराष्ट्रपति : वहीं, उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री की लोकप्रियता को लेकर कहा कि पूत के पांव तो पालने में दिख जाते हैं. देखने से ही लगता है कि राजस्थान के बहुत अच्छे दिन आ गए हैं. उन्होंने सीएम को 32 साल पुराने एक दीवानी के मुकदमा का याद दिलाया. साथ ही खेत में हेलीकॉप्टर लैंडिंग की एक घटना का भी जिक्र किया.

देश हित सर्वोपरि : आगे उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की वन सिक्स्थ पॉपुलेशन रहती है. यहां जो व्यवस्था है दुनिया में इसका कोई मुकाबला नहीं है. ऐसे में देश हित को सर्वोपरि रखना हमारा दायित्व है, लेकिन कुछ भ्रमित लोग राष्ट्र विरोधी नैरेटिव को चलाते हैं. जानकार आदमी जब ऐसा करता है तो पीड़ा होती है. एक अर्थशास्त्री जो 10 सालों तक भारत की व्यवस्था से जुड़ा रहा, वो कहता है कि अर्थव्यवस्था में 5% से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन आज बढ़ोतरी 7.6% है. ऐसे में आज समय चुप रहने का नहीं है. हर व्यक्ति वर्तमान स्थिति को देखकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे. आज भारत का अस्तित्व पूरी दुनिया दूसरे तरीके से मान रही है.

इसे भी पढ़ें - हम बिना कारण किसी को भारत को शर्मिदां करने की अनुमति नहीं दे सकते : उपराष्ट्रपति

सीएम से उपराष्ट्रपति ने की ये अपील : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अच्छे कर्म का फल इसी धरती पर मिलता है. कोलकाता में जब वो बीमार हुए थे, तब उन्हें इलेक्टोपैथी दवा से फायदा हुआ था. इस पर डॉक्टर्स भी आश्चर्यचकित रह गए थे. वो खुद इलेक्ट्रोपैथी के लाभार्थी हैं. ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से इसका बोर्ड बनाने और काम को आगे बढ़ाने की अपील की. साथ ही कहा कि इलेक्ट्रोपैथी को राजस्थान विधानसभा ने तो मान लिया है, लेकिन संसद और दूसरे राज्यों में अभी विधेयक पास नहीं हो पाया है. ऐसे में प्रयास करना चाहिए कि संसद में भी ये विषय गूंजे.

राजस्थान में होगा इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति का विस्तार : वहीं, इस दौरान सेमिनार में मौजूद रहे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी में औषधीय पौधों के रसों से इलाज किया जाता है. ये लोगों की सेवा के श्रेष्ठ मार्ग के रूप में उभर रही है. इलेक्ट्रोपैथी औषधीय पद्धति विभिन्न रोगों के इलाज में प्रभावी पाई गई. आज राजस्थान में हजारों लोगों का इस पद्धति से इलाज हो रहा है. गौरव की बात यह है कि इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता देने वाला राजस्थान पहला राज्य है. विधानसभा में 2018 में विधेयक पारित किया. अब प्रयास ये होना चाहिए कि इस पद्धति को जानने वाले व्यक्तियों की एक सेमिनार बुलाकर के इस पद्धति को आगे बढ़ाने का काम हो. और राजस्थान अग्रणी बनकर इसे बढ़ाने में काम करें.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan : भरतपुर दौरे पर जगदीप धनखड़, बोले- भारत अपना दबंग रूप दिखा रहा, कुछ लोगों का हाजमा हो रहा खराब

यह हमारी पुरातन परंपरा का हिस्सा है : उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि आमजन के स्वास्थ्य उन्नत हो, इसके लिए कार्य करना भी सरकार का पहला कर्तव्य है. आज आयुर्वेदिक, एलोपैथी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति भी व्यक्ति में होने वाले सभी रोगों को दूर करने में कारगर साबित हो रही है. इस पद्धति का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. यह पूर्ण रूप से हर्बल पद्धति पर आधारित है. इलेक्ट्रोपैथी की दवा का आधार केवल औषधीय पौधों का रस है. इस प्रकार से उपचार करना हमारी पुरातन परंपरा भी रही है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

जयपुर. जो लोग समाज को तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए हिस्सों में बांटना चाहते हैं, वो जहर फैलाना चाहते हैं. वो समाज के दुश्मन नहीं, खुद के भी दुश्मन है. ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की बजाय, जागरूक करने की आवश्यकता है. ये कहना है देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का. दरअसल, शनिवार को जयपुर में आयोजित इलेक्ट्रोपैथी की राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कही. इस दौरान उन्होंने खुद को इलेक्ट्रोपैथी का लाभार्थी बताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इसे बढ़ावा देने के क्रम में हर सभंव कदम उठाने की भी अपील की.

बांटने वालों से रहे सावधान : उपराष्ट्रपति ने कहा कि जो लोग समाज को दो हिस्सों में बांटना चाहते हैं, वो समाज में जहर फैला कर 35 बनाम 1 कौम जैसी बात करते हैं. वो समाज के लिए घातक हैं. उपराष्ट्रपति ने राम मंदिर के संबंध में निमंत्रण मिलने की बात कहते हुए कहा कि उन्हें सार्वजनिक रूप से कहना पड़ा कि राम की कल्पना राम राज्य की कल्पना संविधान में निहित है. संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ ही राम लक्ष्मण सीता के चित्र हैं. बड़ी पीड़ा होती है, जब कोई अज्ञानी राम को काल्पनिक बताता है. वर्तमान में किसी और का नहीं, बल्कि संविधान निर्माता का अनादर किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने बहुत सोच समझकर उन चित्रों को संविधान में रखा.

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किसानों से की ये अपील : इस दौरान उन्होंने उन किसानों से अपील की, जो अपने बच्चों को नौकरी में भेजने में लगे हैं, लेकिन वो इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं कि सबसे बड़ा व्यवसाय कृषि उत्पादन का है. आज पूरी दुनिया समझ गई है कि भारत का अमृतकाल भारत का गौरवकाल है. साल 2047 में भारत सिर्फ विकसित देश नहीं, बल्कि विश्व का सर्वोपरि देश होगा. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने अपील करते हुए कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद की सोचे. थोड़े से पैसे के लालच के लिए देश का और देश के नागरिकों का अहित न करें. भारत से रॉ मैटेरियल बाहर न जाए और कोयला, ऊर्जा, पानी का इस्तेमाल ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन होना चाहिए.

Jagdeep Dhankhar Jaipur Visit
इलेक्ट्रोपैथी राष्ट्रीय सेमिनार में शामिल हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ संग में सीएम भजनलाल शर्मा व अन्य

सीएम भजनलाल की लोकप्रियता पर बोले उपराष्ट्रपति : वहीं, उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री की लोकप्रियता को लेकर कहा कि पूत के पांव तो पालने में दिख जाते हैं. देखने से ही लगता है कि राजस्थान के बहुत अच्छे दिन आ गए हैं. उन्होंने सीएम को 32 साल पुराने एक दीवानी के मुकदमा का याद दिलाया. साथ ही खेत में हेलीकॉप्टर लैंडिंग की एक घटना का भी जिक्र किया.

देश हित सर्वोपरि : आगे उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की वन सिक्स्थ पॉपुलेशन रहती है. यहां जो व्यवस्था है दुनिया में इसका कोई मुकाबला नहीं है. ऐसे में देश हित को सर्वोपरि रखना हमारा दायित्व है, लेकिन कुछ भ्रमित लोग राष्ट्र विरोधी नैरेटिव को चलाते हैं. जानकार आदमी जब ऐसा करता है तो पीड़ा होती है. एक अर्थशास्त्री जो 10 सालों तक भारत की व्यवस्था से जुड़ा रहा, वो कहता है कि अर्थव्यवस्था में 5% से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन आज बढ़ोतरी 7.6% है. ऐसे में आज समय चुप रहने का नहीं है. हर व्यक्ति वर्तमान स्थिति को देखकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे. आज भारत का अस्तित्व पूरी दुनिया दूसरे तरीके से मान रही है.

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सीएम से उपराष्ट्रपति ने की ये अपील : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अच्छे कर्म का फल इसी धरती पर मिलता है. कोलकाता में जब वो बीमार हुए थे, तब उन्हें इलेक्टोपैथी दवा से फायदा हुआ था. इस पर डॉक्टर्स भी आश्चर्यचकित रह गए थे. वो खुद इलेक्ट्रोपैथी के लाभार्थी हैं. ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से इसका बोर्ड बनाने और काम को आगे बढ़ाने की अपील की. साथ ही कहा कि इलेक्ट्रोपैथी को राजस्थान विधानसभा ने तो मान लिया है, लेकिन संसद और दूसरे राज्यों में अभी विधेयक पास नहीं हो पाया है. ऐसे में प्रयास करना चाहिए कि संसद में भी ये विषय गूंजे.

राजस्थान में होगा इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति का विस्तार : वहीं, इस दौरान सेमिनार में मौजूद रहे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी में औषधीय पौधों के रसों से इलाज किया जाता है. ये लोगों की सेवा के श्रेष्ठ मार्ग के रूप में उभर रही है. इलेक्ट्रोपैथी औषधीय पद्धति विभिन्न रोगों के इलाज में प्रभावी पाई गई. आज राजस्थान में हजारों लोगों का इस पद्धति से इलाज हो रहा है. गौरव की बात यह है कि इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता देने वाला राजस्थान पहला राज्य है. विधानसभा में 2018 में विधेयक पारित किया. अब प्रयास ये होना चाहिए कि इस पद्धति को जानने वाले व्यक्तियों की एक सेमिनार बुलाकर के इस पद्धति को आगे बढ़ाने का काम हो. और राजस्थान अग्रणी बनकर इसे बढ़ाने में काम करें.

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यह हमारी पुरातन परंपरा का हिस्सा है : उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि आमजन के स्वास्थ्य उन्नत हो, इसके लिए कार्य करना भी सरकार का पहला कर्तव्य है. आज आयुर्वेदिक, एलोपैथी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति भी व्यक्ति में होने वाले सभी रोगों को दूर करने में कारगर साबित हो रही है. इस पद्धति का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. यह पूर्ण रूप से हर्बल पद्धति पर आधारित है. इलेक्ट्रोपैथी की दवा का आधार केवल औषधीय पौधों का रस है. इस प्रकार से उपचार करना हमारी पुरातन परंपरा भी रही है.

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